कांग्रेस उम्मीदवार अश्विन राठौड़ ने आरोप लगाया था कि चूड़ास्मा ने चुनाव प्रक्रिया के विभिन्न चरणों में, विशेष रूप से वोटों की गिनती के समय चुनाव आयोग के कई अनिवार्य निर्देशों का उल्लंघन किया.
नई दिल्ली: गुजरात हाईकोर्ट ने राज्य के भाजपा नेता और मंत्री भूपेंद्र सिंह चूड़ास्मा के 2017 के चुनाव को कदाचार और हेरफेर के आधार पर रद्द कर दिया है.
चुनाव के दौरान कांग्रेस उम्मीदवार अश्विन राठौड़ द्वारा दायर की गई याचिका पर फैसला देते हुए जस्टिस परेश उपाध्याय ने चूड़ास्मा के चुनाव को खारिज कर दिया. भाजपा नेता भूपेंद्र सिंह चूड़ास्मा साल 2017 के गुजरात विधानसभा चुनाव में धोलका विधानसभा सीट पर 327 वोटों के अंतर से जीते थे.
Gujarat High Court declares BJP minister Bhupendrasinh Chudasama's 2017 election void on grounds of malpractice and manipulation
— Press Trust of India (@PTI_News) May 12, 2020
इस जीत को चुनौती देते हुए याचिका दायर कर राठौड़ ने आरोप लगाया था कि चूड़ास्मा ने चुनाव प्रक्रिया के विभिन्न चरणों में, विशेष रूप से वोटों की गिनती के समय भ्रष्ट आचरण अपनाया और चुनाव आयोग के कई अनिवार्य निर्देशों का उल्लंघन किया.
सत्य मेव जयते । 🙏
— Shaktisinh Gohil MP (@shaktisinhgohil) May 12, 2020
चूड़ास्मा वर्तमान में विजय रूपाणी सरकार में शिक्षा, कानून और न्याय, विधायी और संसदीय मामलों और कुछ अन्य विभागों का प्रभार संभाल रहे हैं.
इकोनॉमिक टाइम्स की खबर के मुताबिक गुजरात के डिप्टी सीएम नितिन पटेल ने कहा कि इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी जाएगी और पार्टी चूड़ास्मा के साथ है.
उन्होंने कहा कि चूड़ास्मा पार्टी के समर्पित सदस्य हैं और जनसंघ के दिनों से ही उनका समर्पण रहा है. वहीं कांग्रेस ने इस फैसले को सत्य की जीत बताया. कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता शक्ति सिंह गोहिल ने ट्वीट किया, ‘सत्यमेव जयते’.
भूपेंद्र सिंह चूड़ास्मा काफी विवादों में रहे हैं. पिछले साल के जनवरी महीने में उन्होंने गुजरात के स्कूलों में हाजिरी (अटेंडेंस) के समय ‘यस सर’ और ‘प्रजेंट सर’ के बजाय ‘जय हिंद’ या ‘जय भारत’ कहने का निर्देश दिया था.