दिल्लीः बीते सप्ताह कोरोना टेस्ट कराने वाला हर तीसरा व्यक्ति संक्रमित पाया गया

दिल्ली में बीते सप्ताह कोरोना टेस्ट कराने वाले लोगों में से लगभग 30.5 प्रतिशत लोग संक्रमित पाए गए. सात जून को समाप्त हुए हफ़्ते में यह दर 23 फ़ीसदी और इससे पिछले हफ़्ते में 14 फ़ीसदी थी.

New Delhi: Suspected COVID-19 patients wait to be examined by medics at a government hospital, during the ongoing lockdown, in New Delhi, Tuesday, June 9, 2020. (PTI Photo/Kamal Kishore) (PTI09-06-2020_000090B)

दिल्ली में बीते सप्ताह कोरोना टेस्ट कराने वाले लोगों में से लगभग 30.5 प्रतिशत लोग संक्रमित पाए गए. सात जून को समाप्त हुए हफ़्ते में यह दर 23 फ़ीसदी और इससे पिछले हफ़्ते में 14 फ़ीसदी थी.

New Delhi: Suspected COVID-19 patients wait to be examined by medics at a government hospital, during the ongoing lockdown, in New Delhi, Tuesday, June 9, 2020. (PTI Photo/Kamal Kishore) (PTI09-06-2020_000090B)
(फोटो:पीटीआई)

नई दिल्लीः बीते सप्ताह दिल्ली में कोरोना टेस्ट कराने वाले हर तीन में से एक मरीज की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है.

हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, दिल्ली में बीते एक सप्ताह कोरोना टेस्ट कराने वाले लोगों में से लगभग 30.5 फीसदी लोग कोरोना संक्रमित हैं.

वहीं, इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) के मुताबिक, कोरोना संक्रमण की राष्ट्रीय औसत दर सात फीसदी के आसपास है.

दिल्ली में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है. सात जून को समाप्त हफ्ते में यह दर 23 फीसदी थी जबकि इससे एक सप्ताह पहले यह दर 14 फीसदी थी.

सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, बीते सप्ताह के दौरान हर दिन औसतन 4,900 कोरोना टेस्ट किए गए, जबकि इससे पिछले सप्ताह यह आंकड़ा 5,590 और उससे पहले हफ्ते 6,129 था.

दिल्ली के एम्स में माइक्रोबायोलॉजी विभाग की पूर्व प्रमुख डॉ. शोभा बरूर का कहना है, ‘इसका मतलब है कि मौजूदा समय में कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं और कम्युनिटी ट्रांसमिशन हो रहा है. इसके अलावा एक दिन में इतने मामले आने का कोई और तरीका नहीं है. कोरोना टेस्ट पॉजिटिव आने की बढ़ रही दर का एक कारण यह भी हो सकता है कि टेस्टिंग लैब सिर्फ कोरोना लक्षण वाले लोगों का ही टेस्ट कर रहे हैं. जब कोरोना लक्षण वाले लोगों के ही टेस्ट होंगे तो कोरोना पॉजिटिव दर बढ़ेगी.’

डॉ. बरूर ने कोरोना टेस्ट को लेकर थोड़ी ढील देने का सुझाव दिया है, जिसमें अधिक जोखिम वाले कोरोना के बिना लक्षणों वाले मरीज शामिल हों.

डॉ. बरूर ने कहा, ‘हमें महामारी को समझने के लिए दिल्ली में सामुदायिक स्तर पर एंटीबॉडी टेस्ट करने की जरूरत है लेकिन आरटी-पीसीआर टेस्ट में हम हर ऐसे व्यक्ति का टेस्ट नहीं कर सकते, जिसमें कोरोना के लक्षण नहीं हो. स्वास्थ्यकर्मियों, पैरामेडिकल स्टाफ और पुलिस जैसे फ्रंटलाइन वर्कर्स जैसे अत्यधिक जोखिम वाले कर्मियों, किसी कोरोना पॉजिटिव इंसान के संपर्क में आने और दो से अधिक बीमारियों वाले व्यक्तियों के टेस्ट की मंजूरी दी जानी चाहिए.’

दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में कम्युनिटी मेडिसिन विभाग के प्रमुख डॉ. जुगल किशोर ने टेस्टिंग नियमों में ढील दिए जाने से सहमति जताते हुए कहा, ‘अब संक्रमण का कम्युनिटी ट्रांसमिशन है तो सरकार को ऐसे में टेस्टिंग नियमों में ढील देनी चाहिए और लोगों की टेस्टिंग को आसान बनाना चाहिए.’

इससे पहले शनिवार को दिल्ली सरकार ने सर गंगाराम अस्पताल को कोविड-19 जांच फिर से शुरू करने की अनुमति दे दी है. सरकार ने तीन जून को जारी एक आदेश में अस्पताल को कोविड-19 के संदिग्ध रोगियों या उनके संपर्क में आए लोगों के आरटी/पीसीआर नमूने लेने पर तत्काल रोक लगाने के लिए कहा था.

दिल्ली सरकार ने कोविड-19 नियमों के कथित उल्लंघन के लिए अस्पताल के खिलाफ प्राथमिकी भी दर्ज कराई थी, जिसे रद्द करने के लिए अस्पताल ने दिल्ली उच्च न्यायालय में याचिका दायर की है. याचिका पर सोमवार को सुनवाई होनी है.

भारत में पिछले 24 घंटे में कोविड-19 के एक दिन में सर्वाधिक 11,929 नए मामले सामने आने के बाद संक्रमितों की संख्या बढ़कर 3,20,922 हो गई, जिनमें से 311 और लोगों की मौत हो जाने से मृतकों की संख्या 9,195 पर पहुंच गई है.

वहीं, दिल्ली में दिल्ली में शनिवार को कोरोना के 2,134 मामले दर्ज हुए जबकि 57 मौतें हुईं. संक्रमण के मामले अब तक बढ़कर 39,000 हो गए हैं, जिनमें से 1,200 लोगों की मौत हो गई है.