साल 2018 में पत्रकार जमाल ख़शोगी की इस्तांबुल स्थित सऊदी अरब के वाणिज्य दूतावास में हत्या कर दी गई थी. मामले में वली अहद शहजादा मोहम्मद बिन सलमान की भूमिका को लेकर भी सवाल उठे थे.
दुबई: वॉशिंगटन पोस्ट के स्तंभकार रहे पत्रकार जमाल ख़शोगी के बेटों ने शुक्रवार को घोषणा की कि उन्होंने अपने पिता के हत्यारों को माफ कर दिया है, जिससे सऊदी अरब के पांच सरकारी एजेंटों की मौत की सजा पर रोक लग गई है.
सलाह ख़शोगी ने ट्वीट किया, ‘हम शहीद जमाल ख़शोगी के बेटे अपने पिता के हत्यारों को माफ करते हैं, जिसका फल हमें अल्लाह से मिलेगा.’
सलाह ख़शोगी सऊदी अरब में रहते हैं और पिता की हत्या के मामले में उन्हें शाही अदालत से वित्तीय मुआवजा भी मिल चुका है.
‘अरब न्यूज’ ने ख़शोगी के बेटों की घोषणा पर स्पष्टता देते हुए कहा कि बेटों के माफ कर देने से हत्यारे मौत की सजा से बच सकते हैं लेकिन इसका यह मतलब नहीं है कि उनको कोई भी सजा नहीं मिलेगी.
इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक सलाह ख़शोगी ने मुस्लिमों का पवित्र महीना रमज़ान के आखिरी दिनों में क्षमा प्रदान की है. यह इस्मामिक परंपरा और इस्लामी कानून के मुताबिक हत्यारों को क्षमा की अनुमति देता है.
यह घोषणा काफी हद तक अपेक्षित थी, क्योंकि सऊदी अरब में जारी मुकदमे के दौरान दिसंबर में फैसला सुनाया गया था कि जमाल की हत्या पूर्व नियोजित नहीं थी. यह फैसला उनकी हत्या पर सऊदी सरकार की आधिकारिक सफाई से मेल खाता है जिस पर दुनिया भर से आपत्तियां जताई गईं.
समाचार एजेंसी एएफपी के हवाले से इंडियन एक्सप्रेस ने लिखा है कि मृतक पत्रकार की मंगेतर हेटिस सेंगिज़ ने कहा कि जमाल ख़शोगी के हत्यारों को माफी करने का ‘अधिकार किसी को नहीं है.’
हेटिस ने ट्वीट किया, ‘जमाल ख़शोगी एक अंतरराष्ट्रीय संकेत बन गया है जो कि हममें से किसी से भी बड़ा है. उन्हें सम्मान मिला, प्यार मिला. जिस प्रकार से घात लगाकर क्रूरतापूर्वक उनकी हत्या की गई उसने सारी हदें पार कर दीं. किसी को भी हत्यारों को माफ़ करने का अधिकार नहीं है. मैं और अन्य लोग तब तक नहीं रुकेंगे जब तक कि जमाल के साथ इंसाफ नहीं किया जाता.’
Jamal Khashoggi has become an international symbol bigger than any of us, admired and loved. His ambush and heinous murder does not have a statue of limitations and no one has the right to pardon his killers.
I and others will not stop until we get #JusticeForJamal (1/2) pic.twitter.com/hX0kFRPNvr— Hatice Cengiz خديجة (@mercan_resifi) May 22, 2020
गौरतलब है कि पत्रकार जमाल ख़शोगी की दो अक्टूबर, 2018 को तुर्की के इस्तांबुल शहर स्थित सऊदी वाणिज्य दूतावास में हत्या कर दी गई थी. वह तुर्की निवासी अपनी मंगेतर से शादी के लिए जरूरी दस्तावेज जुटाने के उद्देश्य से वहां गए थे.
वहां जाने के बाद वह लापता हो गए थे. जमाल ख़शोगी के लापता होने के करीब दो हफ्तों के बाद सऊदी अरब ने माना था कि लापता पत्रकार की मौत हो चुकी है.
हत्या की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर निंदा की गई थी और मामले में सऊदी अरब वली अहद शहजादा मोहम्मद बिन सलमान की भूमिका को लेकर भी सवाल उठे थे. ख़शोगी का शव अभी तक बरामद नहीं हुआ है.
मामले में दोषी पाए गए 11 लोगों में से पांच को मौत की सजा सुनाई गई, तीन को कुल 24 वर्ष जेल की सजा हुई और अन्य बरी हो गए.
इस संबंध में आरोपी दो जानी-मानी हस्तियों को दोषमुक्त करार दिया गया था. उन्हें सलमान का करीबी बताया जाता है.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)