कोरोना वायरस महामारी से संबंधित जानकारी छिपाने के लिए चीन के साथ कथित तौर पर मिलीभगत करने का आरोप लगाते हुए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पिछले सप्ताह विश्व स्वास्थ्य संगठन के साथ सभी संबंध तोड़ लिए थे.
ब्रासिलिया: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) छोड़ने के एक हफ्ते बाद बीते शुक्रवार को ब्राजील के राष्ट्रपति जेयर बोल्सोनारो ने संयुक्त राष्ट्र की इस स्वास्थ्य संस्था छोड़ने की धमकी दी है.
समाचार एजेंसी रॉयटर्स के अनुसार, बोल्सोनारो का यह बयान डब्ल्यूएचओ की उस चेतावनी के बाद आया है जिसमें उसने पूरे क्षेत्र में कोरोना वायरस का फैलाव कम होने से पहले लॉकडाउन हटाने के खतरे को लेकर आगाह किया था.
बता दें कि संक्रमण के कुल मामलों की संख्या के आधार पर ब्राजील दूसरे नंबर पर है और दुनिया में सबसे ज्यादा मौतों की सूची वाले देश में तीसरे स्थान पर आ गया है.
ब्राजील ने मौतों के मामले में इटली को पीछे छोड़ दिया. कोरोना वायरस से सबसे ज्यादा मौत अमेरिका और उसके बाद ब्रिटेन में हुई है. यहां रविवार सुबह तक 672,846 मामले दर्ज किए गए हैं और 35,930 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं.
इसके बावजूद बोल्सोनारो जल्द से जल्द लॉकडाउन हटाने के पक्ष में हैं. उनका कहना है कि आर्थिक लागत सार्वजनिक स्वास्थ्य के खतरों को कम कर देगी.
लातिन अमेरिका की सबसे अधिक आबादी वाले देश ब्राजील और मैक्सिको में संक्रमण के सबसे अधिक नए मामले सामने आ रहे हैं. इसके साथ पेरू, कोलंबिया, चीली और बोलिविया जैसे देशों में भी संक्रमण रफ्तार पकड़ रहा है. कुल मिलाकर 11 लाख से अधिक लातिन अमेरिकी संक्रमित हैं.
कोरोना वायरस महामारी को बहुत देर से गंभीरता से लेने के कारण बोल्सोनारो लगातार निशाने पर हैं. ब्राजील के एक अखबार फोहा डी एस. पॉलो ने पहले पन्ने पर एक संपादकीय छापा है और कहा है कि अब महामारी को हर मिनट ब्राजील के एक नागरिक की जान लेने वाला बताने वाले बोल्सोनारो ने 100 दिन पहले ही उसे एक सामान्य फ्लू बताया था.
अखबार ने लिखा, ‘जब आप यह पढ़ रहे हैं, तब तक एक ब्राजील के एक और नागरिक की मौत हो चुकी होगी.’
बीते पांच जून को यहां 24 घंटे के भीतर 1,473 लोगों की मौत हुई, जो कि एक दिन में सर्वाधिक थी. इसका मतलब है कि प्रत्येक मिनट एक से ज्यादा व्यक्ति की मौत हुई और इसी के साथ ब्राजील दुनिया में सबसे ज्यादा मौतों की सूची वाले देश में तीसरे स्थान पर आ गया था.
ब्राजील में प्रतिदिन बढ़ते संक्रमण के मामलों और मौतों की संख्या के बावजूद सोशल डिस्टेंसिंग में लापरवाही के बारे में पूछे जाने पर डब्ल्यूएचओ की प्रवक्ता मार्गरेट हैरिस ने कहा था कि लॉकडाउन उठाने के लिए एक महत्वपूर्ण मानदंड संक्रमण की रफ्तार को कम करना था.
जिनेवा में एक पत्रकार वार्ता में उन्होंने कहा, लातिन अमेरिका में महामारी का फैलाव बहुत ही अधिक चिंताजनक है. लॉकडाउन में ढील दिए जाने वाले छह कारकों में से एक संक्रमण की रफ्तार में कमी होना है.
इसके बाद शुक्रवार को पत्रकारों से बात करते हुए बोल्सोनारो ने कहा कि ब्राजील डब्ल्यूएचओ छोड़ने पर विचार करेगा जब तक कि वह पक्षपातपूर्ण राजनीतिक संगठन न बन जाए.
बता दें कि महामारी से संबंधित जानकारी को छिपाने के लिए चीन के साथ कथित तौर पर मिलीभगत करने के लिए एजेंसी पर आरोप लगाते हुए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पिछले सप्ताह डब्ल्यूएचओ के साथ सभी संबंध तोड़ लिए थे.
इससे पहले चीन का पक्ष लेने का आरोप लगाते हुए ट्रंप डब्ल्यूएचओ की आलोचना कर चुके हैं और उसे दी जाने वाली सालाना करीब 50 करोड़ डॉलर की अमेरिकी राशि पर रोक लगा चुके हैं.
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उनका प्रशासन लगातार चीन और डब्ल्यूएचओ दोनों पर आरोप लगाते रहे हैं कि वायरस के सबसे पहले वुहान में उत्पन्न होने के बाद इससे निपटने के लिए उन्होंने उचित कदम नहीं उठाए. ट्रंप ने यह भी कहा था कि डब्ल्यूएचओ ‘चीन की जनसंपर्क एजेंसी की तरह है’.
देश से लॉकडाउन हटाने से सार्वजनिक स्वास्थ्य पर कोरोना वायरस का असर न पड़ने के बोल्सोनारो के तर्क की ब्राजील के सभी राजनीतिक तबकों ने आलोचना की है. हालांकि महामारी के बीच में सरकार विरोधी प्रदर्शनों को लेकर राय बंटी हुई है.