कर्नाटकः कांग्रेस ने पीपीई किट ख़रीद में भ्रष्टाचार का आरोप लगाया

कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस समिति के कार्यकारी अध्यक्ष सलीम अहमद का कहना है कि कुछ मंत्रियों पर अपने निकट सहयोगियों की कंपनियों के लिए पीपीई किट और अन्य मेडिकल उपकरणों की सप्लाई के कॉन्ट्रैक्ट लेने के आरोप हैं.

कोलकाता में डोर-टू-डोर सर्वे के दौरान स्वास्थ्य कर्मी (फोटो: पीटीआई)

कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस समिति के कार्यकारी अध्यक्ष सलीम अहमद का कहना है कि कुछ मंत्रियों पर अपने निकट सहयोगियों की कंपनियों के लिए पीपीई किट और अन्य मेडिकल उपकरणों की सप्लाई के कॉन्ट्रैक्ट लेने के आरोप हैं.

कोलकाता में डोर-टू-डोर सर्वे के दौरान स्वास्थ्य कर्मी (फोटो: पीटीआई)
(प्रतीकात्मक फोटो: पीटीआई)

बेंगलुरु: कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस समिति के कार्यकारी अध्यक्ष ने कुछ मंत्रियों पर कोरोना इलाज के लिए निजी सुरक्षात्मक उपकरण (पीपीई) किट और अन्य मेडिकल उपकरणों की खरीद में भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है.

द हिंदू की रिपोर्ट के मुताबिक, कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस समिति के कार्यकारी अध्यक्ष सलीम अहमद ने शुक्रवार को कहा कि स्पीकर विश्वेश्वर हेगड़े कागेरी को इस मामले की जांच के लिए विधानसभा की लोक लेखा समिति (पीएसी) को मंजूरी देनी चाहिए.

लोक लेखा समिति की अध्यक्षता करने वाले एचके पाटिल ने गुरुवार को कागेरी के उस फैसले की आलोचना की, जिसमें कागेरी ने राज्य में कोरोना से निपटने के लिए स्वास्थ्य उपकरणों की खरीद के दौरान सरकारी धन के दुरुपयोग के आरोपों की जांच बंद करने का फैसला किया था.

पाटिल ने स्पीकर को लिखे पत्र में कहा कि कागेरी ने कोरोना के लिए स्वास्थ्य उपकरणों की खरीद के लिए सरकारी विभागों द्वारा कथित तौर पर पैसे के दुरुपयोग की जांच के लिए उन्हें और समिति के सदस्यों को रोकने के लिए आदेश जारी किया था.

इस पर कागेरी ने कहा कि यह रोक लॉकडाउन के मद्देनजर लगाई गई थी.

अहमद ने संवाददाताओं को बताया कि कुछ मंत्रियों पर अपने निकट सहयोगियों की कंपनियों के लिए पीपीई किट और अन्य मेडिकल उपकरणों की सप्लाई के कॉन्ट्रैक्ट लेने के आरोप हैं.

उन्होंने कहा, ‘पार्टी के सदस्यों ने इन लेन-देन की जानकारी हासिल की है और उसे पीएसी को सौंप दिया है.’

अहमद ने कहा कि स्पीकर को निष्पक्ष होना चाहिए और विधानसभा के वरिष्ठ सदस्य पाटिल को इस मामले में पूछताछ की अनुमति देनी चाहिए.

उन्होंने कहा कि अनुमति नहीं देना संदेह पैदा करता है कि पीपीई किट और अन्य जरूरी मेडिकल सामानों की खरीद उचित तरीके से नहीं की गई.