यूपी: कोरोना वॉर्ड में ड्यूटी के दौरान डॉक्टरों को अपनी तस्वीरें भेजने के आदेश पर विवाद

लखनऊ की किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी के कुछ डॉक्टरों का कहना है कि इस तरह का आदेश दिखाता है कि जिन डॉक्टरों को कोरोना वॉरियर्स कहा जा रहा है, उन पर प्रशासन वास्तव में विश्वास ही नहीं करता.

(प्रतीकात्मक फोटो: पीटीआई)

लखनऊ की किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी के कुछ डॉक्टरों का कहना है कि इस तरह का आदेश दिखाता है कि जिन डॉक्टरों को कोरोना वॉरियर्स कहा जा रहा है, उन पर प्रशासन वास्तव में विश्वास ही नहीं करता.

(फोटो: पीटीआई)
(फोटो: पीटीआई)

लखनऊः उत्तर प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा महानिदेशक की ओर से कोविड-19 इलाज में तैनात सभी वरिष्ठ चिकित्सकों को एक पत्र जारी किया गया है, जिसमें उन्हें कोविड वॉर्डों में ड्यूटी के दौरान अपनी तस्वीरें और वीडियो प्रशासन को भेजने को कहा गया है.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, इस पत्र को लेकर विवाद खड़ा हो गया है. कई डॉक्टरों ने इस निर्देश को अनावश्यक करार दिया है. डॉक्टरों का कहना है कि उन्हें अपने काम का प्रमाण देने की जरूरत नहीं है.

लखनऊ के किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (केजीएमयू) के कुछ डॉक्टरों का कहना है कि इस तरह का आदेश दिखाता है कि जिन डॉक्टरों को कोरोना वॉरियर्स कहा जा रहा है, उन पर प्रशासन वास्तव में विश्वास ही नहीं करता.

संस्थान के एक स्वास्थ्यकर्मी ने कहा कि कुछेक घटनाओं की वजह से पूरे डॉक्टर समुदाय पर सवाल नहीं उठाया जाना चाहिए.

मालूम हो कि 28 मई को चिकित्सा शिक्षा महानिदेशक केके गुप्ता ने कहा कि चिकित्सा शिक्षा मंत्री और चिकित्सा शिक्षा प्रमुख सचिव के निर्देशानुसार, कोविड-19 के इलाज में शामिल सभी मेडिकल कॉलेजों को यह सुनिश्चित करना है कि वरिष्ठ डॉक्टर रोजाना शाम छह बजे उन्हें ईमेल कर कोविड-19 वॉर्डों में उनकी गश्ती के दौरान की अपनी तस्वीरें और वीडियो भेजें.

पत्र में यह भी कहा गया कि यह फैसला इसलिए लिया गया है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि इन वॉर्डों में वरिष्ठ डॉक्टर नियमित तौर पर गश्ती कर रहे हैं या नहीं.