मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री के गृह ज़िले सीहोर में आर्थिक तंगी से जूझ रहे किसान द्वारा खेत जोतने के लिए बैल की जगह बेटियों से हल खिंचवाने की तस्वीरें सामने आई हैं.
यह घटना राज्य के सीहोर ज़िले के बसंतपुर पांगड़ी गांव का है. रविवार को समाचार एजेंसी एएनआई ने कुछ तस्वीरें जारी की जिसमें एक किसान बैल की जगह बेटियों से खेत की जुताई करवाता नज़र आ रहा है.
सरदार बारेला नाम के इस किसान का कहना है कि उनके पास इतने पैसे नहीं हैं कि वह बैल खरीद सके और उनका पालन पोषण कर सकें.
इतना ही नहीं उनका कहना है कि आर्थिक तंगी की वजह से उनकी 14 वर्षीय बेटी राधिका और 11 वर्ष की कुंती को कक्षा आठ के बाद अपनी पढ़ाई भी छोड़नी पड़ी है.
मीडिया में तस्वीरें आने के बाद समाचार एजेंसी एएनआई से बातचीत में ज़िले के जनसंपर्क अधिकारी (डीपीआरओ) आशीष शर्मा का कहना है कि प्रशासन मामले को देख रहा है. सरकारी योजनाओं के मुताबिक उस किसान की उचित मदद की जाएगी.
शर्मा ने कहा कि किसान को निर्देश दिया गया है कि इस तरह के कामों में वह बच्चों को शामिल न करे.
Don't have enough money to buy oxen, ploughing fields to sow of maize crop. Daughter left studies after 8th standard: Sardar Barela, farmer pic.twitter.com/ofsRIa0DsA
— ANI (@ANI) July 9, 2017
एनडीटीवी की रिपोर्ट के अनुसार, विपक्ष ने इस मामले को लेकर प्रदेश की शिवराज सिंह चौहान सरकार को घेरना शुरू कर दिया है. कांग्रेस प्रवक्ता केके मिश्रा ने कहा कि यह मुख्यमंत्री का गृह ज़िला है. ये बहुत ही शर्मनाक तस्वीर है. मुख्यमंत्री को सोचना चाहिए कि राज्य में किसानों की दुर्दशा किस तरह से दूर की जाए.
वहीं भाजपा नेता आलोक संजर ने सरकार का बचाव करते हुए कहा कि किसान सरपंच से बात करे, उसकी हरसंभव मदद करने की कोशिश की जाएगी.
बता दें कि मध्य प्रदेश का मंदसौर ज़िला पिछले दिनों किसान आंदोलन का केंद्र बना हुआ था. किसान क़र्ज माफी को लेकर आंदोलनरत थे.
इस बीच छह जून को मंदसौर के पास पिपल्या मंडी में आंदोलन के दौरान पुलिस फायरिंग में छह किसानों की मौत हो गई थी. इसके बाद यह आंदोलन राज्य के बाकी हिस्सों में भी फैल गया, इसमें सीहोर ज़िला भी शामिल था.
पिछले महीने शुरू हुए किसान आंदोलन के बाद से प्रदेश में अब तक 51 किसान आत्महत्या कर चुके हैं. इसमें सबसे ज़्यादा 11 किसान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के गृह ज़िले सीहोर के हैं.