मामला गुजरात के सूरत का है. पुलिस ने बताया कि 23 वर्षीय संगम झा और 30 वर्षीय सुजीत सिंह मोटरसाइकिल से घर लौटने के दौरान रास्ता भटक गए और भेस्तान इलाके में घुस गए. स्थानीय लोग चोर समझकर लाठी और लोहे की रॉड से उन्हें पीटने लगे जिसमें संगम की मौके पर ही मौत हो गई जबकि सुजीत की हालत गंभीर है.
सूरत: बीती 30 मई की देर रात गुजरात के सूरत शहर के भेस्तान इलाके में बिहार के रहने वाले एक 23 वर्षीय युवक को भीड़ ने कथित तौर पर चोर समझकर पीट-पीटकर मार डाला था. इस मामले में एक कांग्रेस पार्षद को भी आरोपी बनाया गया है.
इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, पुलिस ने बताया कि सूरत में सचिन इलाके के रहने वाले संगम झा अपने 30 वर्षीय दोस्त सुजीत सिंह के साथ मोटरसाइकिल से पांडेसरा से वापस आ रहे थे. इसी दौरान वे रास्ता भटक गए और भेस्तान इलाके में घुस गए.
उनकी संदिग्ध गतिविधियों को देखते हुए वहां के लोगों ने उन्हें चोर समझ लिया. मौके पर इकट्ठा हुए स्थानीय निवासियों का एक समूह उन्हें लाठी और लोहे की रॉड से पीटने लगा. झा की मौके पर ही मौत हो गई जबकि सिंह को घायल हालत में सूरत नगर चिकित्सा शिक्षा और अनुसंधान संस्थान में भर्ती कराया गया है.
सिंह ने अपनी शिकायत में आरोपियों में भेस्तान के वडोड जियाय वार्ड से कांग्रेस पार्षद सतीश पटेल का भी नाम लिया है. सिंह उत्तर प्रदेश के बलिया जिले के रहने वाले हैं और गुजरात हाउसिंग बोर्ड के सचिन इलाके में रहते हैं.
सतीश पटेल के अलावा एफआईआर में नामित प्रतीक पटेल, मेहुल राजू, विशाल, पीनक व अन्य पर आईपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत हत्या, दंगा और गंभीर चोट पहुंचाने का मामला दर्ज किया गया है. प्रतीक को पूछताछ के लिए हिरासत में भी लिया गया है.
सहायक पुलिस आयुक्त जेके पांड्या ने कहा, ‘हमने कांग्रेस पार्षद सतीश पटेल सहित आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज किया है और जांच शुरू कर दी है. हमें कुछ संदेह है लेकिन जांच जारी है.’
संगम झा उर्फ पंडित बिहार के शिवहर के रहने वाले थे और मुंबई के कांदिवली में अपने पिता अरुण झा, मां कामिनी देवी और 14 व 17 साल के दो भाइयों के साथ रहते थे. उनके पिता स्लाइडिंग खिड़कियां और दरवाजे बनाने की इकाई में काम करते हैं. उन्हें संगम का शव सोमवार को सौंप दिया गया.
इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में पिता अरुण ने कहा, ‘संगम ने दो साल पहले घर छोड़ दिया था और सूरत में अपने चाचा के साथ रहने लगात था, जो हीरे की एक दुकान में काम करते हैं. वह उनके साथ तीन महीने रहा था और बिना कुछ कहे उनसे अलग हो गया था. पिछले डेढ़ साल में उसने हमें फोन भी नहीं किया था. हमें उसकी चिंता होती थी कि हमारे पास न तो उसका फोन नंबर है और न ही कोई पता.’
सतीश पटेल के वार्ड से ही कांग्रेस के अन्य पार्षद भद्रसिंह परमार ने बताया कि हो सकता है मामले का कुछ लेना-देना प्रदीप सिंह राजपूत के साथ हो जो सतीश के खिलाफ चुनाव लड़े थे और हार गए थे.
परमार ने कहा, ‘सतीश पटेल ने भाजपा प्रत्याशी राजपूत को पिछले दो नगर निगम चुनावों में हराया था. घायल सुजीत सिंह राजपूत के करीबी हैं. हम पुलिस जाच में सहयोग कर रहे हैं.’