केंद्र सरकार ने कोविड-19 महामारी के बाद लागू लॉकडाउन के दौरान लगातार दूसरे महीने खुदरा मुद्रास्फीति के आंशिक आंकड़े जारी किए. मई 2019 में खाद्य महंगाई दर 1.83 फीसदी थी.
नई दिल्ली: लॉकडाउन के कारण सरकार ने शुक्रवार को खुदरा मुद्रास्फीति के आंकड़ों का एक हिस्सा ही जारी किया, जिसके मुताबिक मई में खाद्य मुद्रास्फीति में 9.28 फीसदी की बढ़ोतरी हुई.
एक आधिकारिक प्रेस विज्ञप्ति के मुताबिक, ‘ग्रामीण, शहरी और संयुक्त क्षेत्र के लिए मई 2020 में उपभोक्ता खाद्य मूल्य सूचकांक (सीएफपीआई) में पिछले साल की तुलना में मुद्रास्फीति दर क्रमशः 9.69 फीसदी, 8.36 फीसदी और 9.28 फीसदी रही.’
बता दें कि मई 2019 में खाद्य महंगाई 1.83 फीसदी थी.
सरकार ने कोविड-19 महामारी के बाद लागू लॉकडाउन के दौरान लगातार दूसरे महीने खुदरा मुद्रास्फीति के आंशिक आंकड़े जारी किए.
सांख्यिकी तथा कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय ने इससे पहले अप्रैल में भी सीपीआई के आंशिक आंकड़े जारी किए थे.
सरकार ने कोरोना वायरस के प्रकोप को रोकने के लिए 25 मार्च 2020 से लॉकडाउन लागू किया था. लॉकडाउन ने देश की आर्थिक गतिविधियों पर प्रतिकूल प्रभाव डाला है.
राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) ने एक बयान में कहा कि मई, 2020 में बाजार में उत्पादों के निरंतर सीमित लेन-देन को देखते हुए खुदरा मुद्रास्फीति के उप-समूहों/समूहों को जारी करने का निर्णय लिया गया है.
इसमें कहा गया, ‘केवल उन वस्तुओं की कीमत शामिल की गई, जिन्हें अलग-अलग ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों के कम से कम 25 फीसदी बाजारों से सूचित किया गया है और संबंधित उप-समूहों/समूहों में 70 फीसदी से अधिक हिस्सेदारी हो.’
इसके अलावा, अखिल भारतीय सूचकांकों को ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में राष्ट्रीय स्तर पर एक समान बाजार पर विचार करके संकलित किया गया है.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)