उत्तर प्रदेश के औरैया में सड़क दुर्घटना में 24 प्रवासी मज़दूरों की मौत, 37 घायल

यह घटना औरैया के मिहौली इलाके में शनिवार तड़के तक़रीबन 3:30 बजे के बीच हुई. राजस्थान की ओर से आ रहे ट्रक की दिल्ली की ओर से आ रही डीसीएम वैन से टक्कर हो गई. ट्रक में लगभग 50 मज़दूर सवार थे.

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(प्रतीकात्मक फोटो: पीटीआई)

यह घटना औरैया के मिहौली इलाके में शनिवार तड़के तक़रीबन 3:30 बजे के बीच हुई. राजस्थान की ओर से आ रहे ट्रक की दिल्ली की ओर से आ रही डीसीएम वैन से टक्कर हो गई. ट्रक में लगभग 50 मज़दूर सवार थे.

Mumbai: Migrants board a truck to travel to their native places in UP during the ongoing COVID-19 nationwide lockdown, in Mumbai, Wednesday, May 13, 2020. (PTI Photo) (PTI13-05-2020_000066B)
(प्रतीकात्मक फोटो: पीटीआई)

नई दिल्लीः उत्तर प्रदेश के औरैया जिले में शनिवार तड़के ट्रक और डीसीएम वैन की टक्कर में 24 प्रवासी मजदूरों की मौत हो गई, जबकि 37 मजदूर घायल हो गए.

इनमें से गंभीर रूप से घायल 14 मजदूरों को सैफई (इटावा) के पीजीआई में भर्ती कराया गया है.

पुलिस के अनुसार, यह घटना मिहौली इलाके में शनिवार तड़के तीन बजे से 3:30 बजे के बीच हुई. राजस्थान की ओर से आ रहा ट्रक दिल्ली की ओर से आ रहे डीसीएम वैन से टकरा गया. इस ट्रक में लगभग 50 मजदूर सवार थे.

कानपुर के पुलिस महानिरीक्षक मोहित अग्रवाल ने बताया, ‘शनिवार सुबह एक डीसीएम वैन दिल्ली से मजदूरों को लेकर आ रही थी. इनमें से कुछ मजदूर औरैया और कानपुर देहात मार्ग पर वैन को रोककर सड़क किनारे एक चाय की दुकान पर चाय पी रहे थे, तभी राजस्थान के जयपुर से मजदूरों को लेकर आ रहे एक ट्रक ने इस वैन को टक्कर मार दी. टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि दोनों वाहन सड़क किनारे बने गड्ढे में जा गिरे.’

ट्रक में चूने की बोरियां लदी हुई थीं जिनके बीच मजदूर सो रहे थे. हादसे के बाद ट्रक के भीतर से चूने में दबे शवों को एक-एककर बाहर निकाला गया.

इनमें से ज्यादातर मजदूर बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल के हैं.

चश्मदीदों के मुताबिक, यह हादसा उस वक्त हुआ जब कई मजदूर डीसीएम रोककर चाय पी रहे थे. बताया जा रहा है कि हादसे में मरने वाले मजदूरों की तादाद कहीं ज्यादा होती अगर वे चाय पीने के लिए उतरे नहीं उतरते.

मरने वालों में से ज्यादातर मजदूर टक्कर मारने वाले ट्रक में सवार थे.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने घटना पर शोक जताते हुए ट्वीट कर कहा, ‘उत्तर प्रदेश के औरैया में सड़क दुर्घटना बेहद ही दुखद है. सरकार राहत कार्य में तत्परता से जुटी है. इस हादसे में मारे गए लोगों के परिजनों के प्रति अपनी संवेदना प्रकट करता हूं, साथ ही घायलों के जल्द से जल्द स्वस्थ होने की कामना करता हूं.’

इस पूरे मामले पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ट्वीट कर कहा, ‘जनपद औरैया में सड़क दुर्घटना में प्रवासी कामगारों/श्रमिकों की मृत्यु दुर्भाग्यपूर्ण एवं दुखद है. मेरी संवेदनाएं मृतकों के शोक संतप्त परिजनों के साथ है. पीड़ितों को हरसंभव राहत प्रदान करने, घायलों का समुचित उपचार कराने व दुर्घना की त्वरित जांच करवाने के निर्देश भी दिए हैं.’

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सड़क हादसे की फौरन जांच रिपोर्ट मांगी है.

उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने ट्वीट कर कहा, ‘घर लौट रहे प्रवासी मजदूरों के मारे जाने की खबरें दिल दहलाने वाली हैं. मूलत: ये वो लोग हैं जो घर चलाते थे, इसलिए समाजवादी पार्टी प्रदेश के प्रत्येक मृतक के परिवार को एक-एक लाख रुपये की मदद पहुंचाएगी. नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए निष्ठुर भाजपा सरकार भी प्रति मृतक 10 लाख रुपये की राशि दे.’

मालूम हो कि कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए लागू देशव्यापी लॉकडाउन के कारण प्रवासी मजदूरों के सामने आजीविका का संकट खड़ा हो गया है और वे अपने गृह राज्यों की ओर पलायन करने को मजबूर हैं. उनके साथ लगातार हादसों की खबरें आ रहीं हैं.

इससे पहले बीती 14 मई की देर रात उत्तर प्रदेश के जालौन और बहराइच में दो अलग-अलग सड़क दुर्घटनाओं में तीन प्रवासी मजदूरों की मौत हो गई, जबकि 71 अन्य घायल हो गए थे.

बीते 13 और 14 मई को तीन अलग-अलग हादसों में 15 मजदूरों की मौत हो गई थी. उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में एक बस से कुचलकर छह प्रवासी मजदूरों की मौत हो गई, जबकि चित्रकूट में ट्रक की टक्कर से एक मजदूर की मौत हो गई. मध्य प्रदेश में बस की टक्कर से ट्रक में सवार आठ प्रवासी श्रमिकों की मौत हो गई. इन हादसों में 60 से अधिक प्रवासी मजदूर घायल हो गए थे.

इससे पहले महाराष्ट्र के औरंगाबाद में एक मालगाड़ी की चपेट में आने से रेल पटरियों पर सो रहे 16 प्रवासी मजदूरों  की मौत हो गई थी.

ये प्रवासी मजदूर अपने गृहराज्य मध्य प्रदेश लौटने के लिए श्रमिक विशेष ट्रेन में सवार होने के लिए महाराष्ट्र के जालना से भुसावल जा रहे थे. रास्ते में थकान के कारण वे रेल पटरियों पर ही सो गए थे.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)