बीती 25 मई को अमेरिका के मिनीपोलिस में एक पुलिस अधिकारी डेरेक चाउविन ने अश्वेत जॉर्ज फ्लॉयड के गले को घुटनों से कई मिनट तक दबाए रखा था, जिसके चलते उनकी मौत हो गई थी. इस घटना के बाद से नस्लभेद के ख़िलाफ़ अमेरिका सहित विभिन्न देशों में प्रदर्शन शुरू हो गए हैं.
वॉशिंगटन/न्यूयॉर्क/अटलांटा/बैंकॉक: अफ्रीकी मूल के अमेरिकी अश्वेत नागरिक जॉर्ज फ्लॉयड की पुलिस हिरासत में मौत को लेकर हो रहे हिंसक प्रदर्शनों के छठे दिन अमेरिका में आक्रोश जारी है.
इन हिंसक प्रदर्शनों में अब तक कम से कम पांच लोगों की मौत हो गई है, हजारों लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है और करीब 40 शहरों में कर्फ्यू लगाया गया है जबकि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को ह्वाइट हाउस के बंकर में शरण लेनी पड़ी है.
अमेरिका में पिछले कई दशकों में अब तक के सबसे बड़ी नागरिक अशांति माने जा रहे ये हिंसक प्रदर्शन फ्लॉयड की मौत के बाद अमेरिका में कम से कम 140 शहरों तक फैल गए हैं.
कुछ प्रदर्शनों के हिंसक रूप ले लेने के बाद कम से कम 20 राज्यों में नेशनल गार्ड के सैनिकों की तैनाती कर दी गई है.
वाशिंगटन पोस्ट ने खबर दी, ‘देश के कई हिस्सों में प्रदर्शनों के उपद्रव का रूप ले लेने के बाद कम से कम पांच लोगों की मौत हो गई.’
खबर में बताया गया कि पुलिस ने सप्ताहांत में दो दर्जन अमेरिकी शहरों से कम से कम 2,564 लोगों को गिरफ्तार किया है. इनमें से 20 प्रतिशत गिरफ्तारी लॉस एंजिलिस में हुई हैं.
यह अशांति शुरुआत में मिनेसोटा के मिनीपोलिस से शुरू हुई थी, लेकिन अब पूरे देश में फैल चुकी है जहां लॉस एंजिलिस, शिकागो, न्यूयॉर्क, ह्यूस्टन, फिलेडेल्फिया और वाशिंगटन डीसी समेत बड़े शहरों से हिंसा की खबरें आ रही हैं.
न्यूयॉर्क टाइम्स की खबर में कहा गया, ‘अमेरिका में पुलिस के हाथों एक और अश्वेत व्यक्ति की हत्या के बाद से राष्ट्रव्यापी अशांति के छठे दिन रविवार को भी भावनाओं, आक्रोश और जारी हिंसा की विस्फोटक स्थिति बनी हुई है.’
मिनेसोटा के गवर्नर ने हिंसा को शांत करने के लिए नेशनल गार्ड के हजारों सैनिक बुलवाए हैं. इस हिंसा में मिनेसोटा में हजारों इमारतें क्षतिग्रस्त या बर्बाद हो गई हैं.
A tanker truck drove into thousands of people marching on a Minneapolis highway. Protesters pulled the driver from the cab and beat him https://t.co/4LLbkxbFRd pic.twitter.com/XuMpOSYRXS
— Reuters (@Reuters) June 1, 2020
तनाव उस वक्त बढ़ गया था जब मिनेसोटा में प्रदर्शन कर रहे प्रदर्शनकारियों के समूह ने लाफयेट्ट पार्क में प्रदर्शन कर रहे समूह के साथ आने की कोशिश की लेकिन पुलिस ने उन्हें रोक दिया.
नेशनल गार्ड के करीब 5,000 सैनिकों एवं एयरमेन को 15 राज्यों और वाशिंगटन डीसी में तैनात किया गया है.
बर्मिंघम में प्रदर्शनकारियों ने कन्फेडरेट स्मारक को गिरा दिया जिसे शहर ने एक कानूनी विवाद के चलते तिरपाल से ढका हुआ था.
बोस्टन में पुलिस की एसयूवी को स्टेट हाउस के पास आग के हवाले कर दिया गया.
फिलाडेल्फिया में पुलिस अधिकारी दंगों के समय इस्तेमाल होने वाले उपकरणों और बख्तरबंद वाहन में प्रदर्शनकारियों और लूटेरों को तितर-बितर करने के लिए मिर्च स्प्रे इस्तेमाल करते दिखे.
न्यूयॉर्क में प्रदर्शनकारियों ने ब्रूकलिन और विलियम्सबर्ग पुलों पर मार्च कर यातायात को बाधित किया. कार ट्रैफिक के लिए मैनहेटन पुल को कुछ देर के लिए बंद रखा गया. यूनियन स्कॉयर में उथल-पुथल मच गई जहां कबाड़ में पड़े कैन और सड़क पर पड़े कूड़े को लगाई गई आग की लपटें दो मंजिला इमारत की ऊंचाई तक उठती दिखीं.
खबर में कहा गया कि यह पहली बार है जब 1968 में डॉ. मार्टिन लूथर किंग जूनियर की हत्या के बाद से इतने सारे अधिकारियों ने नागरिक अशांति को देखते हुए एक साथ ऐसे आदेश पारित किए हों.
पुलिस ने रविवार को ह्वाइट हाउस के पास से प्रदर्शनकारियों को हटाने के लिए आंसू गैस के गोले दागे, जिन्होंने प्रमुख इमारतों की खिड़कियों को तोड़ा, गाड़ियां पलट दीं और आगजनी की जहां वॉशिंगटन स्मारक के पास से धुएं का गुबार उठता दिखा.
पिछले कुछ दिनों से हजारों प्रदर्शनकारी ह्वाइट हाउस के बाहर एकत्र होकर राष्ट्रपति ट्रंप के खिलाफ नारेबाजी कर रहे हैं.
रविवार रात 11 बजे घोषित कर्फ्यू से करीब एक घंटे पहले पुलिस ने 1,000 से अधिक लोगों की भीड़ पर बड़े पैमाने पर आंसू गैस के गोले दागे थे.
प्रदर्शनकारियों ने सड़कों पर लगे चिह्नों और प्लास्टिक के अवरोधक जमा किए और एच स्ट्रीट के बीचों-बीच उन्हें आग लगा दी. कुछ ने पास की इमारत से अमेरिकी झंडा उतारा और उसे आग में फेंक दिया. अन्य ने पेड़ों की टहनियां तोड़कर डाली. पार्क के उत्तरी हिस्से में स्थित अंगारनुमा ढांचा पूरी तरह जल गया.
वहीं कई मील दूर उत्तर में, उत्तरपश्चिम डीसी में, मेरीलैंड सीमा के पास एक अलग प्रदर्शन शुरू हो गया.
मेट्रोपोलिटन पुलिस विभाग ने कहा कि एक किराने की दुकान और शॉपिंग सेंटर में सेंधमारी की कोशिश भी गई. पुलिस ने कहा कि कई लोगों को हिरासत में लिया गया है.
सीएनएन के मुताबिक, राष्ट्रपति ट्रंप को ह्वाइट हाउस के बाहर प्रदर्शन के दौरान कुछ समय के लिए भूमिगत बंकर में ले जाया गया. प्रथम महिला मेलानिया ट्रंप और उनके बेटे बैरन को भी बंकर में ले जाया गया.
राष्ट्रपति ट्रंप रविवार को सार्वजनिक रूप से नजर नहीं आए, लेकिन एक के बाद एक कई ट्वीट कर उन्होंने देश में नफरत एवं अराजकता को बढ़ावा देने के लिए मीडियो को दोष दिया.
अमेरिकी अटॉर्नी जनरल विलियम बार ने कहा कि यह हिंसा भड़काई गई है और एएनटीएफआई संगठन ने की है और अन्य समूह जो घरेलू स्तर पर आतंकवाद फैला रहे हैं, उनसे उचित तरीके से निपटा जाएगा.
ट्रंप प्रशासन ने आरोप लगाया है कि यह हिंसा नियोजित लग रही है जिसे धुर वामपंथी चरमपंथियों और अराजक तत्वों ने अंजाम दिया है.
वहीं पू्र्व उपराष्ट्रपति जो बाइडेन ने रविवार को एक प्रदर्शन स्थल का दौरा किया और कहा कि इस आक्रोश को एक मकसद में बदलकर ही इस दर्द को कम किया जा सकता है.
बता दें कि बीते 25 मई को मिनीपोलिस में एक अश्वेत अमेरिकी जॉर्ज फ्लॉयड के गले को एक पुलिसकर्मी द्वारा अपने घुटने से लगातार कई मिनट तक दबाए रखने के कारण उनकी मौत हो गई थी. आरोपी श्वेत पुलिस अधिकारी डेरेक चाउविन को शुक्रवार को गिरफ्तार कर लिया गया है.
एक वीडियो में पुलिस अधिकारी को घुटने से फ्लॉयड की गर्दन दबाते हुए देखा गया. फ्लॉयड की बाद में चोटों के कारण मौत हो गई थी. यह वीडियो एक राहगीर ने बनाया था. अश्वेत फ्लॉयड को एक दुकान में नकली बिल का इस्तेमाल करने के संदेह में गिरफ्तार किया गया था.
इस घटना के बाद अमेरिका में नस्लभेद के खिलाफ प्रदर्शन शुरू हुए जो हिंसा में बदल गए.
मिसिसिपी के मेयर ने माफी मांगी
उधर मिनीपोलिस में फ्लॉयड की मौत को लेकर अपने ट्वीट से आक्रोश पैदा करने वाले मिसिसिपी के श्वेत मेयर ने माफी मांग ली है लेकिन कहा कि वह इस्तीफा नहीं देंगे.
पेटल मेयर हाल मार्क ने कहा कि फ्लॉयडी की मौत पर की गई उनकी टिप्पणी जल्दबाजी में और बिना सोचे-समझे की गई थी.
उन्होंने एक साक्षात्कार में ‘हेटिसबर्ग अमेरिकन’ अखबार से कहा, ‘मैं उनसे माफी मांगता हूं जिन्हें मेरी टिप्पणी असंवेदनशील लगी और मैं अपने शहर के लोगों से भी माफी मांगता हूं.’
उन्होंने कहा था कि फ्लॉयड की मौत में उन्हें कुछ भी अनुचित नहीं लगा.
प्रदर्शनकारियों पर बल प्रयोग करने पर दो अधिकारी निलंबित: अटलांटा मेयर
मिनीपोलिस में प्रदर्शन कर रहे दो विद्यार्थियों की गिरफ्तारी के दौरान पुलिस द्वारा अत्यधिक बल प्रयोग करने पर अटलांटा की मेयर ने दो पुलिस अधिकारियों को निलंबित कर दिया और तीन अन्य को डेस्क ड्यूटी पर तैनात कर दिया.
Rioters attack a driver on an occupied freeway in Tulsa, Okla. #antifa #BlackLivesMatter #GeorgeFloyd pic.twitter.com/yRb8Yscz26
— Andy Ngô 🏳️🌈 (@MrAndyNgo) June 1, 2020
अटलांटा की मेयर कीशा लांस बॉटम्स ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि उन्होंने और पुलिस प्रमुख एरिक शिल्ड्स ने शनिवार को हुई इस घटना की वीडियो फुटेज समीक्षा के बाद यह निर्णय किया है. इस वीडियो को लोग सोशल मीडिया पर काफी देख रहे हैं और स्थानीय समाचार चैनल पर भी यह वीडियो चल रहा है.
बॉटम ने संवाददाताओं से कहा कि ज्यादा बल प्रयोग कभी भी स्वीकार्य नहीं है. इस वीडियो को स्थानीय संवाददाताओं ने रिकॉर्ड किया था. इसमें पुलिस अधिकारियों के एक समूह को एक कार को घेरे हुए देखा जा सकता है.
इस कार को एक व्यक्ति चला रहा था और एक महिला उसमें बैठी हुई थी. अधिकारियों ने महिला को बाहर निकाला और ऐसा प्रतीत होता है कि व्यक्ति पर बिजली के झटके देने वाली बंदूक का इस्तेमाल किया गया. जबकि ऐसा प्रतीत होता रहा है कि ये दोनों लोग पुलिस से नहीं झगड़ा कर रहे हैं.
टीवी संवाददाताओं ने बताया कि पुलिस ने इससे पहले कार का शीशा तोड़ा और कार के चक्के की हवा निकाल दी.
बॉटम ने बताया कि महिला पर बिना कोई आरोप लगाए उसे मुक्त कर दिया गया है और पुरुष को भी छोड़ दिया गया है. इसके साथ ही मेयर ने आदेश दिया है कि व्यक्ति के खिलाफ लगाये गए आरोप वापस ले लिए जाएं.
न्यूयॉर्क के गवर्नर की अपील, प्रदर्शनकारी हिंसा न करें
न्यूयॉर्क के गवर्नर एंड्रियू कुओमो ने प्रदर्शनकारियों से अपील की कि एक पुलिस अधिकारी के हाथों अफ्रीकी-अमेरिकी की हत्या के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान हिंसा न करें.
उन्होंने कहा कि हिंसक प्रदर्शन से अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को पुलिस अधिकारी द्वारा हत्या करने के बजाय लूट के बारे में ट्वीट करने का मौका मिल रहा है.
ट्र्रंप (रिपब्लिकन) ने रविवार को सिलसिलेवार ट्वीट में प्रदर्शन के दौरान हिंसा की निंदा करते हुए प्रदर्शनकारियों को अराजक तत्व करार देते हुए उन पर दुकानों को लूटने और व्यवसायों को नुकसान पहुंचाने का आरोप लगाया था.
कुओमो (डेमोक्रेट) ने कहा, ‘जब आप हिंसक होते हैं तो इससे आरोपों से बचने का बहाना मिल जाता है. इससे अमेरिका के राष्ट्रपति को एक पुलिस अधिकारी द्वारा की गई हत्या के बजाय लूट के बारे में ट्वीट करने का मौका मिल रहा है. इससे संघीय सरकार को जो चल रहा है उसका राजनीतिकरण करने और वामपंथियों तथा अतिवादों को दोषी बताने का मौका मिल रहा है.’
कुओमो ने हिंसा के कभी काम ना आने की बात पर जोर देते हुए शांति की अपील की.
समर्थन में कई दूसरे देशों में भी हुए प्रदर्शन
अमेरिका में पुलिस हिंसा और नस्लभेद के खिलाफ लोगों के खड़े होने के लिए न्यूजीलैंड के सबसे बड़े शहर में सोमवार को हजारों लोगों ने मार्च किया.
ऑकलैंड में प्रदर्शनकारियों ने अमेरिकी वाणिज्य दूतावास तक मार्च किया और घुटनों पर बैठ गए. उनके हाथों में ‘मैं सांस नहीं ले पा रहा’ और ‘असल वायरस नस्लभेद है’ जैसे नारों के पोस्टर थे.
This is Perth in Western Australia (WA). WA has the highest number of Aboriginal Australians who have died in custody out of all Australian states. Tonight, West Aussies from all backgrounds came together demanding justice for George Floyd and equality for Blak Australia. pic.twitter.com/C4pPrf84Ni
— Rangi Hirini (@rangihirini) June 1, 2020
न्यूजीलैंड में ही सैकड़ों अन्य स्थानों पर लोग हो रहे शांतिपूर्ण प्रदर्शन में शामिल हुए.
रविवार को मध्य लंदन में एक सभा में हजारों लोगों ने अमेरिकी प्रदर्शनकारियों के प्रति समर्थन जताया और नारे लगाए ‘न्याय नहीं, शांति नहीं’ और ‘कितने और?’ लिखे हुए पोस्टर लहराए.
ब्राजील में सैकड़ों लोगों ने रियो डे जेनेरियो के कामगार श्रेणी मोहल्ले फेवलस में अश्वेत लोगों के खिलाफ पुलिस द्वारा किए जाने वाले अपराधों के खिलाफ प्रदर्शन किया. पुलिस ने उन्हें तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले दागे.
कनाडा में नस्लभेद विरोधी प्रदर्शन ने मांट्रियल पुलिस और कुछ प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प का रूप ले लिया. पुलिस ने सभा को अवैध बताया और प्रदर्शनकारियों पर मिर्ची के स्प्रे एवं आंसू गैस के गोले छोड़े.
ईरान के सरकारी टीवी चैनल ने बार-बार अमेरिकी अशांति की तस्वीरें दिखाईं. रूस ने कहा कि अमेरिका में पूरी व्यवस्था में मानवाधिकार समस्याएं हैं.
वहीं, चीन में सरकार नियंत्रित मीडिया ने इन प्रदर्शनों को हांगकांग में सरकार विरोधी प्रदर्शनों पर अमेरिकी विचारों के चश्मे से देखा है और कहा है कि हांगकांग पर टिप्पणी करने से पहले अमेरिकी नेताओं को दो बार विचार करना चाहिए.
उत्तर कोरिया के आधिकारिक रोडोंग सिनमुन अखबार ने खबर दी कि प्रदर्शनकारियों ने एक अश्वेत नागरिक की श्वेत पुलिसकर्मी द्वारा ‘अवैध एवं नृशंस हत्या’ की ‘कठोरता से निंदा’ की है.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)