‘गाय की रक्षा करने वाले पहले हिंदू थे और अब वो हत्यारे बन चुके हैं’

शिवसेना ने अपने मुखपत्र ‘सामना’ में गोरक्षा के नाम पर लोगों की हत्या को हिंदुत्व के ख़िलाफ़ बताया.

शिवसेना ने अपने मुखपत्र ‘सामना’ में गोरक्षा के नाम पर लोगों की हत्या को हिंदुत्व के ख़िलाफ़ बताया.

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शिवसेना ने अपने मुखपत्र ‘सामना’ में गोरक्षकों द्वारा हो रही हत्या और मार-पीट मामले में भाजपा पर निशाना साधा है.

अख़बार ने अपने संपादकीय में गोरक्षकों द्वारा हो रही हिंसा और बीफ के नाम पर भीड़ द्वारा पिटाई व हत्या को हिंदुत्व के खिलाफ कदम बताया है.

साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से निवेदन किया है कि इस पर लगाम लगाने के लिए बीफ़ पर राष्ट्रीय योजना बनाई जाए.

संपादकीय में भाजपा अध्यक्ष अमित शाह पर निशाना साधते हुए कहा कि गोमांस बंदी भाजपा के एजेंडे में है. लेकिन हाल ही उन्होंने गोवा में एक रैली की थी, जहां अभी भी बीफ पर प्रतिबंध नहीं है.

अभी भी गोवा में गोमांस खुले-आम बिकता है. संपादकीय में भाजपा से यह पूछा गया है कि गोवा में गौमाता का क्या दर्जा है?

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सामना में छपे संपादकीय का अंश (फोटो: सामना मराठी)

सामना ने अमित शाह को लेकर कहा है कि शाह को देश की भावना समझने की आवश्यकता है. बीफ सिर्फ भोजन के स्वरूप में नहीं देखा जाना चाहिए, बल्कि इसे व्यवसायिक दृष्टिकोण से भी देखा जाना चाहिए.

गोरक्षकों पर पिछले दिनों प्रधानमंत्री मोदी के चेतावनी पर सामना ने उनका स्वागत करते हुए प्रशंसा की है.

संपादकीय में यह साफ़ लिखा है कि गोभक्ति के नाम पर इस तरह हो रही हत्या को स्वीकार नहीं किया जाएगा. गाय की रक्षा करने वाले पहले हिंदू थे और अब वो हत्यारे बन चुके हैं.

कुछ दिन पहले हरियाणा के बल्लभगढ़ के रहने वाले 16 वर्षीय जुनैद की ट्रेन में भीड़ द्वारा पीट-पीट कर हत्या कर दी गई है. राजस्थान में पहलु खान की भी कथित गोरक्षकों द्वारा हत्या कर दी गई थी.

2015 में उत्तर प्रदेश के दादरी में मोहम्मद अख़लाक़ की भी बीफ की अफ़वाह पर पीट-पीट कर हत्या कर दी गई थी.

(समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)