मंदसौर से निकली ‘किसान मुक्ति यात्रा’ को पुलिस ने रोका

किसान यात्रा में शामिल योगेंद्र यादव, मेधा पाटेकर समेत कई किसान नेताओं को पुलिस ने हिरासत में ले लिया और उनके अगले पड़ाव पर छोड़ दिया.

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किसान यात्रा में शामिल योगेंद्र यादव, मेधा पाटेकर समेत कई किसान नेताओं को पुलिस ने हिरासत में ले लिया और उनके अगले पड़ाव पर छोड़ दिया.

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मंदसौर से निकली किसान मुक्ति यात्रा 18 जून को दिल्ली पहुंचेगी.

मध्य प्रदेश में मंदसौर ज़िले के पिपलिया मंडी से चंपारण तक वाया दिल्ली किसान रैली निकालने के प्रयास में सामाजिक कार्यकर्ता योगेंद्र यादव और मेधा पाटकर सहित सैकड़ों किसानों को प्रशासन ने पिपलिया मंडी जाते वक्त रोक लिया.

मंदसौर में पुलिस गोलीबारी में छह किसानों की मौत के बाद देश भर के क़रीब दो सौ संगठनों ने मिलकर एक किसान मोर्चा बनाया है और वे देश भर में किसान यात्रा निकाल रहे हैं.

किसान मुक्ति यात्रा में शामिल नेताओं की तरफ़ से कहा गया, ‘हमारी शांतिपूर्ण यात्रा को मध्य प्रदेश पुलिस ने रोक दिया है. रैली में सैकड़ों लोग थे, जिनमें महिलाएं, बच्चे, युवा और वरिष्ठ लोग भी शामिल हैं. रैली में किसान नेता वीएम सिंह, हन्नन मौला, मेधा पाटेकर, योगेंद्र यादव, राजू शेट्टी, उमेश तिवारी आदि शामिल थे.’

इस किसान यात्रा के आयोजकों में शामिल डॉ. सुनीलम को 5 जून को ही गिरफ़्तार कर लिया गया था. किसान यात्रा में शामिल नेताओं ने मांग की है कि गिरफ़्तार या हिरासत में लिए गए लोगों को तत्काल रिहा किया जाए और किसान मुक्ति यात्रा को गांवों में जाकर किसानों से मिलने की अनुमति दी जाए. हिरासत में लिए गए कार्यकर्ताओं को बसों में भरकर अन्य स्थान दलोदा में छोड़ा गया.

मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र में एक जून से लेकर दस जून तक किसानों ने सड़क पर उतर कर आंदोलन किया था. इसी दौरान मंदसौर ज़िले के पिपलिया मंडी में 6 जून को आंदोलनकारी किसानों पर पुलिस फायरिंग में 6 किसानों की मौत हो गई थी. देश भर के किसान अपनी फ़सलों के उचित मूल्य, न्यूनतम समर्थन मूल्य लागू करने और क़र्ज़ माफ़ी को लेकर आंदोलन कर रहे हैं.

कलेक्टर ओपी श्रीवास्तव ने बताया, हमने योगेंद्र यादव और मेधा पाटकर सहित कई किसानों को पिपलिया मंडी जाते वक्त रास्ते में रोक लिया. प्रदर्शनकारियों को बसों के ज़रिये जिला मुख्यालय से लगभग 25 किलोमीटर दूर दलोदा ले जाया गया है. हमने उन्हें गिरफ्तार नहीं किया है केवल उनको ले जाकर दलोदा में छोड़ दिया है, जहां उनका रात में पड़ाव निर्धारित था. उन्होंने कहा कि ज़िला प्रशासन ने किसान संगठनों को पिपलिया मंडी में बैठक करने की अनुमति नहीं दी क्योंकि वहां अभी भी तनाव है.

उन्होंने कहा, हमनें प्रदर्शनकारियों से स्पष्ट कह दिया था कि बहीपांठा (पिपलिया मंडी के निकट) में शोक बैठक नहीं करने दी जा सकती. कलेक्टर ने कहा, ज़िला प्रशासन ने किसान नेताओं से कहा था कि वह पिपलिया मंडी और बही पांठा को छोड़कर ज़िले में किसी भी अन्य स्थान पर बैठक कर सकते हैं, क्योंकि यह दोनों स्थान फोर लेन मार्ग पर स्थित हैं.

प्रशासन द्वारा दलोदा ले जाए गए मध्य प्रदेश किसान सभा के अध्यक्ष जसविंदर सिंह ने बताया, हम प्रशासन से चर्चा कर रहे हैं तथा अब हम पिपलिया मंडी से शुरु होने वाली वाली चार पहिया वाहन किसान रैली दलोदा से निकालने पर विचार कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि किसान रैली पहले चरण में मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात होते हुए 18 जुलाई को दिल्ली पहुंचेगी और वहां संसद के बाहर विरोध प्रदर्शन किया जाएगा.

ऐसी ही रैली देश के उत्तर, दक्षिण, पूरब, पश्चिम में भी निकाली जाएगी. यह रैली मंदसौर ज़िले से शुरू होकर महात्मा गांधी की जयंती के अवसर पर दो अक्टूबर को बिहार के चंपारण में संपन्न होगी. सिंह ने कहा कि रैली किसानों को क़र्ज़ से मुक्ति दिलाने और स्वामीनाथन आयोग की सिफ़ारिशों के आधार पर लागत से डेढ़ गुना फ़सल की क़ीमत देने की मांग के समर्थन में निकाली जा रही है.

इसी बीच, कांग्रेस महासचिव मोहन प्रकाश और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अरुण यादव के नेतृत्व में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने किसानों की मांगों को लेकर ज़िले के मल्हारगढ़ कस्बे में विरोध प्रदर्शन किया.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)