भारतीय अंतरिक्ष संबंधी आधारभूत ढांचे का इस्तेमाल करने में निजी कंपनियों को समान अवसर उपलब्ध कराने के उद्देश्य से वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा अंतरिक्ष क्षेत्र को निजी कंपनियों के लिए खोलने की घोषणा करने के कुछ हफ्तों बाद केंद्रीय मंत्रिमंडल ने इस फैसले को मंजूरी दी है.
नई दिल्ली: केंद्रीय मंत्रिमंडल ने अंतरिक्ष से जुड़ी सभी गतिविधियों में बुधवार को निजी क्षेत्र की भागीदारी को मंजूरी दे दी. केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने यह जानकारी दी.
प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्यमंत्री सिंह ने कहा कि हाल में बना भारतीय राष्ट्रीय अंतरिक्ष संवर्धन तथा प्रमाणीकरण केंद्र (इन-स्पेस) निजी कंपनियों को भारतीय अंतरिक्ष संबंधी आधारभूत ढांचे का इस्तेमाल करने में समान अवसर उपलब्ध कराएगा.
बता दें कि अंतरिक्ष विभाग प्रधानमंत्री कार्यालय के तहत आता है.
सिंह ने कहा कि यह केंद्र बढ़ावा देने वाली नीतियों तथा अनुकूल नियामक वातावरण के जरिए अंतरिक्ष गतिविधियों में निजी क्षेत्र की शुरुआती सहायता कर उन्हें बढ़ावा तथा दिशा-निर्देशन देगा.
सिंह ने कहा कि अंतरिक्ष विभाग के अंतर्गत आने वाला सार्वजनिक क्षेत्र का उपक्रम ‘न्यू स्पेस इंडिया लिमिटेड’ (एनएसआईएल) अंतरिक्ष गतिविधियों को ‘आपूर्ति प्रेरित’ मॉडल से ‘मांग प्रेरित’ मॉडल की ओर फिर से स्थापित करने की कोशिश करेगा जिससे हमारी अंतरिक्ष परिसंपत्तियों का अधिकतम उपयोग सुनिश्चित हो सके.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के अंतरिक्ष क्षेत्र को निजी कंपनियों के लिए खोलने की घोषणा करने के कुछ हफ्तों बाद मंत्रिमंडल का यह फैसला आया है.
सरकार की तरफ से जारी एक बयान में कहा गया कि कुछ ग्रह संबंधी खोज मिशनों को अवसर की घोषणा तंत्र के जरिए निजी क्षेत्र के लिये खोला जा सकेगा.
इसमें कहा गया, ‘इससे न केवल इस क्षेत्र में तेजी आएगी बल्कि भारतीय उद्योग विश्व की अंतरिक्ष अर्थव्यवस्था में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकेगा. इसके साथ ही प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में बड़े पैमाने पर रोजगार की संभावनाएं हैं और भारत एक वैश्विक तकनीकी पावर हाउस बन रहा है.’
बयान में कहा गया कि प्रस्तावित सुधार अंतरिक्ष परिसंपत्तियों, डाटा एवं सुविधाओं तक बेहतर पहुंच के माध्यम सहित अंतरिक्ष परिसंपत्तियों तथा गतिविधियों के सामाजिक-आर्थिक उपयोग को बढ़ाएंगे.
सिंह ने कहा कि ये सुधार इसरो को अनुसंधान एवं विकास गतिविधियों, नई प्रौद्योगिकी, खोज मिशनों तथा मानव अंतरिक्ष उड़ान कार्यक्रमों पर अधिक ध्यान केंद्रित करने में सक्षम बनाएगा.
वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि बुधवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा लिए गए ऐतिहासिक फैसलों का उद्देश्य आर्थिक विकास तथा अंतरिक्ष में देश की उन्नति को गति प्रदान करना एवं किसानों, ग्रामीणों व छोटे कारोबारों की मदद करना है.
मंत्रिमंडल की बैठक की अध्यक्षता करने के बाद प्रधानमंत्री ने ट्वीट करके कहा कि इन फैसलों से करोड़ों भारतीय लाभांवित होंगे.
The reform trajectory continues.
The Union Cabinet’s approval to reforms in the space sector is yet another step towards making our nation self-reliant and technologically advanced. The reforms will boost private sector participation as well. https://t.co/oqYZFt3Pr4
— Narendra Modi (@narendramodi) June 24, 2020
उन्होंने ग्रहों की खोज के मिशनों समेत अंतरिक्ष की गतिविधियों में निजी क्षेत्र को शामिल होने की अनुमति देने के फैसले का उल्लेख करते हुए ट्वीट किया, ‘सुधार यात्रा जारी है.’
मोदी ने कहा कि अंतरिक्ष क्षेत्र में सुधार को मंत्रिमंडल की मंजूरी देश को आत्मनिर्भर तथा तकनीकी रूप से अग्रणी बनाने की दिशा में एक और कदम है उन्होंने कहा, ‘सुधारों से निजी क्षेत्र की भागीदारी भी बढ़ेगी.’
सूख्म, लघु और मध्यम उद्योगों (एमएसएमई) क्षेत्र के संबंध में लिए गए फैसलों का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि कैबिनेट ने प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तहत शिशु ऋण खातों के लिए ब्याज सहायता योजना शुरू की है. उन्होंने कहा, ‘यह योजना छोटे कारोबारों को बहुत सहयोग और स्थिरता प्रदान करेगी.’
मोदी ने कहा कि पशुधन बुनियादी विकास निधि की स्थापना इस क्षेत्र की मजबूती के लिए कारगर होगी और किसानों की आय बढ़ाने में मददगार होगी उन्होंने कहा, ‘निवेश और विशेष रूप से डेयरी क्षेत्र में बुनियादी विकास को गति मिलेगी.’
प्रधानमंत्री ने कहा कि कुशीनगर विमानपत्तन को अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे के रूप में उन्नत करने का फैसला उत्तर प्रदेश, पर्यटन क्षेत्र और भगवान बुद्ध के आदर्श विचारों से प्रेरित लोगों के लिए शुभ समाचार है.
उन्होंने कहा, ‘कुशीनगर हवाईअड्डा अब अंतरराष्ट्रीय विमानपत्तन होगा. कनेक्टिविटी में और सुधार होगा. अधिक पर्यटक और तीर्थयात्रियों के आने का मतलब होगा कि स्थानीय लोगों के लिए बेहतर अवसर होंगे.’
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)