मध्य प्रदेश: इंदौर में कोरोना संक्रमित मरीज की मौत की जानकारी 16 दिन बाद दी गई

देश में कोरोना वायरस के संक्रमण से प्रभावित ज़िलों में मध्य प्रदेश का इंदौर भी शामिल है. मरीज़ों की मौत की जानकारी देरी से देने के कारण स्वास्थ्य विभाग के रवैये पर सवाल उठ रहे हैं. वहीं, शाजापुर में इलाज का पूरा बिल न चुका पाने कारण एक बुज़ुर्ग को कथित तौर पर बेड पर रस्सियों से बांधने का मामला सामने आया है.

(प्रतीकात्मक फोटो: पीटीआई)

देश में कोरोना वायरस के संक्रमण से प्रभावित ज़िलों में मध्य प्रदेश का इंदौर भी शामिल है. मरीज़ों की मौत की जानकारी देरी से देने के कारण स्वास्थ्य विभाग के रवैये पर सवाल उठ रहे हैं. वहीं, शाजापुर में इलाज का पूरा बिल न चुका पाने कारण एक बुज़ुर्ग को कथित तौर पर बेड पर रस्सियों से बांधने का मामला सामने आया है.

(प्रतीकात्मक फोटो: पीटीआई)
(प्रतीकात्मक फोटो: पीटीआई)

इंदौर (मध्य प्रदेश): देश में कोविड-19 से सबसे ज्यादा प्रभावित जिलों में शामिल मध्य प्रदेश के इंदौर में इस महामारी से मरीजों की मौत की आधिकारिक जानकारी मीडिया के साथ देरी से साझा किए जाने के मामले बार-बार सामने आ रहे हैं और इस विलम्ब से स्वास्थ्य विभाग के रवैये पर सवाल उठ रहे हैं.

ताजा मामले में कोविड-19 से एक मरीज की मौत की जानकारी 16 दिन की देरी से दी गई है.

स्वास्थ्य विभाग के एक अधिकारी ने रविवार को बताया कि कोविड-19 से संक्रमित होने के बाद यहां अलग-अलग अस्पतालों में तीन मरीजों की मौत हो गई. इनमें शामिल 61 वर्षीय पुरुष ने एक निजी अस्पताल में 12 दिन तक चले इलाज के बाद 21 मई को दम तोड़ा था.

हालांकि, इस मरीज की मौत की आधिकारिक जानकारी इसके 16 दिन बाद स्वास्थ्य विभाग के शनिवार रात जारी नवीनतम बुलेटिन में दी गई है.

इन तीन नए मामलों के बाद जिले में कोविड-19 से दम तोड़ने वाले मरीजों की तादाद 156 पर पहुंच गई है.

जिले में कोरोना वायरस से मरने वाले लोगों का आधिकारिक ब्योरा देरी से दिए जाने को लेकर प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस के साथ ही गैर-सरकारी संगठन आरोप लगा रहे हैं कि स्वास्थ्य विभाग इन मौतों का खुलासा अपनी सुविधानुसार कर रहा है जिससे महामारी के सरकारी आंकड़ों की विश्वसनीयता को लेकर संदेह पैदा होता है.

प्रभारी मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (सीएमएचओ) एमपी शर्मा ने कहा, ‘हम कोविड-19 से मरीजों की मौत की जानकारी देरी से दिए जाने पर संबंधित अस्पतालों से लगातार जवाब-तलब कर रहे हैं.’

उन्होंने कहा, ‘हम कोविड-19 से मरीजों की मौत के रिकॉर्ड की अपने स्तर पर भी पड़ताल कर रहे हैं. हमें उम्मीद है कि इस सिलसिले में सारी विसंगतियां जल्द दूर हो जाएंगी.’

इस बीच अधिकारियों ने बताया कि इंदौर में पिछले 24 घंटे के दौरान कोविड-19 के 27 नए मामले मिले हैं. इसके साथ ही जिले में संक्रमण के मामलों की तादाद 3,722 से बढ़कर 3,749 हो गई है.

उन्होंने बताया कि इलाज के बाद स्वस्थ होने पर अब तक जिले के 2,390 लोगों को अस्पतालों से छुट्टी दी जा चुकी है.

कोविड-19 का प्रकोप कायम रहने के कारण इंदौर जिला रेड जोन में बना हुआ है. जिले में इस प्रकोप की शुरुआत 24 मार्च से हुई, जब पहले चार मरीजों में इस महामारी की पुष्टि हुई थी.

बिल न चुकाने पर अस्पताल ने 80 वर्षीय मरीज को कथित तौर पर बिस्तर से बांध दिया

मध्य प्रदेश के शाजापुर सिटी अस्पताल में इलाज का पूरा बिल न चुका पाने पर एक 80 वर्षीय बुजुर्ग को अस्पताल प्रशासन ने कथित तौर पर बेड पर रस्सियों से बांध दिया.

समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार, 80 वर्षीय लक्ष्मी नारायण रायगढ़ जिले से 38 किलोमीटर दूर इलाज कराने के लिए शाजापुर पहुंचे थे.

इलाज के दौरान परिजनों ने पहले पांच हजार रुपये और फिर छह हजार रुपये जमा कराए थे लेकिन मरीज को छुट्टी देने के दौरान अस्पताल ने अतिरिक्त 11,270 रुपये जमा कराने के लिए कहा.

नारायण के परिवार के पास और पैसे नहीं थे और लॉकडाउन के कारण वे अतिरिक्त पैसों का इंतजाम भी नहीं कर सके.

दैनिक भास्कर के अनुसार, पांच जून को रात मामला सामने आने पर स्थानीय लोग मौके पर पहुंचे और बुजुर्ग को अस्पताल से छुड़वाया.

अमर उजाला के अनुसार, अस्पताल ने कहा कि बुजुर्ग को इसलिए बांधा गया था क्योंकि इलेक्ट्रोलाइट असंतुलन के कारण उन्हें ऐंठन हो रही थी.

अस्पताल के एक डॉक्टर ने कहा कि इलेक्ट्रोलाइट असंतुलन के कारण उन्हें ऐंठन हो रही थी. हमने उन्हें बांध दिया ताकि वह खुद को चोट न पहुंचा सके. डॉक्टर ने यह भी कहा कि अस्पताल ने मानवीय आधार पर उनके बिल को माफ कर दिया था.

वहीं, शनिवार को मामला प्रशासन के संज्ञान में आया जिसके बाद प्रशासन ने जल्द से जल्द आवश्यक कार्रवाई का भरोसा दिलाया.

जिलाधिकारी दिनेश जैन ने कहा, ‘हमने मामले की जांच करने के लिए एक सब-डिविजनल मजिस्ट्रेट (एसडीएम) और एक डॉक्टर की टीम भेजी है. ऐसा नहीं होना चाहिए था और हम यह सुनिश्चित करेंगे कि अस्पताल के खिलाफ आवश्यक कार्रवाई हो.’

अस्पताल के व्यवहार की आलोचना करते हुए जैन ने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाएगा कि दोबारा ऐसी घटना न हो.

वहीं, इस मामले पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी संज्ञान लिया है और सख्त कार्रवाई की बात कही है.

उन्होंने ट्वीट कर कहा, ‘शाजापुर के एक अस्पताल में वरिष्ठ नागरिक के साथ क्रूरतम व्यवहार का मामला संज्ञान में आया है. दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा, सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी.’

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)