उबर इंडिया का कहना है कि कोरोना वायरस के असर और स्थिति सामान्य होने की अनिश्चितता ने छंटनी के अलावा कोई विकल्प नहीं छोड़ा है. इस छंटनी से लगभग 600 पूर्णकालिक ड्राइवर और राइडर और अन्य कर्मचारी प्रभावित होंगे.
नई दिल्लीः ऑनलाइन कैब बुकिंग सेवा मुहैया कराने वाली कंपनी उबर का कहना है कि वह कोरोना वायरस के मद्देनजर लॉकडाउन की वजह से कारोबार प्रभावित होने के कारण भारत में 600 कर्मचारियों की छंटनी करने जा रहा है.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, कंपनी ने मंगलवार को जारी बयान में कहा कि यह छंटनी देश में कंपनी के कार्यबल का लगभग 25 फीसदी है. छंटनी से प्रभावित होने वाले कर्मचारियों में ड्राइवर, राइडर सपोर्ट जैसे कर्मचारी शामिल हैं.
कंपनी ने यह भी कहा कि यह छंटनी कंपनी के पिछले महीने वैश्विक रोजगार कटौती के संबंध में की गई कटौती का हिस्सा है.
उबर का कहना है कि जिन कर्मचारियों की छंटनी की जा रही है, उन्हें कम से कम 10 सप्ताह का वेतन दिया जाएगा. इसके साथ ही अगले छह महीने के लिए अतिरिक्त मेडिकल इंश्योरेंस दिया जाएगा.
उबर इंडिया और दक्षिण एशिया के अध्यक्ष प्रदीप परमेश्वरन ने कहा, ‘कोरोना वायरस के असर और स्थिति सामान्य होने की अनिश्चितता ने उबर इंडिया और दक्षिण एशिया के समक्ष छंटनी के अलावा कोई विकल्प नहीं छोड़ा है. इस छंटनी से लगभग 600 पूर्णकालिक ड्राइवर और राइडर, इसके साथ ही अन्य कर्मचारी प्रभावित होंगे. ये छंटनी कंपनी द्वारा इस महीने की शुरुआत में घोषित की गई वैश्विक रोजागर कटौती का हिस्सा है.’
उन्होंने कहा, ‘आज का दिन उबर परिवार और हमें छोड़ रहे सहयोगियों के लिए बहुत ही दुखद दिन है. हमने अभी फैसला किया है ताकि हम आत्मविश्वास के साथ भविष्य को देख सके. मैं हमें छोड़कर जा रहे सहयोगियों से माफी मांगता हूं और मैं उबर राइडर्स और भारत में काम करने वाले ड्राइवर्स का उनके द्वारा दिए गए योगदान के लिए आभारी हूं.’
परमेश्वरन ने कहा, ‘हर कर्मचारी को कम से कम 10 सप्ताह का वेतन, अगले छह महीनों के लिए मेडिकल बीमा कवरेज, रिप्लेसमेंट सपोर्ट, कंपनी द्वारा मुहैया कराए गए लैपटॉप को अपने पास रखने के साथ-साथ उबर टैलेंट डायरेक्टरी से जुड़ने का विकल्प भी दिया जाएगा.’
मालूम हो कि कोरोना वायरस के मद्देनजर लॉकडाउन से कारोबार प्रभावित होने की वजह से वैश्विक स्तर पर उबर ने 3,500 से अधिक कर्मचारियों की छंटनी की घोषणा की है.
इससे पहले ओला ने लॉकडाउन की वजह से कारोबार प्रभावित होने से अपने 1,400 कर्मचारियों की छंटनी की थी.
फूड डिलीवरी कंपनी स्विगी ने बीती 18 मई को ऐलान किया था कि बीते दो महीनों में ऑनलाइन फूड डिलीवर करने की मांग में तेज गिरावट आने से वह अपने 1,100 कर्मचारियों यानी लगभग 14 फीसदी कर्मचारियों की छंटनी करेगी.
इससे पहले स्विगी की प्रतिद्वंद्वी कंपनी जोमैटो ने भी अपने 13 फीसदी कर्मचारियों की छंटनी करने का ऐलान किया था. साथ ही कंपनी ने कहा था कि वह अपने कर्मचारियों की तनख्वाह में अगले छह महीने तक अधिकतम 50 फीसदी की कटौती भी करेगा.