राजनाथ सिंह ने कहा- भारत अब कमज़ोर देश नहीं रहा, समझौता नहीं करेगा

जम्मू कश्मीर के लिए एक वर्चुअल रैली को संबोधित करते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि सरकार आने वाले वर्षों में इस क्षेत्र में इतना विकास करेगी कि पाकिस्तान के क़ब्ज़े वाले कश्मीर के लोग भी भारत का हिस्सा बनने की मांग करेंगे. इससे पीओके को भारत का अभिन्न हिस्सा बताने वाला हमारा संसदीय संकल्प भी पूरा हो जाएगा.

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह. (फोटो: ट्विटर/@rajnathsingh)

जम्मू कश्मीर के लिए एक वर्चुअल रैली को संबोधित करते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि सरकार आने वाले वर्षों में इस क्षेत्र में इतना विकास करेगी कि पाकिस्तान के क़ब्ज़े वाले कश्मीर के लोग भी भारत का हिस्सा बनने की मांग करेंगे. इससे पीओके को भारत का अभिन्न हिस्सा बताने वाला हमारा संसदीय संकल्प भी पूरा हो जाएगा.

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह. (फोटो: ट्विटर/@rajnathsingh)
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह. (फोटो: ट्विटर/@rajnathsingh)

नई दिल्लीः लद्दाख सीमा पर चीन के साथ गतिरोध के बीच रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने रविवार को कहा कि भारत अपने राष्ट्रीय गौरव के साथ कभी समझौता नहीं करेगा. साथ ही उन्होंने कहा कि भारत अब कमजोर देश नहीं रहा है और उसकी सुरक्षा क्षमता बढ़ गई है.

जम्मू कश्मीर के लिए एक वर्चुअल रैली को संबोधित करते हुए सिंह ने विपक्ष को भी आश्वस्त किया कि केंद्र सरकार सीमा पर किसी भी घटनाक्रम के बारे में संसद या किसी को भी अंधेरे में नहीं रखेगी और उचित समय आने पर जानकारियां साझा करेगी.

सिंह ने कहा, ‘मैं यह आश्वस्त करना चाहता हूं कि हम किसी भी परिस्थिति में राष्ट्रीय गौरव से समझौता नहीं करेंगे. भारत अब कमजोर देश नहीं रहा है.  राष्ट्रीय सुरक्षा की हमारी ताकत बढ़ी है लेकिन इस ताकत का मतलब किसी को डराना नहीं है बल्कि अपने देश की सुरक्षा करना है.’

भाजपा के वरिष्ठ नेता ने कहा कि चीन ने बातचीत के जरिये भारत के साथ विवाद को हल करने की इच्छा जताई है और भारत सरकार की भी ऐसी ही राय है.

उन्होंने कहा, ‘हमारी भी सैन्य और कूटनीतिक स्तर पर बातचीत के जरिये भारत और चीन के बीच तनातनी को खत्म करने की कोशिश है.’ उन्होंने कहा कि दोनों देश सैन्य स्तर पर संवाद कर रहे हैं.

इससे पहले शनिवार को सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे ने कहा था कि चीन के साथ लगी देश की सीमा पर स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में है और उम्मीद है कि दोनों देशों के बीच जारी वार्ता से सभी मतभेद सुलझ जाएंगे.

उत्तराखंड के देहरादून में भारतीय सैन्य अकादमी की पासिंग आउट परेड से इतर संवाददाताओं से उन्होंने कहा, ‘मैं सभी को आश्वस्त करना चाहूंगा कि चीन के साथ हमारी सीमाओं पर स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में है. हम श्रृंखलाबद्ध बातचीत कर रहे हैं जो कोर कमांडर स्तर की वार्ता से शुरू हुई थी जिसके बाद स्थानीय स्तर पर समान रैंक के कमांडरों के बीच बैठक हुई.’

उन्होंने कहा कि वार्ता से दोनों देशों के बीच समझे जाने वाले सभी मतभेदों को सुलझा लिया जाएगा.

सेना प्रमुख ने कहा, ‘परिणामस्वरूप कई तरह से टकराव से बचा गया है और हमें उम्मीद है कि सतत बातचीत से हम अपने बीच माने जाने वाले सभी मतभेदों को सुलझा लेंगे.’

उन्होंने कहा, ‘दोनों पक्ष चरणबद्ध तरीके से टकराव की स्थिति से बच रहे हैं. हमने गलवान घाटी क्षेत्र से, उत्तर से इसकी शुरुआत की. हमारी बहुत सकारात्मक बातचीत हुई और जैसा कि मैंने कहा कि यह जारी रहेगी और आगे हालात सुधरेंगे.’

वहीं राजनाथ सिंह ने अपने भाषण में आगे कहा कि जम्मू कश्मीर को पूर्व में विशेष राज्य का दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को रद्द करने से केंद्र शासित प्रदेश में चौतरफा विकास हुआ है.

सिंह ने कहा कि सरकार आने वाले वर्षों में इस क्षेत्र में इतना विकास करेगी कि पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर के लोग भी भारत का हिस्सा बनने की मांग करेंगे. इससे पीओके को भारत का अभिन्न हिस्सा बताने वाला हमारा संसदीय संकल्प भी पूरा हो जाएगा.

सिंह ने कहा कि जब पीओके के लोग पाकिस्तान के कब्जे से मुक्त होकर भारत का हिस्सा बनना चाहेंगे तब यह संसद के उस प्रस्ताव को पूरा करने की दिशा में कदम होगा जिसके तहत कहा गया था कि यह पूरा क्षेत्र देश का एक अभिन्न अंग है.

उन्होंने कहा, ‘हमारी सरकार यह संदेश देने में कामयाब रही है कि जम्मू कश्मीर का विकास उसकी प्राथमिकता है. हमारा प्रयास अगले पांच सालों में इसकी सूरत इतनी बदल देने का है कि पीओके के लोगों को इससे ईर्ष्या होगी. वे यह इच्छा करेंगे कि काश वे भारत का हिस्सा होते, तो उनकी किस्मत भी बदल गई होती.’

मंत्रीने कहा, ‘भविष्य में क्या होता है, इंतजार करते हैं. पीओके से पाकिस्तान के कब्जे से मुक्त होने और भारत के साथ रहने की मांग उठेगी. जब यह होगा तो संसद का प्रस्ताव भी पूरा हो जाएगा.’

जम्मू कश्मीर में अनुच्छेद 370 को खत्म करने और राज्य को दो केंद्र शासित क्षेत्रों में बांटने संबंधी विधेयक के प्रस्ताव को पिछले साल संसद में पेश करने के दौरान गृह मंत्री अमित शाह ने दोहराया था कि पीओके और चीन के कब्जे वाला अक्साई चिन का इलाका भारत का अभिन्न अंग है. संसद पूर्व में यह प्रस्ताव पारित कर चुकी है कि पीओके भारत का हिस्सा है.

उन्होंने कहा कि भारतीय समाचार चैनलों द्वारा पाक के कब्जे वाले मुजफ्फराबाद और गिलगित का तापमान अपनी मौसम की खबरों में बताए जाने के बाद पड़ोसी देश का तापमान बदल गया है और वह ज्यादा शरारत कर रहा है.

उनका इशारा घाटी में आतंकवाद के संदर्भ में था. उन्होंने कहा कि भारतीय बल इसका मुंहतोड़ जवाब दे रहे हैं.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)