बांदा में फिर एक युवक ने लगाई फांसी, हाल ही में गुजरात से लौटा था

19 वर्षीय युवक गुजरात के अहमदाबाद शहर में फल की दुकान चलाता था. उत्तर प्रदेश के बांदा ज़िले में एक महीने के भीतर क़रीब सात से आठ लोगों द्वारा आत्महत्या किए जाने के मामले सामने आ चुके हैं.

19 वर्षीय युवक गुजरात के अहमदाबाद शहर में फल की दुकान चलाता था. उत्तर प्रदेश के बांदा ज़िले में एक महीने के भीतर क़रीब सात से आठ लोगों द्वारा आत्महत्या किए जाने के मामले सामने आ चुके हैं.

Banda

बांदा: उत्तर प्रदेश के बांदा जिले में एक और युवक के फांसी लगाकर जान देने का मामला सामने आया है. घटना बीते आठ जून को जिले के मरका थाना क्षेत्र की है.

युवक लॉकडाउन के कारण हाल ही में गुजरात के अहमदाबाद शहर से लौटा था.

बबेरू क्षेत्र के पुलिस उपाधीक्षक (सीओ) राजीव प्रताप सिंह ने मरका पुलिस के हवाले से बताया कि सोमवार को मऊ गांव में उदय गुप्ता के बेटे मोहित (19) ने कमरे में पंखे के हुक से फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली. उनकी गुजरात के अहमदाबाद शहर में फल की दुकान थी, लेकिन लॉकडाउन होने के बाद वह अप्रैल में घर लौट आए थे.

उन्होंने बताया कि मृतक के परिजन आत्महत्या की खास वजह नहीं बता पाए. पुलिस ने पोस्टमॉर्टम कराने के बाद शव परिजन को सौंप दिया है और मामले की जांच आरंभ कर दी है.

मालूम हो कि उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों से कोरोना वायरस और लॉकडाउन की वजह से बनी परिस्थितियों के कारण लोगों द्वारा आत्महत्या करने के मामले लगातार सामने आ रहे हैं.

बीते तीन जून को बांदा ज़िले की नरैनी कोतवाली क्षेत्र के मोतियारी गांव में कथित तौर पर आर्थिक तंगी से परेशान एक महिला ने अपने तीन बच्चों के साथ जहर खाकर खुदकुशी की कोशिश की थी, लेकिन उन्हें बचा लिया गया था. महिला के पति ने एक महीने पहले ही जान दे दी थी.

बीती 29 मई को राज्य के लखीमपुर खीरी ज़िले में लॉकडाउन के कारण बेरोजगार हुए एक 50 वर्षीय शख्स ने ट्रेन से कटकर आत्महत्या कर ली. मृतक की जेब से एक सुसाइड नोट बरामद हुआ था, जिसमें उन्होंने अपनी गरीबी और बेरोजगारी का जिक्र किया है.

मृतक की पहचान ज़िले के मैगलगंज थाना क्षेत्र के रहने वाले भानु प्रकाश गुप्ता के रूप में की गई है. वह शाहजहांपुर के एक होटल में काम करते थे.

उत्तर प्रदेश के बांदा ज़िले में पिछले एक महीने के दौरान करीब सात से आठ लोगों के आत्महत्या करने की खबरें चुकी हैं.

बीती 28 मई को उत्तर प्रदेश में ही बांदा ज़िले के तिंदवारी थाना क्षेत्र में एक क्वारंटीन सेंटर में रह रहे प्रवासी मजदूर ने वहां से भागकर कथित रूप से आत्महत्या कर ली थी.

उनकी पहचान 35 वर्षीय जगदीश निषाद के रूप में हुई थी. वह सूरत में मजदूरी का काम करते थे. पुलिस ने बताया था कि पति-पत्नी के बीच हुए विवाद के चलते आत्महत्या करने की वजह पता चली है.

बीती 27 मई को बांदा ज़िले में कथित रूप से आर्थिक तंगी से परेशान दो प्रवासी मजदूरों ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी. लॉकडाउन के चलते लोहरा गांव के 22 वर्षीय सुरेश कुछ दिन पहले दिल्ली से घर लौटे थे. वहीं पैलानी थाना क्षेत्र के 20 साल के मनोज दस दिन पहले मुंबई से लौटे थे.

इससे पहले 25 मई को इसी ज़िले के बिसंडा थाना क्षेत्र के ओरन कस्बे में एक मजदूर ने बेरोजगारी से परेशान होकर कथित रूप से फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी. इससे पहले 22 मई को कमासिन थाना क्षेत्र के मुसीवां गांव के सुनील (19) ने होम-क्वारंटीन में फांसी लगा ली थी. वह कुछ रोज पहले ही मुंबई से लौटे थे.

इसी तरह 14 मई को तिंदवारी थाना क्षेत्र के लोहारी गांव के 25 वर्षीय सूरज ने अपने घर में फांसी लगा ली थी. वह आगरा की एक प्राइवेट कंपनी में काम करते थे, जो लॉकडाउन के कारण बंद हो गई थी.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)

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