केरल भाजपा ने मंदिरों को श्रद्धालुओं के लिए खोले जाने के सीपीआईएम नेतृत्व वाली सरकार के क़दम की आलोचना करते हुए कहा है कि यह क़दम हिंदुओं की भावनाओं को आहत करेगा. वरिष्ठ भाजपा नेता वी. मुरलीधरन ने कहा है कि सरकार की नज़र श्रद्धालुओं द्वारा मंदिर में चढ़ाए गए पैसे पर है.
लॉकडाउन के पांचवें चरण ‘अनलॉक 1’ के आठ जून से लागू होने के बाद से देश के सभी धार्मिक स्थलों को खोल दिया गया है, हालांकि केरल में भाजपा मंदिरों को खोलने जाने की वजह से सीपीआईएम नेतृत्व वाली राज्य सरकार से नाराज नजर आ रही है.
केरल भाजपा ने मंदिरों को श्रद्धालुओं के लिए खोले जाने के राज्य सरकार के कदम की आलोचना करते हुए कहा है कि यह कदम हिंदुओं की भावनाओं को आहत करेगा.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री और केरल के वरिष्ठ भाजपा नेता वी. मुरलीधरन ने कहा कि यह एक संदेहास्पद फैसला है.
मुरलीधरन ने कहा, ‘केरल में कोरोना वायरस का संक्रमण लगातार बढ़ रहा है. जब कोरोना वायरस को नियंत्रित करने के राज्य सरकार के सभी मॉडल असफल हो चुके हैं तब उसके द्वारा मंदिर खोल देना जिम्मेदारियों से पीछा छुड़ाने की कोशिश है.’
उन्होंने कहा, ‘देवास्वोम बोर्ड के बाहर के तमाम मंदिरों ने ऐसा नहीं करने का निर्णय लिया है, लेकिन आप (मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन) इस फैसले के साथ आगे बढ़ रहे हैं, जिसका उद्देश्य श्रद्धालुओं द्वारा मंदिरों को चढ़ाया गया पैसा है. यह कदम धर्म में विश्वास रखने वालों की भावनाओं को आहत करेगा.’
केरल में सरकार नियंत्रित पांच देवास्वोम (मंदिर मामलों के निकाय) के तहत तकरीबन तीन हजार मंदिर आते हैं.
केरल भाजपा अध्यक्ष के. सुरेंद्रन ने कहा, ‘सरकार हिंदू मंदिरों को खोलने के लिए उत्सुक क्यों नजर आ रही है, जब मस्जिद और चर्च अभी नहीं खोले जा रहे हैं. देवास्वोम मंत्री कदकमपल्ली सुरेंद्रन श्रद्धालुओं पर अपना लालच थोप रहे हैं. सरकार का मंदिरों को लेकर किया गया फैसला श्रद्धालुओं के खिलाफ है.’
उन्होंने कहा, ‘मंदिर खोलने का निर्णय लेने से पहले हिंदू धर्म के प्रमुख लोगों से सलाह नहीं ली गई थी, जबकि सरकार ने मुसलमानों और ईसाई धर्म के नेताओं से उनके धार्मिक स्थल खोले जाने के संबंध में सलाह ली थी.’
मालूम हो कि केंद्र सरकार ने बीते आठ जून से देश भर में धार्मिक स्थल, मॉल और रेस्टोरेंट खोलने की अनुमति दे दी है.
रिपोर्ट के अनुसार, केरल में गुरुवयूर भगवान कृष्ण मंदिर श्रद्धालुओं के लिए खोल दिया गया है, लेकिन राजधानी तिरुअनंतपुरम स्थित पद्मनाभ स्वामी मंदिर बंद रहा. इसके अलावा संघ परिवार के समर्थक संगठन ‘क्षेत्र समरक्षणा समिति’ के तहत चलने वाले तमाम मंदिर और उच्च जाति के संगठन ‘नायर सेवा सोसाइटी’ ने इस महीने के आखिर तक मंदिरों को न खोलने का निर्णय किया है.
सीपीआईएम के वरिष्ठ नेता और देवास्वोम मंत्री कदकमपल्ली सुरेंद्रन ने कहा है कि भाजपा ने जैसा सबरीमला को लेकर किया, उसी तरह का ध्रुवीकरण करने की कोशिश कर रही है.
उन्होंने कहा, ‘हमने हिंदुवादी संगठनों के प्रमुखों और प्रतिनिधियों से बात की थी. यह दुखद है कि केंद्रीय मंत्री मुरलीधरन केंद्र सरकार के फैसले से परिचित नहीं हैं.’
सबरीमला एक्शन कमेटी के संयोजक एसजेआर कुमार ने कहा कि 30 जून तक मंदिरों में यथास्थिति बनाई रखी जानी चाहिए.