मध्य प्रदेश के वरिष्ठ भाजपा नेता भंवरसिंह शेखावत ने आरोप लगाया है कि 2018 के विधानसभा चुनाव में भी पार्टी महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने यह सुनिश्चित किया था कि पार्टी को कम से कम सीटें मिलें, ताकि पिछले 13 सालों से राज्य की सत्ता के शीर्ष पर क़ाबिज़ मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को हटाया जा सके.
भोपाल: वरिष्ठ भाजपा नेता भंवरसिंह शेखावत ने शनिवार को 2018 के मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में भाजपा की हार के लिए पार्टी महासचिव कैलाश विजयवर्गीय को जिम्मेदार ठहराया और आरोप लगाया कि वे एक बार फिर से तीन महीने पुरानी शिवराज सिंह चौहान को गिराने का प्रयास कर रहे हैं.
इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में भाजपा को 109 सीटें मिली थीं और कांग्रेस को 114 हासिल हुई थीं.
मध्य प्रदेश राज्य सहकारी बैंक के पूर्व अध्यक्ष शेखावत धार जिले के बदनावर सीट से हार गए थे. बदनावर उन 24 सीटों में से एक है जहां विधानसभा उपचुनाव होने वाले हैं.
शेखावत ने कहा, ‘उन्होंने मालवा क्षेत्र में 10 से 12 बागी (भाजपा) उम्मीदवारों को उतारा था, जो आधिकारिक उम्मीदवारों के वोटों में कटौती करते थे जो 2018 में पार्टी की हार का मुख्य कारण था. विजयवर्गीय ने बागियों की फंडिंग की थी. वे अतिमहत्वाकांक्षी हैं और मुख्यमंत्री बनना चाहते हैं.’
उन्होंने कहा कि वह विजयवर्गीय को राजनीति में लेकर आए लेकिन बाद में उन्हें ही बाहर कर दिया गया.
रिपोर्ट के अनुसार, पूर्व विधायक का यह गुस्सा पार्टी में राजेश अग्रवाल की वापसी पर फूटा है. 2018 के विधानसभा चुनाव में अग्रवाल निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में बदनावर से खड़े हुए थे और उन्हें 30 हजार से अधिक वोट मिले थे. इसके बाद उन्हें पार्टी से निकाल दिया गया था.
शेखावत ने कहा कि 2018 में विजयवर्गीय 35 सीटों के प्रभारी थे और उन्होंने यह सुनिश्चित किया कि पार्टी को कम से कम सीटें मिलें, ताकि पिछले 13 सालों से राज्य की सत्ता के शीर्ष पर काबिज चौहान को हटाया जा सके.
विजयवर्गीय पर भ्रष्ट तरीकों से पैसा बनाने का आरोप लगाते हुए शेखावत ने कहा कि उन्होंने पार्टी के हेलीकॉप्टरों में पैसा जमा किया और बागियों में बांटा.
शेखावत ने प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीडी शर्मा से शिकायत में कहा कि विजयवर्गीय शिवराज चौहान सरकार को अस्थिर करने का एक और प्रयास कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि अगर विजयवर्गीय के खिलाफ कार्रवाई नहीं की गई तो वे पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा से इसकी शिकायत करेंगे.