लॉकडाउन के दौरान घरेलू हिंसा बढ़ने की ख़बरें ग़लतः स्मृति ईरानी

केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा कि एनजीओ से जुड़े कुछ लोगों ने डर फैलाया है कि देश और दुनिया में लॉकडाउन के दौरान घरों में रह रहीं 80 फीसदी महिलाओं को पीटा जा रहा है. इससे पहले राष्ट्रीय महिला आयोग ने लॉकडाउन के दौरान घरेलू हिंसा की घटनाएं बढ़ने पर चिंता जताई थी.

New Delhi: Union Textiles Minister Smriti Irani addresses a press conference at BJP Headquarters in New Delhi, Tuesday, Sept 11, 2018. (PTI Photo) (PTI9_11_2018_000085B)
स्मृति ईरानी (फाइल फोटो: पीटीआई)

केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा कि एनजीओ से जुड़े कुछ लोगों ने डर फैलाया है कि देश और दुनिया में लॉकडाउन के दौरान घरों में रह रहीं 80 फीसदी महिलाओं को पीटा जा रहा है. इससे पहले राष्ट्रीय महिला आयोग ने लॉकडाउन के दौरान घरेलू हिंसा की घटनाएं बढ़ने पर चिंता जताई थी.

New Delhi: Union Textiles Minister Smriti Irani addresses a press conference at BJP Headquarters in New Delhi, Tuesday, Sept 11, 2018. (PTI Photo) (PTI9_11_2018_000085B)
स्मृति ईरानी (फाइल फोटो: पीटीआई)

नई दिल्लीः केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने कोरोना वायरस के मद्देनजर लगाए गए लॉकडाउन के दौरान देश में महिलाओं के खिलाफ घरेलू हिंसा के मामलों में बढ़ोतरी के दावे को खारिज किया है.

केंद्रीय मंत्री से जब पूछा गया कि लॉकडाउन के कारण घरेलू हिंसा के मामले बढ़े हैं और महिलाएं इसके खिलाफ मामला दर्ज कराने में सक्षम नहीं हैं.

इसके जवाब में स्मृति इरानी ने कहा, ‘यह गलत है. प्रत्येक राज्य में पुलिस कार्यरत है. हर राज्य के प्रत्येक जिले में एक स्टॉप क्राइसिस सेंटर है.’

उन्होंने कहा, ‘मैं उन महिलाओं के नाम और पहचान उजागर नहीं करूंगी, जिन्हें हमने बचाया है. हर राज्य और जिले में उन पीड़ितों के राहत पुनर्वास का विवरण मौजूद है.’

उन्होंने कहा कि इस मामले को लेकर डर फैलाया गया, विशेष रूप से एनजीओ से जुड़े कुछ लोगों ने डर फैलाया कि देश और दुनिया में लॉकडाउन के दौरान घरों में रह रहीं 80 फीसदी महिलाओं को पीटा जा रहा है.

उन्होंने कहा कि देश का हर शख्स अपने घर में मौजूद महिला को पीट नहीं रहा.

स्मृति ईरानी ने कहा, ‘पूरे लॉकडाउन के दौरान हमारी पुलिस फोर्स मुस्तैदी से तैनात रही. लॉकडाउन के दौरान हमारे क्राइसिस सेंटर काम करते रहे.’

उन्होंने कहा कि सिर्फ महिलाओं को ही पुनर्वास सुविधाएं मुहैया नहीं कराई गई हैं बल्कि बच्चों को भी कराई गई हैं.

स्मृति ईरानी ने कहा कि वास्तव में लॉकडाउन के दौरान सभी राज्यों में 35 हेल्पलाइन नंबर और एक सेंट्रल नंबर पूरी तरह से चालू रहा.

इससे पहले राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) ने लॉकडाउन के दौरान घरेलू हिंसा और प्रताड़ना की घटनाएं बढ़ने पर चिंता जताई थी.

एनसीडब्ल्यू की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने कहा था कि आयोग को लॉकडाउन के दौरान अधिकतर रूप से ईमेल के जरिए शिकायतें मिल रही हैं.

मार्च के पहले सप्ताह में एनसीडब्ल्यू को देशभर में महिलाओं के खिलाफ अपराध की 116 शिकायतें मिली थीं. लॉकडाउन के दौरान 23 से 31 मार्च के दौरान घरेलू हिंसा की शिकायतें बढ़कर 257 हो गईं.

एनसीडब्ल्यू को कोरोना वायरस महामारी से निपटने के लिए देश में लगाए गए लॉकडाउन के दौरान अप्रैल में घरेलू हिंसा की 315 शिकायतें मिली थीं.

इन शिकायतों में एक लड़की को शादी करने के लिए शारीरिक रूप से प्रताड़ित करने और एक व्यक्ति द्वारा ससुराल में उत्पीड़न की शिकार अपनी बहन को सुरक्षा दिए जाने की मांग करना शामिल था.

आयोग के आंकड़ों के अनुसार, 315 शिकायतें ऑनलाइन और वॉट्सऐप पर प्राप्त हुई. पिछले महीने डाक द्वारा कोई शिकायत नहीं मिली थीं. इसके बावजूद पिछले वर्ष अगस्त से शिकायतों की संख्या अधिक है. पिछले महीनों के दौरान इन शिकायतों में ऑनलाइन और डाक से मिली शिकायतें शामिल थीं.

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने भी लॉकडाउन में महिलाओं व लड़कियों के प्रति घरेलू हिंसा के मामलों में भयावह बढ़ोतरी दर्ज किए जाने पर चिंता जताते हुए सरकारों से ठोस कार्रवाई का आह्वान किया था.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)