भारत अभी कोरोना वायरस के उच्चतम स्तर से दूर है: आईसीएमआर

आईसीएमआर की विशेषज्ञ डॉ. निवेदिता गुप्ता ने कहा है कि महामारी पर लगाम लगाने के लिए भारत के कद़म प्रभावी रहे हैं और इससे मृत्यु दर में कमी आने में मदद मिली है. हम अन्य देशों की तुलना में बेहतर स्थिति में हैं.

(फोटोः पीटीआई)

आईसीएमआर की विशेषज्ञ डॉ. निवेदिता गुप्ता ने कहा है कि महामारी पर लगाम लगाने के लिए भारत के कद़म प्रभावी रहे हैं और इससे मृत्यु दर में कमी आने में मदद मिली है. हम अन्य देशों की तुलना में बेहतर स्थिति में हैं.

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(फोटोः पीटीआई)

नई दिल्लीः देश में कोरोना वायरस मामलों की संख्या दो लाख को पार कर गई है. इस बीच भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) का कहना है कि भारत अभी कोरोना वायरस के उच्चतम स्तर से दूर है.

आईसीएमआर की विशेषज्ञ डॉ. निवेदिता गुप्ता ने मंगलवार को कोविड-19 पर आईसीएमआर और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की बैठक के दौरान यह बात कही.

उन्होंने कहा कि महामारी पर लगाम लगाने के लिए भारत के कदम प्रभावी रहे हैं और इससे मृत्यु दर में कमी आने में मदद मिली है. हम अन्य देशों की तुलना में बेहतर स्थिति में हैं.

डॉ. निवेदिता ने कहा, ‘हमें सामुदायिक प्रसार यानी कम्युनिटी ट्रांसमिशन शब्द का इस्तेमाल करने के बजाय इस बीमारी के प्रसार की सीमा को समझने की जरूरत है. हम अभी इस महामारी के पीक (उच्चतम स्तर) से दूर हैं.’

नीति आयोग और एम्स सहित कई शीर्ष अधिकारियों ने इस तरह के बयान दिए हैं कि कोरोना वायरस संक्रमण के लिहाज से जून या जुलाई देश में सबसे खराब महीने रह सकते हैं.

इस बीच भारतीय लोक स्वास्थ्य संघ (आईपीएचए), इंडियन एसोसिएशन ऑफ प्रिवेंटिव एंड सोशल मेडिसिन (आईएपीएसएम) और भारतीय एपिडेमियोलॉजिस्ट (महामारी विशेषज्ञ) संघ (आईएई) के विशेषज्ञों द्वारा संकलित एक रिपोर्ट प्रधानमंत्री को सौंपी गई है.

रिपोर्ट में कहा गया है, ‘देश की घनी और मध्यम आबादी वाले क्षेत्रों में कोरोना वायरस संक्रमण के सामुदायिक प्रसार की पुष्टि हो चुकी है और इस स्तर पर कोविड-19 को खत्म करना अवास्तविक जान पड़ता है.’

बहरहाल आईसीएमआर ने सेरो-सर्वेक्षण शुरू किया है, जिसके तहत 34,000 लोगों को कवर किया जाएगा. इस सप्ताह के अंत तक इसके नतीजों को सार्वजनिक किया जाएगा.

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने कहा है कि भारत में कोविड-19 से मृत्युदर 2.82 फीसदी है, जो दुनियाभर में सबसे कम है.

उन्होंने कहा, ‘भारत में कोरोना से 73 फीसदी मौतें उन लोगों की हो रही हैं, जिन्हें एक से अधिक बीमारियां हैं.’

अग्रवाल ने कहा कि देशभर में अब तक कोरोना वायरस से 95,527 लोग ठीक हो चुके हैं. देश में रिकवरी दर 48.07 फीसदी है.

अधिकारियों का कहना है कि देश में कोविड-19 को लेकर टेस्टिंग बढ़ी है. आज हम रोजाना 1.20 लाख टेस्ट कर रहे हैं. अग्रवाल ने कहा कि राज्य सरकारों को कोविड-19 मामलों की ट्रैजेक्ट्री का विश्लेषण करने को कहा गया है.

उन्होंने कहा, ‘अगर कोई राज्य ये सोचता है कि उसे अस्थाई कोविड-19 केयर सेंटर्स खोलने की जरूरत है तो उसे यकीनन ऐसा करना चाहिए.’

इससे पहले नई दिल्ली के ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस (एम्स) के निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया ने भी कहा था कि भारत में जून या जुलाई में कोरोना वायस के मामले अपने चरम पर पहुंच सकते हैं.

गुलेरिया ने कहा था, ‘रुझानों के अनुसार देश में कोरोना वायरस का चरम जून में हो सकता है. संक्रमण के चरम पर पहुंचने के बाद कोरोना के मामलों में कमी आ सकती है.’

हालांकि, विशेषज्ञों का कहना है कि जब कोई संक्रामक बीमारी चरम पर पहुंचती है, तो इसका मतलब यह नहीं हो सकता कि इसका प्रकोप खत्म हो गया है.

इस बीच बुधवार सुबह तक देश में कोरोना वायरस के दो लाख से ज्यादा मामले दर्ज हो चुके हैं जबकि अब तक 5,815 लोगों की मौत हो चुकी है. दुनियाभर में कोरोना प्रभावित देशों की सूची में भारत सातवें स्थान पर है. देश में कोरोना के बीते कई दिनों से औसतन 8,000 नए मामले दर्ज हो रहे हैं.