अनूप परनवाल की ओर से दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए शीर्ष अदालत ने यह भी कहा कि अभी तक निर्वाचन आयोग में अच्छे लोगों की नियुक्ति हुई है.
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से सवाल किया कि भारत निर्वाचन आयोग में मुख्य निर्वाचन आयुक्त और निर्वाचन आयुक्तों की नियुक्ति के लिए संविधान में किए गए प्रावधानों के अनुरूप कोई कानून क्यों नहीं है.
बहरहाल, न्यायालय ने यह भी कहा कि अभी तक निर्वाचन आयोग में अच्छे लोगों की नियुक्ति हुई है.
मुख्य न्यायाधीश जेएस खेहर और न्यायमूर्ति डीवाई चन्द्रचूड़ की पीठ ने कहा कि संविधान के अनुच्छेद 324 में प्रावधान किया गया है कि मुख्य निर्वाचन आयुक्त और निर्वाचन आयुक्तों की नियुक्ति तय कानून के तहत होगी, लेकिन अभी तक कोई कानून नहीं बनाया गया है.
The Supreme Court observed: "Till now the appointments have been fair and transparent but we feel there is no procedure as such."
— ANI (@ANI) July 5, 2017
पीठ ने केंद्र की ओर से पेश हुए सॉलिसिटर जनरल रंजीत कुमार से पूछा,‘आशा है कि संसद कानून बनाएगी. कानून नहीं बनाया गया है, ऐसे में क्या अदालत प्रक्रिया तय कर सकती है.’
पीठ वकील प्रशांत भूषण के माध्यम से अनूप परनवाल की ओर से दायर जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही थी. याचिका में कहा गया है कि मुख्य निवार्चन आयुक्तों और निर्वाचन आयुक्तों की नियुक्ति के लिए निष्पक्ष और पारदर्शी प्रक्रिया होनी चाहिए.
याचिका में उच्च और उच्चतम न्यायालयों में न्यायाधीशों की नियुक्ति के लिए स्वतंत्र प्रक्रिया का हवाला देते हुए कहा है कि भारत निर्वाचन आयोग में मुख्य निर्वाचन आयुक्तों और निर्वाचन आयुक्तों की नियुक्ति के लिए भी ऐसी ही प्रक्रिया होनी चाहिए.
(समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)