कोरोना वायरस को देखते हुए वरिष्ठ नागरिकों की सुरक्षा के मद्देनज़र विधि मंत्रालय ने 19 जून को जारी संशोधन में 65 वर्ष या इससे अधिक उम्र के लोगों को डाक मतपत्र के इस्तेमाल की अनुमति दी है. इससे पहले यह आयु सीमा 80 वर्ष थी.
नई दिल्ली: कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों के बीच वरिष्ठ नागरिकों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए लोकसभा और विधानसभा चुनावों में डाक मतपत्र (पोस्टल बैलेट) के लिए मतदाताओं की आयु सीमा कम कर दी गई है.
भारत में कोरोना वायरस के प्रकोप के बाद बिहार पहला राज्य है, जहां विधानसभा चुनाव होने हैं और इस राज्य के मतदाता उक्त संशोधित नियम का सबसे पहले लाभ उठाएंगे.
विधि मंत्रालय ने अक्टूबर 2019 में चुनाव कराने के नियमों में संशोधन किया था और शारीरिक रूप से अक्षम तथा 80 साल या इससे अधिक उम्र के लोगों को लोकसभा और विधानसभा चुनावों में डाक मतपत्र से मतदान की अनुमति प्रदान की थी.
कानून मंत्री द्वारा परिवर्तनों को मंजूरी देने के बाद चुनाव नियमों में संशोधन किया जाता है.
अब मंत्रालय ने 19 जून को जारी ताजा संशोधन में 65 वर्ष या इससे अधिक उम्र के लोगों को डाक मतपत्र के इस्तेमाल की अनुमति दी है.
चुनाव आयोग के सुझावों पर नियमों में बदलाव करते हुए मंत्रालय ने ‘कोविड-19 के संदिग्धों या संक्रमितों’ को भी डाक मतपत्र सुविधा का लाभ उठाने की अनुमति प्रदान की है.
चुनाव आयोग के एक अधिकारी ने बताया कि 65 वर्ष या इससे अधिक उम्र के लोगों को कोरोना वायरस संक्रमण का खतरा अधिक है, इसलिए आयु सीमा घटाई गई है.
डाक मतपत्र का उपयोग करने वालों की श्रेणी में आने के लिए लाभार्थियों को इस सुविधा का लाभ उठाने के लिए फॉर्म 12डी भरना पड़ता है.
बता दें कि देश में कोरोना संक्रमण के बीच इस साल के अंत में बिहार में विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं. बिहार विधानसभा का मौजूदा कार्यकाल 29 नवंबर को समाप्त हो रहा है.
इससे पहले चुनाव आयोग ने सोशल डिस्टेंसिंग सुनिश्चित करने के लिए हर मतदान केंद्र पर मतदाताओं की संख्या को सीमित करने का फैसला किया है. सामान्य परिस्थितियों में हर मतदान केंद्र पर 1,600 के बजाय 1,000 मतदाताओं को मतदान की इजाजत होगी.
इससे पहले चुनाव आयुक्त सुशील चंद्रा ने कहा था कि कोरोना मरीजों को डाक मतपत्रों के जरिये मतदान करने की मंजूरी दी जाएगी.
चंद्रा ने कहा था कि कानून मंत्रालय ने इस मामले पर चुनाव आयोग के प्रस्ताव को मंजूर कर लिया है, जिसके बाद चुनाव आचार संहिता 1961 के नियम 27ए के तहत कोविड-19 संक्रमित या प्रभावित लोगों की एक नई श्रेणी बनाई गई है.
इसके साथ ही होम क्वारंटीन या संस्थागत क्वारंटीन रहने वाले मरीजों को भी इसके जरिए वोट देने की छूट मिलेगी.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)