समिति ने दिल्ली के किसी भी अस्पताल में कोरोना वायरस आइसोलेशन बेड का शुल्क 8,000 रुपये से 10,000 रुपये तथा वेंटिलेटर वाले आईसीयू बेड का शुल्क 15,000 रुपये से 18,000 रुपये प्रतिदिन तय करने की सिफ़ारिश की है.
नई दिल्ली: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा गठित एक उच्चस्तरीय समिति ने दिल्ली के किसी भी अस्पताल में कोविड-19 आइसोलेशन बेड का शुल्क 8,000 रुपये से 10,000 रुपये तथा वेंटिलेटर वाले आईसीयू बेड का शुल्क 15,000 रुपये से 18,000 रुपये प्रतिदिन तय करने की सिफारिश की है.
गृह मंत्रालय ने शुक्रवार को यह जानकारी दी.
नीति आयोग के सदस्य वीके पॉल की अध्यक्षता में समिति का गठन रविवार 14 जून को किया गया था. समिति का गठन निजी अस्पतालों में 60 प्रतिशत बेड कम दरों पर उपलब्ध कराने और कोरोना वायरस परीक्षण और इलाज की दर तय करने के लिए किया गया था.
गृह मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने कहा कि समिति ने सभी अस्पतालों के लिए आइसोलेशन बेड, बिना आईसीयू वाले वेंटिलेटर और आईसीयू के साथ वेंटिलेटर का शुल्क क्रमश: 8000-10000 रुपये, 13000-15000 रुपये और 15000-18000 रुपये की सिफारिश की है.
उन्होंने कहा कि इनमें पीपीई की लागत शामिल है. मौजूदा दरें क्रमश: 24000-25000 रुपये, 34000-43000 रुपये और 44000-54000 रुपये हैं. इनमें निजी सुरक्षा उपकरण (पीपीई) लागत शामिल नहीं है.
बीते 14 जून को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उपराज्यपाल अनिल बैजल के साथ बैठक के बाद गृह मंत्री अमित शाह ने कहा था कि सरकार ने प्राइवेट अस्पतालों में सस्ती दर पर कोरोना वायरस के इलाज कराने के संबंध में एक समिति बनाई है और संक्रमण रोकने के लिए घर-घर जाकर स्वास्थ्य सर्वे किया जाएगा.
गृह मंत्री ने कहा था कि दिल्ली के निजी अस्पताओं में कोरोना के इलाज के लिए बेड 60 फीसदी कम रेट में उपलब्ध कराने, कोरोना टेस्ट की कीमत तय करने के लिए नीति आयोग के सदस्य डॉ. वीके पॉल की अध्यक्षता में एक कमेटी बनाई गई है.
राजधानी में कोरोना वायरस की गंभीर होती स्थिति को देखते हुए अमित शाह ने कहा था कि दिल्ली में कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए कोरोना टेस्टिंग को बढ़ाकर तीन गुना कर दिया जाएगा. साथ ही कुछ दिन के बाद कन्टेनमेंट जोन में हर पोलिंग स्टेशन पर टेस्टिंग की व्यवस्था शुरू कर दी जाएगी.
उन्होंने यह भी कहा था कि दिल्ली में कोरोना से संक्रमित मरीजों के लिए बेड की कमी को देखते हुए केंद्र सरकार ने तुरंत 500 रेलवे कोच दिल्ली को देने का निर्णय लिया है. इन रेलवे कोच से न सिर्फ दिल्ली में 8,000 बेड बढ़ेंगे, बल्कि यह कोच कोरोना संक्रमण से लड़ने के लिए सभी सुविधाओं से लैस होंगे.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)