ट्विटर की चेतावनी के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि ट्विटर अब 2020 में होने वाले राष्ट्रपति पद के चुनाव में हस्तक्षेप कर रहा है. उन्होंने ट्विटर पर बोलने की आजादी का गला घोंटने का आरोप लगाते हुए कहा कि मैं एक राष्ट्रपति के रूप में ऐसा करने की अनुमति नहीं दूंगा.
वॉशिंगटन: सोशल मीडिया साइट ट्विटर ने पहली बार अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के किसी ट्वीट पर फैक्ट चेक करने संबंधी चेतावनी जारी की है.
ट्विटर ने मंगलवार को ट्रंप के उस ट्वीट पर यह चेतावनी जारी की, जिसमें ट्रंप ने मेल के जरिये मतदान को ‘फर्जीवाड़ा’ बताया था और भविष्यवाणी करते हुए चेताया था कि इन ‘मेल बॉक्स को लूट लिया’ जाएगा.
उन्होंने कहा था, ‘मेल बॉक्स लूट लिए जाएंगे, मत पत्रों में फर्जीवाड़ा किया जाएगा, उन्हें अवैध तरीके से छापा जाएगा और धोखाधड़ी से हस्ताक्षर किए जाएंगे. कैलिफोर्निया के गर्वनर लाखों लोगों को मतपत्र भेज रहे हैं.’
इसी ट्वीट के बाद ट्विटर ने तथ्य संबंधी जांच को लेकर चेतावनी जारी की थी.
ट्विटर ने ट्रंप के ट्वीट पर चेतावनी जारी करते हुए लिखा था, ‘मेल के जरिये मतदान से जुड़े तथ्यों का पता लगाएं’.
इसके साथ ही उसने ‘द वॉशिंगटन पोस्ट’ और ‘सीएनएन’ जैसे मीडिया संस्थानों की विभिन्न खबरों के लिंक भी संलग्न किए.
ट्विटर के प्रवक्ता ट्रेंटन केनेडी ने कहा कि हालांकि ट्रंप का मेल के जरिये मतदान संबंधी ट्वीट ट्विटर के नियमों का उल्लंघन नहीं करता क्योंकि ‘यह लोगों को मतदान करने से प्रत्यक्ष रूप से मना नहीं करता है’, लेकिन इसमें ‘मतदान प्रक्रिया, खासकर मेल के जरिये मतदान के बारे में भ्रामक जानकारी’ दी गई है.
ट्रंप की चुनाव प्रचार मुहिम टीम ने आरोप लगाया कि ट्विटर राष्ट्रपति को मतदाताओं तक अपना संदेश पहुंचाने से रोक रहा है.
हालांकि, इसके बाद डोनाल्ड ट्रंप ने आरोप लगाया कि ट्विटर अमेरिकी चुनाव में हस्तक्षेप कर रहा है और बोलने की आजादी का गला घोंट रहा है.
ट्रंप ने ट्विटर की चेतावनी के बाद मंगलवार को ट्वीट किया, ‘ट्विटर अब 2020 में होने वाले राष्ट्रपति पद के चुनाव में हस्तक्षेप कर रहा है. उनका कहना है कि मेल के जरिये मतदान संबंधी मेरा यह बयान गलत है कि इससे व्यापक स्तर पर भ्रष्टाचार और फर्जीवाड़ा फैलेगा. उसका यह कथन फर्जी समाचार देने वाले सीएनएन और अमेजॉन वाशिंगटन पोस्ट की तथ्य संबंधी जांच पर आधारित है.’
उन्होंने एक अन्य ट्वीट में कहा, ‘ट्विटर बोलने की आजादी का गला घोंट रहा है और मैं एक राष्ट्रपति के रूप में ऐसा करने की अनुमति नहीं दूंगा.’
.@Twitter is now interfering in the 2020 Presidential Election. They are saying my statement on Mail-In Ballots, which will lead to massive corruption and fraud, is incorrect, based on fact-checking by Fake News CNN and the Amazon Washington Post….
— Donald J. Trump (@realDonaldTrump) May 26, 2020
इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, इससे पहले ट्रंप को कभी भी ट्विटर की चेतावनी का सामना नहीं करना पड़ा था.
साल 2001 में तत्कालीन रिपब्लिकन सांसद जो स्कारबॉरो के एक दफ्तर में दुर्घटना में मरने वाली एक महिला के पति ने हाल ही में ट्विटर से मांग की थी कि वह राष्ट्रपति ट्रंप के उन आधारहीन ट्वीट को डिलीट कर दे जिसमें स्कारबॉरो को महिला की मौत का जिम्मेदार ठहराया गया है. दरअसल, स्कारबॉरो ट्रंप के तीखे आलोचकों में से एक हैं.
इसके बाद ट्विटर ने एक बयान जारी कर दुख जताया लेकिन उन ट्वीट पर कोई कार्रवाई नहीं की.
बता दें कि ट्रंप पर लगातार ऐसे आरोप लगते रहे हैं कि वे अपने सोशल मीडिया अकाउंट्स का इस्तेमाल गलत सूचनाएं फैलाने, अपशब्दों का इस्तेमाल करने और आम लोगों के साथ सार्वजनिक लोगों के खिलाफ करते हैं. हालांकि, ट्विटर के आधिकारिक नियमों के तहत आने के बाद भी उन पर कोई कार्रवाई नहीं होती है.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)