रेलवे के नेटवर्क पर यात्री ट्रेनों को चलाने के लिए निजी निवेश के लिए यह पहला क़दम है. रेलवे ने कहा कि इससे निजी क्षेत्र से क़रीब 30,000 करोड़ रुपये का निवेश होगा. कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा है कि रेल ग़रीबों की एकमात्र जीवन-रेखा है और सरकार उनसे यह भी छीन रही है. जनता इसका क़रारा जवाब देगी.
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नई दिल्ली: रेलवे ने बुधवार को अपने नेटवर्क पर यात्री ट्रेनें चलाने के लिए निजी इकाइयों को अनुमति देने की योजना पर औपचारिक रूप से कदम उठाया है.
इसके तहत यात्री रेलगाड़ियों की आवाजाही को लेकर 109 मार्गों पर 151 आधुनिक ट्रेनों के परिचालन के लिए पात्रता अनुरोध आमंत्रित किए गए हैं. रेलवे ने यह जानकारी दी.
रेलवे के नेटवर्क पर यात्री ट्रेनों को चलाने के लिए निजी निवेश के लिए यह पहला कदम है. रेलवे ने कहा कि इससे निजी क्षेत्र से करीब 30,000 करोड़ रुपये का निवेश होगा.
वैसे पिछले साल भारतीय रेलवे खान-पान और पर्यटन निगम (आईआरसीटीसी) ने लखनऊ-दिल्ली तेजस एक्सप्रेस के साथ इसकी शुरुआत हुई थी.
फिलहाल आईआरसीटीसी तीन ट्रेनों- वाराणसी-इंदौर मार्ग पर काशी-महाकाल एक्सप्रेस, लखनऊ-नई दिल्ली तेजस और अहमदाबाद-मुंबई तेजस का परिचालन करता है.
रेलवे ने कहा, ‘इस पहल का मकसद आधुनिक प्रौद्योगिकी वाली ट्रेन का परिचालन है, जिसमें रखरखाव कम हो और यात्रा समय में कमी आए. इससे रोजगार सृजन को बढ़ावा मिलेगा, सुरक्षा बेहतर होगी और यात्रियों को वैश्विक स्तर का यात्रा अनुभव मिलेगा.’
ट्रेन की शुरुआत और गंतव्य के 109 मार्गों को भारतीय रेलवे नेटवर्क के 12 संकुलों में रखा गया है. प्रत्येक ट्रेन में न्यूनतम 16 डिब्बे होंगे.
रेलवे के अनुसार, इनमें से ज्यादातर आधुनिक ट्रेनों का विनिर्माण भारत में ‘मेक इन इंडिया’ के तहत होगा और निजी इकाई उसके वित्त पोषण, खरीद, परिचालन और रखरखाव के लिए जिम्मेदार होंगे.
ट्रेनों के डिजाइन इस रूप से होंगे कि वे 160 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से चल सके. इससे यात्रा समय में उल्लेखनीय कमी आएगी.
रेलवे के अनुसार, परियोजना के लिए छूट अवधि 35 साल होगी और निजी इकाई को भारतीय रेलवे को ढुलाई शुल्क, वास्तविक खपत के आधार पर ऊर्जा शुल्क देना होगा. इसके अलावा उन्हें पारदर्शी बोली प्रक्रिया के जरिये निर्धारित सकल राजस्व में हिस्सेदारी देनी होगी.
रेलवे ने कहा, ‘इन ट्रेनों का परिचालन भारतीय रेलवे के चालक और गार्ड करेंगे. निजी इकाइयों द्वारा संचालित ट्रेनें समय पर संचालित होने और पहुंचने, भरोसेमंद होने जैसे प्रमुख मानकों को पूरा करेंगे.’
कहा गया है कि यात्री ट्रेनों का परिचालन और रखरखाव का संचालन रेलवे द्वारा तय मानदंडों और जरूरतों के अनुसार होंगे. कुछ मार्गों को निजी इकाइयों को देने की प्रक्रिया दो चरणों में पूरी होगी.
पहली प्रक्रिया पात्रता अनुरोध के साथ बुधवार को शुरू हुई. इसमें निजी बोलीदाता की पात्रता तय होगी. दूसरा कदम अनुरोध प्रस्ताव (आरएफपी) होगा. राजस्व और मार्गों के बारे में बाद की प्रक्रिया में निर्णय किया जाएगा.
सूत्रों ने कहा कि कोविड-19 संकट से पहले अडाणी पोर्ट्स और मेक माई ट्रिप और एयरलाइन में इंडिगो, विस्तारा और स्पाइसजेट ने निजी ट्रेनें चलाने में में रुचि दिखाई थी. इसके अलावा अन्य कंपनियों में अल्सतॉम ट्रांसपोर्ट, बाम्बार्डियर, सीमेन्स एजी और मैक्वायरी जैसी विदेशी कंपनियां शामिल हैं.
रेलवे के अनुसार, इन ट्रेनों में यात्रियों को एयरलाइन जैसी सेवाएं मिलेंगी. निजी इकाइयां किराया तय करने के अलावा खान-पान, साफ-सफाई और बिस्तरों की आपूर्ति यात्रियों को करेंगी.
गरीबों से उनकी जीवन-रेखा छीन रही सरकार, जनता करारा जवाब देगी: राहुल गांधी
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने 109 रेल मार्गों पर ट्रेन चलाने के लिए निजी इकाइयों को अनुमति दिए जाने के फैसले की आलोचना करते हुए बृहस्पतिवार को आरोप लगाया कि सरकार गरीबों की एकमात्र जीवन-रेखा रेल उनसे छीन रही है.
रेल ग़रीबों की एकमात्र जीवनरेखा है और सरकार उनसे ये भी छीन रही है।
जो छीनना है, छीनिये। लेकिन याद रहे- देश की जनता इसका करारा जवाब देगी।https://t.co/M6OQZ6xAz5
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) July 2, 2020
उन्होंने यह दावा भी किया कि सरकार के इस कदम का जनता करारा जवाब देगी.
गांधी ने ट्वीट किया, ‘रेल गरीबों की एकमात्र जीवन-रेखा है और सरकार उनसे यह भी छीन रही है. जो छीनना है, छीनिए. लेकिन याद रहे, देश की जनता इसका करारा जवाब देगी.’
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)