मेरठ: बंदर ले भागे कोरोना वायरस का टेस्ट सैंपल

यह घटना मेरठ मेडिकल कॉलेज की है. बंदरों ने स्वास्थ्यकर्मियों से ये सैंपल छीन लिए थे. मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल ने स्पष्टीकरण देते हुए कहा है कि बंदरों के एक समूह ने जो सैंपल छीना था, वह कोरोना की जांच के लिए नहीं था.

(प्रतीकात्मक फोटो: पीटीआई)

यह घटना मेरठ मेडिकल कॉलेज की है. बंदरों ने स्वास्थ्यकर्मियों से ये सैंपल छीन लिए थे. मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल ने स्पष्टीकरण देते हुए कहा है कि बंदरों के एक समूह ने जो सैंपल छीना था, वह कोरोना की जांच के लिए नहीं था.

(प्रतीकात्मक फोटो: पीटीआई)
(प्रतीकात्मक फोटो: पीटीआई)

मेरठः उत्तर प्रदेश के मेरठ में कोरोना जांच के लिए गए तीन मरीजों के सैंपल बंदरों द्वारा छीनकर नष्ट करने का मामला सामने आया है.

नवभारत टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, यह घटना मेरठ मेडिकल कॉलेज की है. बंदरों ने अस्पताल के स्वास्थ्यकर्मियों से ये सैंपल छीन लिए और भागकर पेड़ पर चढ़ गए.

इस दौरान बंदरों ने दांतों से सीलबंद सैंपल फाड़कर उन्हें चबाना शुरू कर दिया. तत्काल इसकी सूचना वन विभाग की टीम को दी गई.

कोविड-19 की जांच के लिए इन सैंपल को मेरठ के एलएलआरएम लैब ले जाया गया था.

स्थानीय लोगों के भीतर एक आशंका इस बात को लेकर है कि कहीं सैंपल से बंदर संक्रमित न हो जाए और उससे इलाके में संक्रमण न फैल जाए.

सूत्रों का कहना है कि जिस लैब टेक्निशियन ने बंदरों का सैंपल चबाते हुए वीडियो बनाया था. उसे अस्पताल प्रशासन ने नोटिस जारी करते हुए स्पष्टीकरण मांगा है कि उसने यह बात बाहर क्यों लीक की?

मेरठ मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल जीके गर्ग ने मामले पर स्पष्टीकरण देते हुए कहा है कि बंदरों के एक समूह ने जो सैंपल लैब टेक्निशियन के हाथ से छीना था, वह कोरोना की जांच के लिए नहीं था. वह सामान्य जांच के सैंपल थे.

वहीं, उत्तर प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री जयप्रताप सिंह का कहना है कि उन्हें इस मामले की कोई जानकारी नहीं है. उन्होंने गोरखपुर में शनिवार को प्रेस वार्ता में कहा कि वे दो दिनों से बाहर हैं इसलिए उन्हें इस घटना के बारे में कोई जानकारी नहीं है.