बीते सप्ताह एक मीडिया रिपोर्ट में उत्तर और दक्षिणी दिल्ली नगर निगम के डेटा के आधार पर बताया गया था कि दिल्ली में कोविड मरीज़ों के लिए जारी एसओपी के तहत 410 अंतिम संस्कार किए गए हैं. उस समय तक दिल्ली में कोरोना से 106 मौतें दर्ज हुई थीं.
दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग ने प्रदेश के सभी नगर निकायों से कोविड-19 के लिए जारी किए गए स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर (एसओपी) के तहत हुए अंतिम संस्कारों (दाह संस्कार और दफनाने) की जानकारी तलब की है.
इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, पिछले सप्ताह दिल्ली की स्वास्थ्य सचिव पद्मिनी सिंगला ने उत्तर और दक्षिणी दिल्ली दिल्ली नगर निगम के कमिश्नर्स को पत्र लिखा है, जिसमें उन्हें तत्काल ही निगमबोध घाट और पंजाबी बाग के श्मशान घाट और आईटीओ के कब्रिस्तान में हुए कोविड-19 संबंधी मौतों से जुड़े अंतिम संस्कारों की विस्तृत जानकारी देने को कहा गया है.
ये जगहें दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) द्वारा कोविड-19 से हुई मौतों के अंतिम संस्कार के लिए चिह्नित किए गए स्थानों में से हैं.
इस पत्र में यह भी कहा गया है कि उन रजिस्टर की कॉपी, जिनमें कोविड-19 से हुई मौतों (पॉजिटिव और संदिग्ध दोनों ही मामलों) के अंतिम संस्कार की पूरी जानकारी हो, साथ ही लैब रिपोर्ट, डॉक्टर के सर्टिफिकेट आदि जैसे दस्तावेजों के साथ विभाग को भेजे जाएं.
एमसीडी के सूत्रों के अनुसार यह जानकारी सरकार को भेज दी गयी है.
ज्ञात हो कि बीते 14 मई को इंडियन एक्सप्रेस में प्रकाशित एक रिपोर्ट में बताया गया था कि उत्तर और दक्षिणी दिल्ली नगर निगम की स्टैंडिंग कमेटी के डेटा के अनुसार दिल्ली में कोविड मरीजों के लिए जारी एसओपी के तहत बीते दो महीने में 410 अंतिम संस्कार किए गए. उस समय तक दिल्ली में कोरोना से 106 मौतें दर्ज हुई थीं.
डॉक्टरों और अधिकारियों का कहना था कि अगर किसी शव का अंतिम संस्कार आईसीएमआर द्वारा निर्धारित कोविड एसओपी के तहत किया जा रहा है, तो जरूरी नहीं है कि उस व्यक्ति को वायरस संक्रमण रहा हो या उसकी मौत कोविड के चलते हुई हो.
इस बीच दिल्ली सरकार ने सभी अस्पतालों को चेताया है कि अगर वे समय से कोविड-19 से हुई मौतों के बारे में नहीं बता पाए तो कार्रवाई की जाएगी.
पद्मिनी सिंगला द्वारा जारी एक आदेश में कहा गया है, ‘ऐसा देखा गया है कि… जारी एसओपी के मुताबिक दिल्ली के अस्पताल कोविड-19 से हो रही मौतों के बारे में समय से रिपोर्ट नहीं कर रहे हैं. इस आदेश के उल्लंघन का नतीजा बिना किसी अग्रिम नोटिस के सख्त कार्रवाई हो सकता है…’