अनिल अंबानी से 1,200 करोड़ रुपये की वसूली के लिए एसबीआई एनसीएलटी पहुंचा

अनिल अंबानी के प्रवक्ता ने कहा है कि यह अंबानी के व्यक्तिगत क़र्ज़ से जुड़ा मामला नहीं बल्कि रिलायंस कम्युनिकेशंस और रिलायंस इंफ्राटेल द्वारा लिए गए कॉरपोरेट ऋण से संबंधित है. स्टेट बैंक के आवेदन पर जवाब देने के लिए अंबानी को हफ़्ते भर का समय दिया गया है.

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अनिल अंबानी. (फाइल फोटो: रॉयटर्स)

अनिल अंबानी के प्रवक्ता ने कहा है कि यह अंबानी के व्यक्तिगत क़र्ज़ से जुड़ा मामला नहीं बल्कि रिलायंस कम्युनिकेशंस और रिलायंस इंफ्राटेल द्वारा लिए गए कॉरपोरेट ऋण से संबंधित है. स्टेट बैंक के आवेदन पर जवाब देने के लिए अंबानी को हफ़्ते भर का समय दिया गया है.

अनिल अंबानी. (फाइल फोटो: रॉयटर्स)
अनिल अंबानी. (फाइल फोटो: रॉयटर्स)

मुंबई: भारतीय स्टेट बैंक ने अनिल अंबानी से दिवालिया कानून के निजी गारंटी उपबंध के तहत 1,200 करोड़ रुपये से अधिक की वसूली के लिए राष्ट्रीय कंपनी कानून न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) में आवेदन किया है.

अनिल अंबानी ने रिलायंस कम्युनिकेशंस और रिलायंस इंफ्राटेल को दिए गए कर्ज के लिए निजी गारंटी दी थी.

बीएसवी प्रकाश कुमार की अध्यक्षता वाले न्यायाधिकरण ने गुरुवार को आवेदन पर सुनवाई करते हुए अंबानी को जवाब देने के लिए एक सप्ताह का समय दिया.

अनिल अंबानी के एक प्रवक्ता ने एक बयान में कहा, ‘यह मामला रिलायंस कम्युनिकेशंस (आरकॉम) और रिलायंस इंफ्राटेल (आरआईटीएल) द्वारा लिए गए कॉरपोरेट ऋण से संबंधित है और यह अंबानी का व्यक्तिगत ऋण नहीं है.’

बयान में कहा गया कि आरकॉम और आरआईटीएल की समाधान योजनाओं को मार्च 2020 में उनके ऋणदाताओं ने 100 प्रतिशत मंजूरी दी थी. इन समाधान योजनाओं को एनसीएलटी, मुंबई की स्वीकृति का इंतजार है.

बयान में कहा गया है, ‘अंबानी उपयुक्त जवाब दाखिल करेंगे और एनसीएलटी ने याचिकाकर्ता (एसबीआई) को कोई राहत नहीं दी है.’

अनिल अंबानी के नेतृत्व वाले रिलायंस समूह की प्रमुख कंपनी रिलायंस कम्युनिकेशंस ने 2019 की शुरुआत में दिवालियापन के लिए आवेदन किया था.

बता दें कि निजी गारंटी के ऐसे ही एक अन्य मामले में ब्रिटेन के इंग्लैंड और वेल्स हाईकोर्ट ने पिछले महीने अनिल अंबानी को चीन के तीन बैंकों को 21 दिन के भीतर 71.7 करोड़ डॉलर का भुगतान करने को कहा था.

हालांकि, अंबानी के प्रवक्ता ने कहा था कि यह अंबानी का व्यक्तिगत ऋण नहीं है. इंडस्ट्रियल एंड कमर्शियल बैंक ऑफ चाइना ने यह दावा कथित रूप से उस गारंटी के आधार पर किया है जिस पर अंबानी ने कभी हस्ताक्षर नहीं किए थे.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)