श्री वेंकटेश्वर मंदिर का देखरेख करने वाले तिरुमला तिरुपति देवस्थानम के अध्यक्ष वाईवी सुब्बा रेड्डी ने कहा कि कोरोना वायरस से निपटने के लिए लागू लॉकडाउन के बाद हर महीने 200 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है.
तिरुपति: श्री वेंकटेश्वर मंदिर का संचालन और देखरेख करने वाले दुनिया के सबसे अमीर मंदिर ट्रस्ट में से एक तिरुमला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) का कहना है कि लॉकडाउन में उसे 400 करोड़ रुपये का नुकसान उठाना पड़ा है, जिसके कारण उसे कर्मचारियों का वेतन देने में परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.
हालांकि, एक शीर्ष अधिकारी ने कहा कि 400 करोड़ रुपये के राजस्व नुकसान के बावजूद ट्रस्ट ने अपने लगभग 23,000 कर्मचारियों के वास्ते वेतन कटौती को लागू नहीं किया है और उसे अगले दो से तीन महीनों के लिए पूरे वेतन का भुगतान करने का भरोसा है.
टीटीडी के अध्यक्ष वाईवी सुब्बा रेड्डी ने कहा कि कोरोना वायरस से निपटने के लिए केंद्र द्वारा 24 मार्च को लगाए गए लॉकडाउन के बाद हर महीने 200 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है. उन्होंने कहा कि टीटीडी ने एहतियात के तौर पर 20 मार्च से ही मंदिर में प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया था.
रेड्डी ने कहा, ‘गंभीर आर्थिक संकट के बाजवूद टीटीडी अपने सभी स्थायी कर्मचारियों और अन्य कर्मियों और पेंशनधारियों को अगले दो या तीन महीनों के लिए (पूर्ण) वेतन का भुगतान करने की स्थिति में होगा.’
मंदिर के एक अधिकारी ने कहा कि टीटीडी बोर्ड को आय के वैकल्पिक स्रोतों से अपनी आवश्यकताओं को पूरा करने की उम्मीद है, जैसे कि सावधि जमा (एफडी) जिसमें 700 करोड़ रुपये का वार्षिक ब्याज मिलता है. विभिन्न राष्ट्रीयकृत बैंकों में एफडी में 12,000 करोड़ रुपये है.
अधिकारी ने बताया कि मंदिर में हर साल लगभग 2.5 करोड़ श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं.
रेड्डी ने कहा कि 2000 साल पुराना यह मंदिर देशव्यापी लॉकडाउन के चलते बंद है, लेकिन पुजारियों द्वारा सभी अनुष्ठानों को निर्बाध रूप से संचालित किया जा रहा है.
रेड्डी ने कहा कि कई धर्मार्थ गतिविधियों में शामिल होने के अलावा टीटीडी के नियंत्रण में कई शैक्षणिक संस्थान और स्वास्थ्य देखभाल सुविधाएं हैं, जो जरूरतमंद जनता की सेवा के लिए हैं और इन पहलुओं का भी ध्यान रखा जा रहा है.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)