एक दुर्घटना में जालौन के गिर थान के पास ट्रक ने मेटाडोर को टक्कर मारी, जिसमें एक महिला सहित दो मज़दूरों की मौत हुई. दूसरी घटना में लखनऊ-बहराइच राजमार्ग पर एक मेटाडोर अनियंत्रित होकर पलट गई, जिसमें एक मज़दूर की मौत हो गई.
जालौन/बहराइच: उत्तर प्रदेश के जालौन और बहराइच में दो अलग-अलग सड़क दुर्घटनाओं में तीन प्रवासी मजदूरों की मौत हो गयी, जबकि 71 अन्य घायल हो गए.
लखनऊ में एक सरकारी प्रवक्ता के अनुसार, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हादसे में मारे गए मजदूरों के परिजनों के प्रति संवेदना जताते हुए मृतक के आश्रितों को दो-दो लाख रुपये व गंभीर घायलों को 50-50 हजार रुपये आर्थिक सहायता की घोषणा की है.
जालौन के पुलिस अधीक्षक सतीश कुमार ने बताया कि बृहस्पतिवार की रात थाना एट के गिर थान के पास डीसीएम मेटाडोर को ट्रक ने टक्कर मार दी और डीसीएम गहरे खड्डे में जा गिरी, जिससे दो लोगों की घटनास्थल पर मौत हो गई.
यह डीसीएम मेटाडोर चार दिन पहले मुंबई से चली थी और 46 लोगों को लेकर उत्तर प्रदेश आ रही थी.
मरने वालों में सुंदरी नामक महिला और शेर बहादुर नामक पुरुष शामिल है. 40 घायल प्रवासी मजदूरों को उरई मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया है.
एक अन्य घटना में बहराइच जिले में मुंबई से मजदूरों को लेकर आ रही डीसीएम मेटाडोर शुक्रवार सुबह लखनऊ-बहराइच राजमार्ग पर अनियंत्रित होकर पलट गई. हादसे में मेटाडोर में सवार एक मजदूर की अस्पताल में इलाज के दौरान मृत्यु हो गई तथा 31 अन्य मजदूर घायल हो गए.
अपर पुलिस अधीक्षक अजय प्रताप सिंह ने बताया कि शुक्रवार सुबह लखनऊ-बहराइच राजमार्ग पर स्थित थाना फखरपुर अंतर्गत मदनकोठी के निकट महाराष्ट्र से मजदूरों को लेकर आ रही डीसीएम मेटाडोर अनियंत्रित होकर बिजली के खंभे से टकराकर बगल में पेड़ से टकरा गई.
हादसे में डीसीएम में सवार यात्रियों में से 32 लोग गंभीर रूप से घायल हो गए. पुलिस ने सभी घायलों को सदर अस्पताल पहुंचाया.
अस्पताल में इलाज के दौरान बहराइच जिले के थाना रिसिया अंतर्गत हुसैनपुर निवासी गुलाम जिलानी (28) की मृत्यु हो गई. एएसपी ने बताया कि सभी घायल बहराइच जिले के निवासी हैं.
मुख्यमंत्री ने जिला प्रशासन के अधिकारियों को तत्काल मौके पर पहुंच कर पीड़ितों को हरसंभव राहत प्रदान करने के निर्देश दिए हैं.
मालूम हो कि कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए लागू देशव्यापी लॉकडाउन के कारण प्रवासी मजदूर अपने गृह राज्यों की ओर पलायन करने को मजबूर हैं और लगातार इस तरह की मौतों की खबरें आ रहीं हैं.
बीते बुधवार और गुरुवार को तीन अलग-अलग हादसों में 15 मजदूरों की मौत हो गई थी. उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में एक बस से कुचलकर छह प्रवासी मजदूरों की मौत हो गई, जबकि चित्रकूट में ट्रक की टक्कर से एक मजदूर की मौत हो गई. मध्य प्रदेश में बस की टक्कर से ट्रक में सवार आठ प्रवासी श्रमिकों की मौत हो गई. इन हादसों में 60 से अधिक प्रवासी मजदूर घायल हो गए थे.
इससे पहले 10 मई को हैदराबाद से आम से लदे ट्रक पर सवार होकर यूपी लौट रहे छह प्रवासी मजदूरों की मध्य प्रदेश के नरसिंहपुर के पास मौत हो गई थी. वहीं 9 मई की सुबह मध्य प्रदेश के शहडोल और उमरिया जिलों के 16 प्रवासी श्रमिकों की मालगाड़ी से कटकर उस वक्त मौत हो गई थी जब वे औरंगाबाद के पास एक रेलवे ट्रैक पर सो रहे थे.
हाल ही में जारी एक अध्ययन रिपोर्ट के मुताबिक कोरोना वायरस लॉकडाउन के चलते 19 मार्च से लेकर 8 मई के बीच 350 से अधिक लोगों की जान गई है.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)