दोनों सैनिकों की पहचान मालेगांव के 37 वर्षीय सचिन विक्रम मोरे और पटियाला के 24 वर्षीय सलीम ख़ान के रूप में हुई है.
नई दिल्ली: लद्दाख की गलवान घाटी में नदीं में बहने के कारण दो सैनिकों की मौत हो गई. दोनों सैनिकों की पहचान मालेगांव के 37 वर्षीय नायक सचिन विक्रम मोरे और पटियाला के 24 वर्षीय लांस नायक सलीम खान के रूप में की गई है. उनका अंतिम संस्कार बीते शनिवार को किया गया.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, इस संबंध में सेना की ओर से कोई आधिकारिक जानकारी नहीं दी गई थी, लेकिन सूत्रों ने बताया कि इस हादसे का क्षेत्र की वर्तमान स्थितियों से कोई संबंध नहीं है.
रिपोर्ट के अनुसार, दोनों सैनिकों के परिवारों ने कहा कि उन्हें बताया गया है कि दोनों लोग क्षेत्र में बन रहे पुल का निर्माण कर रहे दल का हिस्सा है. हालांकि रक्षा सूत्रों ने कहा है कि विक्रम मोरे की मौत बीते 25 जून को हुआ था. वहीं, सलीम खान के परिवार का कहना है कि उन्हें बताया गया था कि उनकी मौत 26 जून को हुई थी.
सलीम खान के चाचा बुधदीन खान ने कहा, ‘हमें बताया गया कि एक पुल बन रहा था और सलीम निर्माण करने वाले दल का हिस्सा थे. वे एक बोट में थे जो पलट गई और उनकी मृत्यु हो गई.’
खान की मां नसीमा बेगम ने कहा, ‘उससे आखिरी बार दो दिन पहले बात की थी. उसने कहा था कि वह जल्द ही घर आएगा. वह कभी भी वहां के हालात की जानकारी नहीं देता था. उसने कहा था कि यहां फोन लगने में परेशानी हो सकती है और अगर वह कॉल न करे तो मैं परेशान न रहूं. मैंने सब कुछ खो दिया है. वह हमारा एकमात्र सहारा था.’
साल 2014 में सेना में शामिल होने वाले खान के घर में उनकी मां, एक भाई और एक बहन हैं. उनके पिता भी सेना में थे और 18 वर्ष पहले उनकी मौत हो गई थी.
खान को पंजाब के पटियाला जिले के मर्दाहेड़ी स्थित उनके गांव में शनिवार को पूरे सैन्य सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी गई.
पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने शनिवार को खान के परिवार के लिए 50 लाख रुपये की अुनग्रह राशि तथा परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने की घोषणा की थी.
सिंह ने ट्वीट किया, ‘लद्दाख में लांस नायक सलीम खान की शहादत के बारे में जानकर दुख हुआ. वह पटियाला जिले के मर्दाहेड़ी गांव के रहने वाले थे. उनके परिवार के प्रति मेरी संवेदनाएं. राष्ट्र वीर सैनिक को सलाम करता है.’
Saddened to hear about the demise of Lance Naik Saleem Khan in Ladakh. He belonged to Mardaheri village in Patiala district. My sincere condolences to his family. The nation salutes the brave soldier. Jai Hind! 🇮🇳 pic.twitter.com/BPOQjXmKLA
— Capt.Amarinder Singh (@capt_amarinder) June 27, 2020
वहीं, मोरे के परिवार ने कहा कि उन्हें बताया गया कि वे दो अन्य सैनिकों को बचाने के लिए नदी में उतरे थे. उन्हें बचाने में मोरे सफल तो हो गए लेकिन एक पत्थर से सिर टकराने के कारण वे गंभीर रूप से घायल हो गए. उनके परिवार में माता-पिता, पत्नी और तीन बच्चे हैं.
उनके पिता विक्रम मोरे ने कहा, ‘उनकी आखिरी बार 10 दिन पहले बात हुई थी. सचिन ने मुझे बताया था कि गलवान घाटी में हालात गंभीर हैं. उसने मुझे भरोसा दिलाया था कि वह ठीक है और कहा था कि मुझे परेशान नहीं होना चाहिए.’
मोरे का शनिवार को महाराष्ट्र के नासिक में पूरे सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया. मालेगांव तालुका के अंतर्गत आने वाले मोरे के पैतृक गांव सकोरी जाप में, अंतिम संस्कार के दौरान आसपास के सैकड़ों लोग शामिल हुए.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)