12 मई से शुरू हो रही विशेष राजधानी ट्रेनों के यात्रियों के लिए आरोग्य सेतु ऐप को अनिवार्य कर दिया गया है. केंद्र सरकार का कहना है कि नए नियमों के बाद ऐप का डेटा इकट्ठा होने के ठीक 180 दिन बाद डिलीट हो जाएगा.
नई दिल्लीः केंद्र सरकार ने आरोग्य सेतु ऐप के उपयोगकर्ताओं की जानकारियों के की प्रोसेसिंग के लिए नए दिशानिर्देश जारी किए हैं, जिसके तहत नियमों का उल्लंघन करने वालों के लिए जेल की सजा का प्रावधान है.
नए नियमों के तहत ऐप का डेटा इकट्ठा होने के ठीक 180 दिन बाद डेटा डिलीट हो जाएगा, इसके साथ ही डेटा का इस्तेमाल सिर्फ स्वास्थ्य से जुड़े उद्देश्यों के लिए ही होगा.
इसके साथ ही उपयोगकर्ता आरोग्य सेतु से संबंधित जानकारियों को मिटाने का अनुरोध भी कर सकते हैं. इस तरह के अनुरोध पर 30 दिन के भीतर अमल करना होगा.
नए नियम केवल डेमोग्राफिक, कॉन्टैक्ट, सेल्फ-असेसमेंट और संक्रमितों के लोकेशन डेटा के संग्रह की ही अनुमति देते हैं.
इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) मंत्रालय के सचिव अजय प्रकाश साहनी ने कहा, ‘डेटा प्राइवेसी पर बहुत काम किया गया है. यह सुनिश्चित करने के लिये एक अच्छी गोपनीयता नीति बनायी गयी है कि लोगों के व्यक्तिगत डेटा का दुरुपयोग न हो.
बता दें कि देश में अभी तक 9.8 करोड़ लोगों ने आरोग्य सेतु ऐप डाउनलोड किया है. यह ऐप एंड्रॉइड, एप्पल के आईओएस और जिओ फोन पर उपलब्ध है. सरकार ने उन लोगों के लिये एक टोल फ्री नंबर 1921 भी जारी किया है जिनके पास स्मार्टफोन नहीं है.
कोविड-19 को लेकर रोक वाले इलाकों में आरोग्य सेतु ऐप को अनिवार्य कर दिया गया है. यदि इस ऐप के उपयोगकर्ता किसी संक्रमित व्यक्ति के निकट संपर्क में आते हैं, तो ऐप उपयोगकर्ताओं को सचेत करता है.
इन दिशानिर्देशों में कोरोना के प्रसार को नियंत्रित करने में शामिल विभिन्न एजेंसियों द्वारा डेटा प्रबंधन की प्रक्रिया तय की गई है.
प्रावधानों में कहा गया है, ‘इन दिशानिर्देशों के किसी भी उल्लंघन के लिये आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 की धारा 51 से 60 के अनुसार दंड तथा अन्य कानूनी प्रावधान लागू हो सकते हैं.’
आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत जुर्माना लगाने से लेकर जेल की सजा तक का प्रावधान है.
साहनी ने कहा कि सबसे महत्वपूर्ण कार्य ऐप से विभिन्न विभागों में डेटा का प्रवाह है जहां व्यक्तियों की गोपनीयता पर बहुत जोर दिया गया है.
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साहनी ने कहा, ‘आरोग्य सेतु के 13,000 से कम उपयोगकर्ताओं को कोरोना वायरस संक्रमण में सकारात्मक पाया गया है, लेकिन इसकी मदद से लगभग 1.4 लाख ऐसे लोगों का पता लगाया गया और सतर्क किया गया है, जो संक्रमित व्यक्ति के निकट संपर्क में आये हैं.’
उन्होंने कहा कि गोपनीयता आरोग्य सेतु का एक महत्वपूर्ण पहलू है. नागरिकों के अधिकार का पक्ष रखने वाले कई समूहों ने आरोप लगाया है कि सरकार विशेष रूप से गोपनीयता के आसपास किसी भी कानून की अनुपस्थिति में बड़े पैमाने पर निगरानी के लिए आरोग्य सेतु का उपयोग कर रही है.
मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा कि प्रोटोकॉल कानूनी अंतर को पाटने और गोपनीयता संबंधी चिंताओं को दूर करने के लिये जारी किया गया है. साहनी ने कहा कि एक गैर-संक्रमित व्यक्ति का डेटा 30 दिन में हटा दिया जाता है.
इसके अलावा जांच कराने वाले लोगों का डेटा 45 दिन में बगैर इलाज कराने वाले लोगों का डेटा 60 दिन में हटा दिया जाता है.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, आज से शुरू हो रही विशेष राजधानी ट्रेनों से यात्रा करने वाले यात्रियों के लिए आरोग्य सेतु ऐप को अनिवार्य कर दिया गया है.
जिन यात्रियों के पास आरोग्य सेतु ऐप नहीं है, उन्हें स्टेशन पहुंचने के बाद इसे डाउनलोड करने को कहा जाएगा.
Indian Railways is going to start few passenger trains services. It is mandatory for passengers to download Aarogya Setu app in their mobile phones, before commencing their journey
Download this app now –
Android : https://t.co/bpfHKNLHmD
IOS : https://t.co/aBvo2Uc1fQ pic.twitter.com/MRvP8QBVPU— Ministry of Railways (@RailMinIndia) May 11, 2020
रेल मंत्रालय ने सोमवार दे रात ट्वीट कर बताया कि ट्रेन यात्रा शुरू करने से पहले यात्रियों के लिए आरोग्य सेतु ऐप डाउनलोड करना अनिवार्य है.
हालांकि इन ट्रेनों से यात्रा करने वाले यात्रियों के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से जारी दिशानिर्देशों में इसका कोई उल्लेख नहीं किया गया.
प्रेस इंफोर्मेशन ब्यूरो (पीआईबी) ने सोमवार को बयान जारी कर कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग ऐप का इस्तेमाल करने की सलाह दी थी.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)