कोरोना वायरस के चलते वैश्विक अर्थव्यवस्था को हो सकता है 8,800 अरब डॉलर का नुकसान: एडीबी

इससे पहले संयुक्त राष्ट्र ने बीते बुधवार को अनुमान जताया था कि कोविड-19 महामारी के चलते इस साल वैश्विक अर्थव्यवस्था में 3.2 प्रतिशत की कमी आएगी. यह 1930 की महामंदी के बाद सबसे अधिक गिरावट होगी.

(फोटो: रॉयटर्स)

इससे पहले संयुक्त राष्ट्र ने बीते बुधवार को अनुमान जताया था कि कोविड-19 महामारी के चलते इस साल वैश्विक अर्थव्यवस्था में 3.2 प्रतिशत की कमी आएगी. यह 1930 की महामंदी के बाद सबसे अधिक गिरावट होगी.

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(प्रतीकात्मक फोटो: रॉयटर्स)

नई दिल्ली: एशियाई विकास बैंक (एडीबी) ने शुक्रवार को कहा कि कोरोना वायरस महामारी के चलते वैश्विक अर्थव्यवस्था को 5,800 अरब डॉलर से 8,800 अरब डॉलर तक नुकसान हो सकता है.

इसमें दक्षिण एशिया के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) पर 142 अरब से 218 अरब डॉलर तक असर होगा.

एडीबी ने एक रिपोर्ट में कहा, ‘कोरोना वायरस (कोविड-19) महामारी वैश्विक अर्थव्यवस्था को 5,800 अरब से 8,800 अरब डॉलर तक नुकसान हो सकता है. यह वैश्विक जीडीपी के 6.4 प्रतिशत से 9.7 प्रतिशत के बराबर है.’

एडीबी ने कोविड-19 के संभावित आर्थिक असर के नए मूल्यांकन में कहा कि दक्षिण एशिया की जीडीपी में 3.9 प्रतिशत से छह प्रतिशत तक कमी आएगी. ऐसा बांग्लादेश, भारत और पाकिस्तान में सख्त प्रतिबंधों के चलते होगा.

मनीला स्थित इस बहुपक्षीय एजेंसी ने कहा कि एशिया और प्रशांत क्षेत्र में आर्थिक नुकसान 1,700 अरब डॉलर से 2,500 अरब डॉलर के बीच हो सकता है. वैश्विक उत्पादन में होने वाली कुल कमी में इस क्षेत्र की 30 प्रतिशत हिस्सेदारी होगी.

रिपोर्ट के मुताबिक चीन में 1,100 अरब से 1,600 अरब डॉलर के बीच नुकसान हो सकता है.

इससे पहले संयुक्त राष्ट्र ने बीते बुधवार को अनुमान जताया था कि कोविड-19 महामारी के चलते इस साल वैश्विक अर्थव्यवस्था में 3.2 प्रतिशत की कमी आएगी. यह 1930 की महामंदी के बाद सबसे अधिक गिरावट होगी.

संयुक्त राष्ट्र की अर्ध-वार्षिकी रिपोर्ट में कहा गया कि कोरोना वायरस के असर से अगले दो वर्षों के दौरान वैश्विक उत्पादन में करीब 8500 अरब डॉलर से अधिक का नुकसान होने की आशंका है, जिसके पिछले चार वर्षों की पूरी बढ़त खत्म हो जाएगी.

कोविड-19 के चलते 2020 की पहली तिमाही में वैश्विक व्यापार मूल्य तीन प्रतिशत गिरा

संयुक्त राष्ट्र के व्यापार निकाय ने कहा है कि कोरोना वायरस महामारी के चलते 2020 की पहली तिमाही में वैश्विक व्यापार मूल्यों में तीन प्रतिशत की कमी आई है और आने वाली तिमाहियों में इसमें और गिरावट की आशंका है.

व्यापार और विकास पर संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन (यूएनसीटीएडी) ने एक रिपोर्ट में कहा कि वैश्विक व्यापार में गिरावट के साथ उपयोगी वस्तुओं कीमतों में कमी आई है. वस्तुओं की कीमतें बीते साल दिसंबर से तेजी से गिरी हैं.

यह रिपोर्ट अंतरराष्ट्रीय सांख्यिकी समुदाय और राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालयों की मदद से तैयार की गई है.

यूएनसीटीएडी के महासचिव मुखिसा कित्युई ने कहा कि हर जगह सरकारों पर कोविड-19 के बाद सुधार के निर्णय लेने का दबाव हैं, जिसके दीर्घकालिक परिणाम होंगे.

इस रिपोर्ट को 36 अंतरराष्ट्रीय संगठनों ने संयुक्त रूप से तैयार किया है. रिपोर्ट के मुताबिक कोरोना वायरस महामारी के चलते इस साल की पहली तिमाही (जनवरी-मार्च) में वैश्विक व्यापार मूल्यों में तीन प्रतिशत की कमी हुई.

सांख्यिकी गतिविधि समन्वय समिति (सीसीएसए) द्वारा संकलित इस रिपोर्ट में कहा गया है कि दूसरी तिमाही में मंदी गहराने की आशंका है, जब वैश्विक व्यापार में रिकॉर्ड 27 प्रतिशत की गिरावट हो सकती है.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)