ब्रिटिश अदालत का आदेश, अनिल अंबानी 21 दिनों में चीन के बैंकों को 71.7 करोड़ डॉलर चुकाएंगे

यह मामला रिलायंस कम्युनिकेशंस द्वारा ग्लोबल फाइनेंसिंग के लिए 2012 में लिए गए कर्ज पर दी गई कथित व्यक्तिगत गारंटी से संबंधित है.

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अनिल अंबानी. (फाइल फोटो: रॉयटर्स)

यह मामला रिलायंस कम्युनिकेशंस द्वारा ग्लोबल फाइनेंसिंग के लिए 2012 में लिए गए कर्ज पर दी गई कथित व्यक्तिगत गारंटी से संबंधित है.

अनिल अंबानी (फोटो: रॉयटर्स)
अनिल अंबानी (फोटो: रॉयटर्स)

लंदन: ब्रिटेन की एक अदालत ने रिलायंस समूह के चेयरमैन अनिल अंबानी को चीन के तीन बैंकों को 21 दिन के भीतर 71.7 करोड़ डॉलर का भुगतान करने को कहा है. इन बैंकों को एक ऋण करार के तहत अंबानी से यह राशि वसूल करनी है.

कोविड-19 महामारी के मद्देनजर लागू प्रक्रियाओं के अनुरूप सुनवाई करते हुए लंदन में इंग्लैंड और वेल्स हाईकोर्ट के वाणिज्यिक खंड के जस्टिस निजेल टियरे ने व्यवस्था दी कि अंबानी जिस व्यक्तिगत गारंटी को विवादित मानते हैं वह उन पर बाध्यकारी है.

जस्टिस टियरे ने आदेश में कहा कि यह घोषणा की जाती है कि बचाव पक्ष (अंबानी) पर गारंटी बाध्यकारी है. ऐसे में अंबानी को बैंकों को गारंटी के रूप में 71,69,17,681.51 डॉलर चुकाने होंगे.

अनिल अंबानी के एक प्रवक्ता ने कहा कि यह मामला रिलायंस कम्युनिकेशंस द्वारा ग्लोबल फाइनेंसिंग के लिए 2012 में लिए गए कर्ज पर दी गई कथित व्यक्तिगत गारंटी से संबंधित है.

प्रवक्ता ने कहा, ‘स्पष्ट किया जाता है कि यह अंबानी का व्यक्तिगत ऋण नहीं है. इंडस्ट्रियल एंड कमर्शियल बैंक ऑफ चाइना ने यह दावा कथित रूप से उस गारंटी के आधार पर किया है जिस पर अंबानी ने कभी हस्ताक्षर नहीं किए थे. साथ ही अंबानी ने लगातार कहा है कि उन्होंने अपनी ओर से किसी को यह गारंटी देने के लिए अधिकृत नहीं किया.’

प्रवक्ता ने कहा कि जहां तक ब्रिटेन की अदालत के फैसले का सवाल है निकट भविष्य में भारत में इसके प्रवर्तन की कोई संभावना नहीं है. अंबानी इस मामले में कानूनी सलाह ले रहे हैं जिसके बाद वह आगे की कार्रवाई करेंगे.

यह मामला चीन के इंडस्ट्रियल एंड कमिर्शियल बैंक ऑफ चाइना लि. मुंबई शाखा, चाइना डेवलपमेंट बैंक और एक्जिम बैंक ऑफ चाइना से जुड़ा है. फरवरी में इन बैंकों के समर्थन में सशर्त आदेश जारी किया गया था.

जज डेविड वाक्समैन ने सात फरवरी को इस मामले में सुनवाई करते हुए 2021 में पूरी सुनवाई तक छह सप्ताह में 10 करोड़ डॉलर के भुगतान का आदेश दिया था. इसके साथ ही जज ने कहा था कि वह अंबानी के बचाव में कही गई इस बात को नहीं मान सकते कि उनका नेटवर्थ लगभग शून्य है या उनका परिवार संकट की स्थिति में उनकी मदद नहीं करेगा.

इस सप्ताह आए आदेश में पूर्व में तय अगले साल 18 मार्च को सुनवाई की तारीख को रद्द करते हुए बैंकों के पक्ष में अदालती लागत का भी आदेश दिया. इससे कुल बकाया राशि में 7,50,000 पाउंड और जुड़ गए हैं.

अदालत के आदेश के अनुसार अंबानी को 71.7 करोड़ डॉलर की राशि चुकानी है. इसमें 54,98,04,650.16 डॉलर का मूलधन, 22 मई तक बकाया 5,19,23,451.49 डॉलर का ब्याज और 11,51,89,579.86 करोड़ डॉलर का डिफॉल्ट ब्याज शामिल है.

भविष्य में अंतिम राशि हासिल करने का विकल्प खुला छोड़ते हुए आदेश में कहा गया, ‘गारंटी के तहत दावेदार (बैंकों) को बचाव पक्ष (अंबानी) पर बकाया अंतिम राशि आरकॉम इनसॉल्वेंसी एक्शन के परिणाम के अधीन आंकी जाएगी.’

तीन चीनी बैंकों की ओर से इंडस्ट्रियल एंड कमर्शियल बैंक ऑफ चाइना लिमिटेड मुंबई ब्रांच ने फरवरी 2012 में लगभग 92.5 करोड़ डॉलर के पुनर्वित्तपोषण ऋण के मामले में एक व्यक्तिगत गारंटी के कथित उल्लंघन पर अंबानी के खिलाफ संक्षिप्त फैसले की मांग की थी.

अंबानी ने गारंटी का अधिकार देने की बात से इनकार कर दिया था. हालांकि, ब्रिटिश अदालत कर्ज को लेकर हुए समझौते से सहमत हुई थी.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)