केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि एमएसपी में वृद्धि से किसानों को लागत पर 50 प्रतिशत लाभ सुनिश्चित होगा. लेकिन तोमर ने ये नहीं बताया कि उनका दावा फसलों की कम लागत के आधार पर किए गए आकलन पर आधारित है.
नई दिल्ली: केंद्रीय कैबिनेट ने बीते सोमवार को आने वाले खरीफ सीजन के लिए फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) में मामूली बढ़ोतरी की है.
सरकार ने फसल वर्ष 2020-21 के लिये धान की एमएसपी 53 रुपये प्रति क्विंटल बढ़ाकर 1,868 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया, जो कि पिछले साल निर्धारित 1,815 रुपये प्रति क्विंटल एमएसपी की तुलना में मात्र 2.92 फीसदी की बढ़ोतरी है.
इसके साथ ही तिलहन, दलहन और अनाज की एमएसपी दरें भी बढ़ायी गई हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल द्वारा लिया गया यह फैसला किसानों को यह तय करने में मदद करेगा कि दक्षिण पश्चिम मानसून के आगमन के साथ वे किन खरीफ फसलों की बुआई करें.
धान मुख्य खरीफ फसल है और इसकी बुआई पहले ही शुरू हो चुकी है. अभी तक 35 लाख हेक्टेयर के रकबे में धान की बुआई की जा चुकी है. मौसम विभाग ने जून-सितंबर की अवधि के दौरान सामान्य मानसून का अनुमान लगाया है.
नकदी फसलों में चालू फसल वर्ष (जुलाई से जून) के लिये कपास (मध्यम रेशे) का समर्थन मूल्य 260 रुपये प्रति क्विंटल बढ़ाकर 2020-21 के लिये 5,515 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया गया. यह पिछले साल 5,255 रुपये प्रति क्विंटल था. इस तरह पिछले साल की तुलना में कपास की एमएसपी में मात्र 4.95 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है.
वहीं कपास (लंबे रेशे) का समर्थन मूल्य 5,550 रुपये प्रति क्विंटल से बढ़ाकर 5,825 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया गया.
इसके अलावा सरकार ने कृषि व संबंधित गतिविधियों के तीन लाख रुपये तक के अल्पावधि की कर्ज के भुगतान की तिथि भी अगस्त तक बढ़ा दी.
केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने मंत्रिमंडल की बैठक के बाद संवाददाताओं को बताया, ‘कृषि लागत और मूल्य आयोग (सीएसीपी) की सिफारिश के आधार पर मंत्रिमंडल ने 14 खरीफ फसलों के एमएसपी बढ़ाने को मंजूरी दी है. धान (सामान्य) के एमएसपी को इस वर्ष के लिये बढ़ाकर 1,868 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया गया है.’
उन्होंने दावा किया कि धान के समर्थन मूल्य में वृद्धि से किसानों को लागत पर 50 प्रतिशत लाभ सुनिश्चित होगा. तोमर ने कहा कि 2018-19 में एमएसपी निर्धारित करने का नया सिद्धांत घोषित किया गया था. इसके तहत एमएसपी को लागत के कम से कम डेढ़ गुने के स्तर पर रखा जाता है. फसल वर्ष 2020-21 के लिए एमएसपी की घोषणा इसी सिद्धांत के आधार पर की गयी.
हालांकि कृषि मंत्री ने ये नहीं बताया कि वे जिस 50 फीसदी बढ़ोतरी का दावा कर रहे हैं उसका अनुमान दरअसल कम लागत के आधार पर लगाया गया है.
कृषि मंत्रालय के अधीन संस्था कृषि लागत और मूल्य आयोग (सीएसीपी) तीन तरीके से उत्पादन लागत का आकलन करती है. ये तीन तरीके हैं, मूल्य ए1, मूल्य ए2+एफएल और मूल्य सी2.
स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट में कहा गया है कि किसानों को सी2 लागत पर डेढ़ गुना दाम मिलना चाहिए. सी2 की राशि ए1 और ए2+एफएल के मुकाबले हमेशा ज्यादा रहता है क्योंकि सी2 का निर्धारण करते वक्त खेती के सभी आयामों जैसे कि खाद, पानी, बीज के मूल्य के साथ-साथ परिवार की मजदूरी, स्वामित्व वाली जमीन का किराया मूल्य और निश्चित पूंजी पर ब्याज मूल्य भी शामिल किया जाता है.
लेकिन केंद्र सरकार फसलों की एमएसपी बढ़ाते समय सी2 लागत को नहीं जोड़ती है, बल्कि वे ए2+एफएल लागत के आधार पर एमएसपी बढ़ाते हैं. जबकि मोदी ने दावा किया था कि सत्ता में आने के बाद उनकी सरकार सी2 के आधार एमएसपी तय करेगी.
ग्रेड ए (बारीक किस्म के) धान का एमएसपी 1,835 रुपये प्रति क्विंटल से बढ़ाकर 1,888 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया गया है. मंत्री ने कहा कि धान की सामान्य किस्त के उत्पादन की लागत 1,245 रुपये प्रति क्विंटल है जबकि बारीक किस्त के धान की लागत 1,746 रुपये प्रति क्विंटल है. ये दोनों लागत सी2 नहीं बल्कि ए2+एफएल हैं.
अनाजों में बाजरे का प्रति क्विंटल एमएसपी 150 रुपये बढ़ाकर 2,150 रुपये, रागी 145 रुपये बढ़ाकर 3,295 रुपये प्रति क्विंटल तथा मक्के का एमएसपी 90 रुपये बढ़ाकर 1,850 रुपये किया गया है.
हालांकि यदि पिछले साल तय की गई एमएसपी के आधार पर तुलना करें तो इस साल बाजरे की एमएसपी में 7.50 फीसदी, रागी में 4.60 फीसदी और मक्के में सिर्फ 5.11 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है.
ज्वार संकर और ज्वार मालदंडी का एमएसपी 70-70 रुपये प्रति क्विंटल बढ़ाकर क्रमश: 2,620 रुपये और 2,640 रुपये तथा मक्के का 1,850 रुपये प्रति क्विंटल निर्धारित किया गया, जो कि पिछले साल की तुलना में मात्र 2.75 फीसदी है.
सरकार का कहना है कि दलहनों के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिये उड़द का एमएसपी 300 रुपये बढ़ाकर छह हजार रुपये, तुअर (अरहर) का 200 रुपये बढ़ाकर छह हजार रुपये और मूंग का 146 रुपये बढ़ाकर 7,196 रुपये प्रति क्विंटल किया गया.
पिछले साल की तुलना में उड़द की एमएसपी में 5.26 फीसदी, अरहर में 3.45 फीसदी और मूंग में 2.07 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है.
सरकार ने खाद्य तेलों के आयात को कम करने के लिये तिलहनों के एमएसपी में इस बार तेज वृद्धि की. सोयाबीन (पीला) का एमएसपी 170 रुपये बढ़कर 3,880 रुपये प्रति क्विंटल, सूरजमुखी बीज का 235 रुपये बढ़कर 5,885 रुपये प्रति क्विंटल और मूंगफली का 185 रुपये बढ़कर 5,275 रुपये प्रति क्विंटल हो गया है.
इनके अलावा रामतिल (निगरसीड) का एमएसपी 755 रुपये बढ़ाकर 6,695 रुपये और तिल के बीज का 370 रुपये बढ़ाकर 6,855 रुपये प्रति क्विंटल किया गया.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)