वीडियो के माध्यम से क्षेत्रीय मीडिया के संवाददाताओं से बात करते हुए कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि भारत माता को अपने बच्चों के साथ साहूकार का काम नहीं करना चाहिए.
नई दिल्ली: कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार से आग्रह किया कि वह आर्थिक पैकेज पर पुनर्विचार करें और लोगों के खातों में सीधे पैसे डालें क्योंकि इस वक्त उन्हें कर्ज की नहीं बल्कि हाथ में पैसे की जरूरत है.
वीडियो के माध्यम से क्षेत्रीय मीडिया के संवाददाताओं से बात करते हुए गांधी ने कहा, ‘जो पैकेज होना चाहिए था वो कर्ज का पैकेज नहीं होना चाहिए था. इसको लेकर मेरी निराशा है. आज किसानों, मजदूरों और गरीबों के खाते में सीधे पैसे डालने की जरूरत है.’
उन्होंने कहा, ‘आप (सरकार) कर्ज दीजिए, लेकिन भारत माता को अपने बच्चों के साथ साहूकार का काम नहीं करना चाहिए, सीधे उनकी जेब में पैसे देना चाहिए. इस वक्त गरीबों, किसानों और मजदूरों को कर्ज की जरूरत नहीं, पैसे की जरूरत है.’
कांग्रेस नेता ने कहा, ‘मैं विनती करता हूं कि नरेंद्र मोदी जी को पैकेज पर पुनर्विचार करना चाहिए. किसानों और मजदूरों को सीधे पैसे देने के बारे में सोचिए.’
‘न्याय’ योजना के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा कि ‘न्याय’ योजना का विचार लंबे समय के लिए था. लेकिन, हमने सरकार को सुझाव दिया कि कोरोना संकट के समय कुछ समय के लिए 50 फीसदी लोगों को पैसा देने के लिए ‘न्याय’ योजना जैसा विचार लागू करे.
उन्होंने कहा, ‘मैंने सुना है कि पैसे नहीं देने का कारण रेटिंग है. कहा जा रहा है कि वित्तीय घाटा बढ़ जाएगा तो बाहर की एजेंसियां हमारे देश की रेटिंग कम कर देंगी. हमारी रेटिंग मजदूर, किसान, छोटे कारोबारी बनाते हैं. इसलिए रेटिंग के बारे में मत सोचिए, उन्हें पैसा दीजिए.’
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— Congress (@INCIndia) May 16, 2020
कांग्रेस नेता ने कहा कि आर्थिक मोर्चे पर एक ‘तूफान’ आ रहा है जिससे नुकसान होगा और बहुत लोगों को नुकसान होगा.
उन्होंने कहा, ‘तूफान अभी तक नहीं आया है, यह आ रहा है और बड़े आर्थिक नुकसान का कारण बनेगा जिससे कई लोगों को नुकसान पहुंचेगा. अगर मांग नहीं हुई तो देश को आर्थिक रूप से कोरोना वायरस से बड़ा नुकसान होगा.’
राहुल ने कहा, ‘लोकल, वोकल तभी होगा, जब उनके पेट में भोजन होगा. इसलिए उनको सपोर्ट किए जाने की जरूरत है. कोरोना के बाद हम अवसर निकाल सकते हैं, लेकिन अभी कोरोना से लड़ना है.’
बता दें कि, पिछले तीन दिनों में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) और प्रवासी मजदूरों, किसानों और रेहड़ी-पटरी विक्रेताओं के लिए क्रमशः 5.94 लाख करोड़ रुपये और 3.1 लाख करोड़ रुपये के उपायों की राहत प्रदान करने की घोषणा की है.
वहीं, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को कोरोना वित्तीय पैकेज के तीसरे हिस्से का विवरण पेश करते हुए कृषि, डेयरी, मत्स्य पालन, पशुपालन, हर्बल कल्टीवेशन जैसे विभिन्न क्षेत्रों के लिए घोषणाएं की.
कोरोना वायरस महामारी के आर्थिक प्रभाव को कम करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा घोषित पूरे 20 लाख करोड़ रुपये के पैकेज में से सरकार और भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) पहले ही 9.74 लाख करोड़ रुपये के राहत उपायों की घोषणा कर चुके हैं.
राहुल गांधी ने केरल में कोरोना वायरस पर नियंत्रण कर लेने की तारीफ की और कहा कि वह एक मॉडल स्टेट है और बाकी राज्य उससे सबक ले सकते हैं.
उन्होंने यह भी कहा कि सरकार को लॉकडाउन को समझदारी एवं सावधानी के साथ खोलने की जरूरत है और बुजुर्गों एवं गंभीर बीमारियों से ग्रसित लोगों का विशेष ध्यान रखना चाहिए.
प्रवासियों को लेकर उन्होंने कहा कि प्रवासियों की समस्या काफी चुनौतीपूर्ण है. सड़कों पर चलने वाले लोगों की हम सभी को मदद करनी है. भाजपा सरकार में है और उसके पास सबसे ज्यादा हथियार हैं. हमें किसी पर उंगली नहीं उठानी है. हमें मिलकर इस समस्या का समाधान करना है. ये विपक्ष की भी जिम्मेदारी है.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)