सोमवार को अहमदाबाद में घर लौटने की मांग को लेकर लगभग सौ मज़दूर सड़कों पर उतर आए और पथराव व तोड़-फोड़ की. इससे पहले रविवार को राजकोट में कामगारों ने गृह राज्य भेजने की मांग को लेकर हिंसक प्रदर्शन किया था, जिसमें एसपी समेत तीन पुलिसकर्मी और एक पत्रकार घायल हुए हैं.
अहमदाबाद: गुजरात के अहमदाबाद में सोमवार को एक सड़क पर करीब 100 प्रवासी कामगार इकट्ठा हुए और पुलिसकर्मियों और लोगों पर पथराव किया. एक अधिकारी ने यह जानकारी दी.
एक स्थानीय निवासी ने बताया कि प्रवासी कामगारों की मांग है कि उन्हें घर लौटने दिया जाए.
शहर के पुलिस नियंत्रण कक्ष के एक अधिकारी ने बताया कि पुलिस ने भीड़ तो तितर-बितर करने के लिए आंसू गैसे के गोले छोड़े और कई संदिग्धों को हिरासत में ले लिया.
उन्होंने बताया कि कम से कम 100 प्रवासी कामगार आईआईएम अहमदाबाद और वस्त्रपुर इलाके को जोड़ने वाली सड़क पर सुबह इकट्ठा हो गए और वहां से वाहनों पर गुजर रहे पुलिसकर्मियों और लोगों पर पथराव करने लगे.
When Police stopped them they pelted stones, went to Vastrapur&vandalised 2 Police vehicles. They also vandalized the office at a construction site. 250 people have been rounded up. Action will be taken against culprits.Situation under control: Pravin Mal, DCP (Zone-1) #Ahmedabad https://t.co/eklCFS778y pic.twitter.com/4IjtUCXip4
— ANI (@ANI) May 18, 2020
जनसत्ता के मुताबिक मजदूरों के पथराव में दो पुलिसकर्मी घायल हो गए हैं. इसके अलावा मजदूरों ने दो गाड़ियों को भी नुकसान पहुंचाया.
अहमदाबाद डीपीसी (जोन-1) प्रवीण मल ने बताया कि जब पुलिस मजदूरों को रोकने की कोशिश की तो उन्होंने पथराव करना शुरू कर दिया. पुलिस की दो गाड़ियों में तोड़फोड़ की और कंस्ट्रक्शन साइट पर बने दफ्तर में भी तोड़फोड़ की.
इस मामले में लगभग 250 लोगों को हिरासत में लिया गया है. उन्होंने कहा, ‘हिरासत में लिए गए सभी पर कार्रवाई की जाएगी. फिलहाल हालात नियंत्रण में है.’
घटना की जानकारी मिलने पर बड़ी संख्या में पुलिसकर्मियों को वहां भेजा गया. पुलिस ने भीड़ को नियंत्रित करने के लिए आंसू गैसे के गोले छोड़े और स्थिति को नियंत्रित किया.
राजकोट के पास प्रवासी मजदूरों ने किया हिंसक प्रदर्शन, एसपी समेत तीन पुलिसकर्मी घायल
इससे पहले राजकोट के पास रविवार को राष्ट्रीय राजमार्ग पर प्रवासी मजदूरों ने तत्काल गृह राज्य भेजे जाने का प्रबंध किए जाने की मांग करते हुए पुलिस पर पत्थर फेंके और वाहनों को क्षतिग्रस्त किया.
पुलिस ने कहा कि अहमदाबाद से करीब 215 किलोमीटर दूर राजकोट के पास शापर इलाके में हुई इस घटना में कुछ पुलिसकर्मियों समेत एक स्थानीय पत्रकार भी घायल हुए हैं.
एक पुलिस अधिकारी ने कहा, ‘स्थानीय प्रशासन से अपने गृह राज्य भेजे जाने का इंतजाम किए जाने की मांग करते हुए प्रवासियों का एक प्रदर्शनकारी समूह उग्र हो गया और उन्होंने राष्ट्रीय राजमार्ग पर वाहनों को क्षतिग्रस्त किया.’
Western Railway Rajkot Division has not cancelled or rescheduled any train today. All the trains requested by District Administration have been scheduled and dispatched without any exceptions: Parmeshwar Funkwal, Divisional Railway Manager (DRM) Rajkot. #Gujarat
— ANI (@ANI) May 17, 2020
इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक राजकोट (ग्रामीण) के पुलिस अधीक्षक बलराम मीणा ने बताया कि यह घटना राजकोट शहर के बाहरी इलाके शापर-वेरावल में हुई. विशेष श्रमिक ट्रेन रद्द होने की वजह से प्रवासी कामगार हिंसक प्रदर्शन करना शुरू कर दिया जिसमें एक पत्रकार समेत तीन पुलिसकर्मी घायल हो गए.
मीणा ने बताया कि घटना की वीडियो फुटेज के जरिए पहचान करने के बाद एक उकसाने वाले व्यक्ति समेत 25 प्रवासियों को गिरफ्तार किया गया.
राजकोट रेंज के पुलिस उप महानिरीक्षक (डीआई़जी) संदीप सिंह ने बताया कि रविवार को राजकोट से प्रवासी मजदूरों को उनके गृह राज्य पहुंचाने के लिए तीन ट्रेनें निकलने वाली थीं. इन्हें सुबह छह, नौ और 12 बजे रवाना करने के लिए तय किया गया था.
उन्होंने बताया कि दो ट्रेन बिहार और एक ट्रेन को उत्तर प्रदेश के लिए रवाना होनी था, जिनमें 4,800 प्रवासी मजदूर सफर करने वाले थे. रविवार सुबह राजकोट शहर के फील्ड मार्शल स्कूल ग्राउंड में करीब 1,000 मजदूर जमा हो गए जो पिक-अप प्वाइंट था. इनमें ऐसे मजदूर भी थे, जिनका श्रमिक ट्रेनों के लिए पंजीकरण नहीं हुआ था.
उन्होंने कहा, ‘मजदूरों को ट्रेनों के समय बदलने की बात बताई गई लेकिन कुछ मजदूर ये समझ बैठे कि ट्रेन रद्द कर दी गई हैं और हंगामा करने लगे. राष्ट्रीय राजमार्ग-27 को अवरुद्ध करने की कोशिश की गई, पुलिस पर पथराव किया. घटना को कवर कर रहे एक पत्रकार पर भी हमला किया.’
सिंह ने बताया कि राजकोट पुलिस अधीक्षक को भी पत्थर लगे, जिससे उनको चोटें आई हैं, इसके अलावा तीन अन्य पुलिसकर्मियों को भी गंभीर चोटें लगी हैं.
हालांकि पश्चिम रेलवे के राजकोट मंडल ने इस दावे का खंडन किया है कि रविवार को राजकोट से प्रस्थान करने वाली श्रमिक विशेष ट्रेनों का समय बदला गया था.
राजकोट मंडल रेल प्रबंधक परमेश्वर फंकवाल ने कहा, ‘ऐसी कोई ट्रेन नहीं थी जिसका समय बदला गया हो. हमने सभी रेलगाड़ियां निर्धारित समय पर चलाई है. राजकोट से एक ट्रेन बलांगीर (ओडिशा) के लिए दोपहर 2 बजे रवाना हुई और एक ट्रेन शाम 5 बजे गाजीपुर (उत्तर प्रदेश) के लिए रवाना हुई. इसके अलावा जामनगर से एक ट्रेन बरेली (उत्तर प्रदेश) के लिए रवाना हुई थी. ये तीनों ट्रेनें रविवार को राजकोट डिवीजन से रवाना हुईं. इनके समय में कोई बदलाव नहीं किया गया था.’
सोशल मीडिया में घटना के वीडियो वायरल हो रहे हैं, जिसमें एक टीवी पत्रकार हार्दिक जोशी को डंडों से पीटते हुए देखा जा सकता है. आक्रोशित मजदूरों ने कथित तौर पर पत्रकार के कैमरे को छीना गया और कुछ निजी वाहनों को भी तोड़फोड़ किया.
बताया जा रहा है कि प्रशासनिक अधिकारियों ने काफी मशक्कत के बाद मजदूरों को घर भेजने का आश्वासन देकर किसी तरह शांत कराया.
सिंह ने कहा, ‘इस मामले में 25 नामजद और 150-200 लोगों की भीड़ पर हत्या के प्रयास, पुलिस पर हमला करने, लूट, दंगा करने और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के लिए मामला दर्ज कर लिया है. हमने 29 लोगों को गिरफ्तार किया है जिनमें से कुछ को श्रमिक ट्रेनों से पकड़ा गया है.’
मीणा ने कहा कि दंगा करने के आरोप समेत अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है.
बता दें कि लॉकडाउन के कारण गुजरात में घर भेजे जाने की मांग को लेकर प्रवासी मजदूर लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं. राज्य के सूरत शहर में ऐसे कई प्रदर्शन हो चुकी हैं.
बीते 28 अप्रैल को सूरत में फंसे सैकड़ों प्रवासी मजदूरों ने प्रदर्शन किया था. प्रदर्शन के दौरान प्रवासी कामगारों ने डॉयमंड बोर्स नाम की कंपनी के दफ्तर पर पथराव भी किया था. घर भेजने की मांग को लेकर सूरत में प्रवासी मजदूरों ने अप्रैल माह में तीन बार ऐसा प्रदर्शन किया था.
बीते 14 अप्रैल को लॉकडाउन की समयसीमा तीन मई तक बढ़ाए जाने की घोषणा के बीच प्रवासी मजदूर घर भेजे जाने की मांग को लेकर सूरत शहर के वराछा क्षेत्र में सड़क पर बैठ गए थे.
इससे पहले बीते 10 अप्रैल को लॉकडाउन के बीच सूरत शहर में वेतन और घर वापस लौटने की मांग को लेकर सैकड़ों मजदूर पर सड़क पर उतर आए थे. इन मजदूरों ने शहर के लक्साना इलाके में ठेलों और टायरों में आग लगा कर हंगामा किया था. इस घटना के संबंध में पुलिस ने 80 लोगों को गिरफ्तार किया था.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)