तमिलनाडु के तुथुकुडी ज़िले के एक गांव का मामला. मृतकों में से तीन पहले भी मैनुअल स्कैवेंजर्स के रूप में काम किया था, लेकिन चौथे मृतक इसलिए काम पर गए थे, क्योंकि कोरोना वायरस महामारी कारण उन्हें दिहाड़ी मज़दूरी का काम नहीं मिल पा रहा था.
चेन्नई: तमिलनाडु के तुथुकुडी (तूतीकोरिन) जिले में गुरुवार को एक गांव में सेप्टिक टैंक की सफाई के दौरान दम घुटने से चार लोगों की मौत हो गई.
पुलिस ने बताया कि यह घटना केला चेक्कराकुडी गांव में हुई. सबसे पहले दो लोग टैंक साफ करने के लिए उसमें घुसे. जब वे बाहर नहीं आए तो दो अन्य भी गए और उनकी भी दम घुटने से मौत हो गई.
उन्होंने बताया कि इस संबंध में एक मामला दर्ज किया गया है और जांच जारी है.
द न्यूज मिनट के मुताबिक मृतकों की पहचान पंडी (24), इसाकिराजा (20), बाला (23) और दिनेश (20) के रूप में हुई. ये चारों युवक पड़ोसी जिला तिरुनेलवेल्ली से थे.
पुलिस के अनुसार पंडी, इसाकिराजा और बाला पहले भी मैनुअल स्कैवेंजर्स के रूप में काम किया था लेकिन दिनेश ने नहीं किया था. वह उनके साथ इसलिए काम पर गए थे, क्योंकि कोरोना वायरस महामारी कारण दिहाड़ी मजदूरी नहीं मिल रही थी.
केला चेक्कराकुडी निवासी 65 वर्षीय सोमसुंदरम ने उन्हें अपने आवास पर सेप्टिक टैंक को साफ करने का निर्देश दिया था. वे गुरुवार सुबह से काम पर लगे हुए थे, लेकिन दोपहर 2 बजे एक व्यक्ति टैंक के अंदर बेहोश होकर गिर गया. उसके बाद उसे बचाने के लिए अन्य लोग भी टैंक के अंदर घुस गए और बेहोश हो गए.
मामले की जांच कर रहे एक अधिकारी ने कहा, ‘वे चारों टैंक से निकली जहरीली गैस की वजह बेहोश हो गए थे. अस्पताल ले जाया गया, लेकिन रात 2:30 बजे तक उन सभी की मौत हो गई.’
उन्होंने कहा, ‘हमने गुरुवार रात चश्मदीदों और परिजनों के बयान लिए और प्राथमिकी दर्ज की.’
सोमसुंदरम के खिलाफ धारा 288 (जान-बूझकर या लापरवाही से काम करने के लिए उकसाना), धारा 304 (गैर इरादतन हत्या) और मैनुअल स्कैवेंजर्स एक्ट, 2014 के तहत रोजगार निषेध अधिनियम की धारा 8 और 9 के तहत मामला दर्ज किया गया है.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)