लॉकडाउन: अब श्रमिक स्पेशल ट्रेन में 1200 की बजाय क़रीब 1700 यात्री होंगे सवार, तीन ठहराव होंगे

​श्रमिक स्पेशल ट्रेनों में 24 कोच होंगे. सामाजिक दूरी के प्रोटोकॉल का पालन के तहत वर्तमान में हर कोच में सिर्फ 54 यात्रियों को लेकर ले जाया जा रहा है, लेकिन अब 72 सीटों पर 72 यात्री होंगे.

श्रमिक विशेष ट्रेन (फोटो: पीटीआई)

श्रमिक स्पेशल ट्रेनों में 24 कोच होंगे. सामाजिक दूरी के प्रोटोकॉल का पालन के तहत वर्तमान में हर कोच में सिर्फ 54 यात्रियों को लेकर ले जाया जा रहा है, लेकिन अब 72 सीटों पर 72 यात्री होंगे.

श्रमिक विशेष ट्रेन (फोटो: पीटीआई)
श्रमिक विशेष ट्रेन (फोटो: पीटीआई)

नई दिल्ली: लॉकडाउन के दौरान अधिक से अधिक प्रवासियों को घर पहुंचाने के प्रयास में रेलवे ने अब ‘श्रमिक विशेष’ गाड़ियों में 1200 की जगह करीब 1700 यात्रियों को भेजने का निर्णय किया है और तीन स्थानों पर इन ट्रेनों का ठहराव होगा.

विशेष श्रमिक गाड़ियों में 24 डब्बे होंगे और प्रत्येक डब्बे में 72 यात्रियों को ले जाने की क्षमता है. सामाजिक दूरी के प्रोटोकॉल का पालन करने के लिए वर्तमान में प्रत्येक डब्बे में 54 यात्रियों को लेकर ले जाया जा रहा है. अब 72 सीटों पर 72 यात्री होंगे.

रेलवे की ओर से जारी आदेश के मुताबिक रेलवे जोनों को संबंधित राज्यों में गंतव्य के अलावा तीन जगहों पर गाड़ियों के ठहराव के लिए कहा गया है. राज्य सरकारों के आग्रह पर यह निर्णय किया गया है.

इसमें यह भी कहा गया है कि ट्रेन में यात्रियों को ले जाने की क्षमता उसमें मौजूद शयनयान कोच के सीटों की संख्या के बराबर होनी चाहिए.

अब से ट्रेन की मिडिल बर्थ भी अलॉट की जाएगी. इससे पहले भारतीय रेलवे ने विशेष ट्रेनों को चलाने के लिए जो दिशानिर्देश जारी किए थे, उसमें कहा गया था कि सामाजिक दूरी बनाए रखने के लिए किसी भी यात्री को मिडिल बर्थ आवंटित नहीं किया जाएगा.

रेलवे के इस आदेश से एक दिन पहले रेल मंत्री पीयूष गोयल ने सभी राज्यों से उदारतापूर्वक मंजूरी देने की अपील की थी, मंत्री की अपील खास तौर से उन राज्यों के लिए थी, जिन्होंने बहुत कम ट्रेनों की अनुमति दी थी.

प्रवासी श्रमिकों के लिए ट्रेनों को मंजूरी देने के मामले पर गृह सचिव की मुख्य सचिवों के साथ रविवार को हुई वीडियो कांफ्रेंस में भी चर्चा हुई थी.

भारतीय रेल ने एक मई से अब तक 468 ट्रेनों के माध्यम से पांच लाख से अधिक यात्रियों को उनके गंतव्य तक पहुंचाया है.

अब तक बिहार ने सबसे अधिक 100 ट्रेनों को मंजूरी दी है और सबसे अधिक प्रवासी श्रमिकों को वापस बुलाया है जबकि पश्चिम बंगाल ने केवल दो ट्रेनों को मंजूर किया है जबकि आठ और गाड़ियों को अनुमति मिलने की संभावना है.

एक वरिष्ठ अधिकारी ने इस कदम के बारे में जानकारी देते हुए बताया, ‘रेलवे के पास रोजाना 300 ट्रेनें चलाने की क्षमता है और हम इसे ज्यादा से ज्यादा बढ़ाना चाहते हैं. अगले कुछ दिनों में हम चाहते हैं कि ज्यादा से ज्यादा संख्या में प्रवासी श्रमिकों को उनके घरों तक पहुंचाया जाए. इसके लिए हमने राज्यों से मंजूरी भेजने को कहा है.’

बता दें कि इससे पहले रविवार को रेल मंत्रालय ने कोरोना वायरस लॉकडाउन के मद्देनजर बंद रेल सेवाओं को फिर से शुरू करने की घोषणा की थी.

भारतीय रेलवे की ओर कहा गया था कि वह 12 मई से 15 जोड़ी ट्रेनों के साथ अपना संचालन धीरे-धीरे शुरू करेगा. कहा गया था कि इसके लिए टिकट बुकिंग की शुरुआत 11 मई को शाम चार बजे से शुरू की जाएगी और टिकट सिर्फ आईआरसीटीसी की वेवसाइट या मोबाइल ऐप के जरिये ही बुक की जा सकेगी.

रेलवे की तरफ से जारी विज्ञप्ति के अनुसार नई दिल्ली स्टेशन से डिब्रूगढ़, अगरतला, हावड़ा, पटना, बिलासपुर, रांची, भुवनेश्वर, सिकंदराबाद, बेंगलुरु, चेन्नई, तिरुवनंतपुरम, मडगांव, मुंबई सेंट्रल, अहमदाबाद और जम्मू तवी को जोड़ने वाली इन ट्रेनों को विशेष ट्रेनों के रूप में चलाया जाएगा.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)