केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने राज्य और केंद्रशासित प्रदेशों से कहा है कि वे यह सुनिश्चित करें कि अब कोई प्रवासी मज़दूर सड़कों और रेलवे ट्रैक पर न पाया जाए और उन्हें विशेष बसों या विशेष श्रमिक ट्रेनों में बिठाकर उनके गंतव्य रवाना जाए.
नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने राज्य और केंद्रशासित प्रदेशों से कहा है कि सड़कों और रेलवे की पटरियों पर प्रवासी मजदूरों को देखने पर वे उन्हें खाना और आश्रय मुहैया कराएं और यह सुनिश्चित करें कि वे अपने गंतव्य तक विशेष ट्रेनों में जा सकें.
सभी राज्य सरकारों और केंद्रशासित प्रदेश प्रशासन को लिखे पत्र में केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने कहा कि अभी भी देश के विभिन्न हिस्सों में सड़कों, रेलवे ट्रैक और ट्रकों में प्रवासी मजदूर जाते हुए दिख रहे हैं.
उन्होंने कहा कि राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को पहले भी सलाह दी गई थी कि प्रवासी मजदूर अगर रास्ते पर चलते दिखे तो उन्हें समझाया जाए और समीप के आश्रय स्थलों में ले जाकर उनके खाने और पानी की व्यवस्था की जाए, जब तक कि वे अपने गंतव्य जाने के लिए श्रमिक विशेष ट्रेन या बस न पकड़ लें.
भल्ला ने कहा कि सरकार ने श्रमिक विशेष ट्रेनों और बसों में प्रवासी मजदूरों की यात्रा की अनुमति दे दी है ताकि वे अपने-अपने ठिकानों पर पहुंच जाएं.
MHA writes to States/UTs to ensure that #MigrantWorkers should not travel on foot to go home, as GoI is running buses & #ShramikSpecialTrains to facilitate their journey; asks States/UTs to disseminate the arrangements for travel amongst the migrant workers. pic.twitter.com/w20xn1ItFC
— #IndiaFightsCorona (@COVIDNewsByMIB) May 15, 2020
उन्होंने कहा, ‘अब यह सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों की जिम्मेदारी है कि जो प्रवासी मजदूर अपने प्रदेश जाना चाहते हैं, उसकी व्यवस्था की जाए.’
उन्होंने कहा कि राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के तालमेल से रेल मंत्रालय रोज 100 से अधिक श्रमिक विशेष ट्रेनें चला रहा है. इसके साथ ही जरूरत होने पर अतिरिक्त ट्रेनें भी चलाई जा रही हैं.
भल्ला ने कहा, ‘मैं आपसे आग्रह करता हूं कि यह सुनिश्चित करें कि अब कोई प्रवासी मजदूर सड़कों और रेलवे ट्रैक पर नहीं पाया जाए और उन्हें विशेष बसों या श्रमिक विशेष ट्रेन में बिठाया जाए.’
बता दें कि 11 मई को केंद्र सरकार अपने गृह राज्य लौटने के लिए प्रवासी मजदूरों द्वारा सड़कों और रेल की पटरियों पर चलने की घटनाओं को गंभीरता से संज्ञान लेते हुए एक परामर्श जारी किया था जिसमें राज्यों से यह सुनिश्चित करने लिए कहा गया था कि ये लोग देश में चलाई जा रहीं विशेष ट्रेनों और बसों में यात्रा करें.
सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों को लिखे पत्र में केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने उनसे प्रवासी मजदूरों के लिए और विशेष श्रमिक ट्रेनें चलाने में रेलवे का सहयोग करने की अपील थी.
बता दें कि शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने प्रवासी मजदूरों के लिए दायर की गई एक याचिका को खारिज कर दिया था, जिसमें ये मांग की गई थी कि देश के सभी जिला मजिस्ट्रेटों को तुरंत निर्देश दिया जाए कि वे पैदल चल रहे लोगों की पहचान कर उन्हें उनके घरों तक सुरक्षित तरीके पहुंचाने में मदद करें.
लॉकडाउन लागू होने के बाद से लगातार सड़कों से पैदल या साइकिलों से अपने गृह राज्य लौट रहे प्रवासी मजदूरों की सड़क हादसों में दर्दनाक मौतों की कई खबरें आ रही हैं.
मालूम हो कि शनिवार तड़के उत्तर प्रदेश के औरैया जिले में ट्रक और डीसीएम वैन की टक्कर में 24 प्रवासी मजदूरों की मौत हो गई जबकि 37 मजदूर घायल हो गए हैं. ये मजदूर बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल के थे जो कि अपने घर लौट रहे थे.
बीते 13 और 14 मई को तीन अलग-अलग हादसों में 15 मजदूरों की मौत हो गई थी. उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में एक बस से कुचलकर छह प्रवासी मजदूरों की मौत हो गई, जबकि चित्रकूट में ट्रक की टक्कर से एक मजदूर की मौत हो गई. मध्य प्रदेश में बस की टक्कर से ट्रक में सवार आठ प्रवासी श्रमिकों की मौत हो गई. इन हादसों में 60 से अधिक प्रवासी मजदूर घायल हो गए थे.
इससे पहले मध्य प्रदेश लौट रहे 16 प्रवासी मजदूर महाराष्ट्र के औरंगाबाद में ट्रेन से कट कर मारे गए थे. जालना से भुसावल की ओर पैदल जा रहे मजदूर मध्य प्रदेश लौट रहे थे. थके होने के कारण पटरी पर ही सो गए थे.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)