सुप्रीम कोर्ट के कॉलेजियम ने पहली बार अगस्त 2016 में न्यायिक अधिकारी पीके भट्ट के नाम की सिफारिश हाईकोर्ट में न्यायाधीश के तौर पर नियुक्ति के लिए की थी.
नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम की सिफारिश के करीब चार साल बीतने और इसे दो बार दोहराये जाने के बाद केंद्र सरकार ने बीते सोमवार को कर्नाटक में अधीनस्थ अदालत के एक न्यायिक अधिकारी को राज्य उच्च न्यायालय में अतिरिक्त न्यायाधीश के तौर पर नियुक्त करने की अधिसूचना जारी की है.
केंद्रीय विधि मंत्रालय की अधिसूचना में कहा गया है कि न्यायिक अधिकारी पीके भट्ट को दो साल के लिए कर्नाटक उच्च न्यायालय का अतिरिक्त न्यायाधीश नियुक्त किया गया है.
अतिरिक्त न्यायाधीशों की नियुक्ति सामान्य तौर पर दो साल के लिए होती है और बाद में उन्हें स्थायी न्यायाधीश के रूप में प्रोन्नत किया जाता है.
After more than 3 years since Supreme Court Collegium having recommended name of judicial officer PK Bhat for appointment as judge of Karnataka HC, Centre today notified his appointment as judge of Karnataka HC. Collegium had reiterated his name twice. pic.twitter.com/D4KG53Yh5m
— The Leaflet (@TheLeaflet_in) May 18, 2020
सुप्रीम कोर्ट के कॉलेजियम ने पहली बार अगस्त 2016 में भट्ट के नाम की सिफारिश उच्च न्यायालय में न्यायाधीश के तौर पर नियुक्ति के लिए की थी. कॉलेजियम ने इस सिफारिश को दो बार दोहराया. अंतिम बार उसने अक्टूबर 2019 में सरकार को याद दिलाया था.
जब सरकार ने पहली सिफारिश को न्यायिक अधिकारी के खिलाफ कथित यौन उत्पीड़न की एक महिला की शिकायत का जिक्र करते हुए पुनर्विचार के लिए लौटा दिया था, तो कॉलेजियम ने इसे दोबारा भेजा था.
बाद में सरकार ने कॉलेजियम से कहा कि मामला गंभीर और संवेदनशील है, जिसमें निष्पक्ष और उचित जांच होनी चाहिए. तब कर्नाटक उच्च न्यायालय की एक जांच समिति ने आरोपों की पड़ताल की.
कॉलेजियम ने अक्टूबर 2019 में तीसरी बार अपनी सिफारिश को दोहराया और अंतत: सरकार ने इसे स्वीकार करते हुए यह नियुक्ति की.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)