मुंबई: कोविड मरीज़ से ज़्यादा पैसे वसूलने पर नानावती अस्पताल के ख़िलाफ़ मामला दर्ज

मई महीने में एक कोरोना संक्रमित महिला की नानावती अस्पताल में 13 दिनों तक भर्ती रहने के बाद मौत हो गई थी. इसके बिल को लेकर महिला के परिजनों की शिकायत के बाद बीएमसी ने अस्पताल के ख़िलाफ़ एफआईआर दर्ज करवाई है.

(प्रतीकात्मक फोटो: पीटीआई)

मई महीने में एक कोरोना संक्रमित महिला की नानावती अस्पताल में 13 दिनों तक भर्ती रहने के बाद मौत हो गई थी. इसके बिल को लेकर महिला के परिजनों की शिकायत के बाद बीएमसी ने अस्पताल के ख़िलाफ़ एफआईआर दर्ज करवाई है.

Navi Mumbai: A health worker sanitizes a COVID-19 quarantine centre with 1100 beds at CIDCO Exhibition Center in Vashi, during Unlock 1.0, in Navi Mumbai, Friday, June 26, 2020. (PTI Photo)(PTI26-06-2020 000087B)
(फोटो: पीटीआई)

मुंबई: महाराष्ट्र में बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) ने कोरोना संक्रमित मरीज से ज्यादा पैसे वसूलने के आरोप में उपनगर सांताक्रूज में स्थित एक सुपर स्पेशिलिटी अस्पताल के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई है.

बीएमसी के सहायक आयुक्त विश्वास मोते बताया कि एक मरीज की शिकायत के बाद, के-पश्चिम वार्ड के अधिकारियों ने बुधवार को शहर के नानावती अस्पताल के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है.

इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, मई महीने में 52 वर्षीय एक कोरोना संक्रमित महिला इस अस्पताल में 13 दिनों तक भर्ती रही थीं, जिसके बाद उनकी मौत हो गई थी.

उनके गुजरने के बाद उनके परिवार को अस्पताल द्वारा छह लाख रुपये का बिल दिया गया, जिसके बारे में परिवार ने बीएमसी से शिकायत करते हुए कहा कि यह बेहद अधिक है.

इस बारे में हुई जांच के बाद बीएमसी ने अस्पताल के खिलाफ आईपीसी के तहत लोकसेवक के आदेश की अवहेलना का मामला दर्ज करवाया है.

एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि एफआईआर में बीएमसी ने आरोप लगाया है कि अस्पताल ने महिला के परिजनों से पीपीई किट और अन्य सुरक्षात्मक और सफाई उपकरणों के लिए अधिक राशि ली है.

सांताक्रूज थाने के एक अधिकारी ने बताया कि अस्पताल के ट्रस्टियों और अध्यक्ष के खिलाफ धारा 188 (लोक अधिकारी के आदेश की अवहेलना करना) के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है, लेकिन किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है.

वहीं अस्पताल के प्रवक्ता ने बताया कि अस्पताल ने 1,100 से ज्यादा कोविड-19 के रोगियों का अब तक उपचार किया है. उन्हें मीडिया में आई कुछ खबरों से पता चला है कि एक बिल में कथित कुछ विसंगतियों के कारण प्राथमिकी दर्ज की गई है.

उन्होंने कहा, ‘हम बिल की जांच करने के लिए शिकायत की प्रति मिलने का इंतजार कर रहे हैं. हम अधिकारियों के साथ पूरा सहयोग करेंगे. ‘

ज्ञात हो कि 21 मई को राज्य सरकार ने सरकारी अस्पतालों से रेफर किए जाने वाले मरीजों के उपचार के लिए सभी प्राइवेट अस्पतालों के 80 फीसदी बेड अधिग्रहित करने का आदेश जारी किया था और इसकी फीस की एक निश्चित राशि तय की थी.

नानावती अस्पताल में इस कोरोना संक्रमित महिला को इसी कोटे के तहत भर्ती किया गया था.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)