बीते दो जुलाई को उत्तर प्रदेश के कानपुर में हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे को पकड़ने पहुंची पुलिस टीम पर बदमाशों ने हमला कर दिया था, जिसमें डिप्टी एसपी, एक थानाध्यक्ष समेत आठ पुलिसकमियों की मौत हो गई थी.
लखनऊ: उत्तर प्रदेश में विकास दुबे नाम के हिस्ट्रीशीटर को पकड़ने गई कानपुर पुलिस की बदमाशों के साथ मुठभेड़ में आठ पुलिसकर्मियों की हत्या के बाद शक के घेरे में आए चौबेपुर के थानाध्यक्ष विनय तिवारी को निलंबित कर दिया गया है.
कानपुर के पुलिस महानिरीक्षक मोहित अग्रवाल ने पत्रकारों को बताया, ‘थानाध्यक्ष विनय तिवारी के ऊपर लग रहे आरोपों के बाद उन्हें निलंबित कर दिया गया है. इन आरोपों की जांच की जा रही है. अगर उनका या किसी भी पुलिसकर्मी का इस घटना से कोई संबंध निकला तो उसे न केवल बर्खास्त किया जाएगा बल्कि जेल भी भेजा जाएगा.’
Local Station House Officer (SHO) has been suspended. At the time of encounter, he fled the encounter site. Had he faced the criminals, situation could have been different: Kanpur Inspector General, Mohit Agarwal on Kanpur encounter in which 8 policemen lost their lives pic.twitter.com/J5EWYuZrBS
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) July 4, 2020
पुलिस सूत्रों के मुताबिक कुछ पुलिसकर्मियों से भी पूछताछ की जा रही है ताकि यह जाना जा सके कि हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे को उसके घर पर पुलिस की छापेमारी के बारे में पहले से खबर कैसे लगी, जिससे उसने पूरी तैयारी के साथ पुलिस दल पर हमला किया.
आईजी से जब पूछा गया कि कितने लोगों को हिरासत में लिया गया है तो उन्होंने इस बात का जवाब देने से इनकार कर दिया.
उत्तर प्रदेश सरकार ने शनिवार को जेसीबी से कानपुर के बिकरु गांव स्थित विकास दुबे का मकान ढहा दिया है. मकान को गिराने के लिए प्रवर्तन दस्ते की टीम शनिवार को जेसीबी मशीन लेकर गांव पहुंची थी. इस दौरान प्रवर्तन दस्ते के साथ भारी पुलिस बल भी गांव में मौजूद रहा.
पुलिस द्वारा विकास दुबे का घर गिराए जाने के बारे में पूछे जाने पर पुलिस महानिरीक्षक अग्रवाल ने कहा, ‘गांव के लोगों का कहना है कि दुबे ने दबंगई और गुंडागर्दी से लोगों की जमीन पर कब्जा किया था और लोगों से वसूली कर घर बनाया था. गांव में यह अपराध का गढ़ था जिससे गांववालों में उसके प्रति बहुत गुस्सा था.’
Kanpur: House of the history-sheeter Vikas Dubey, the main accused in Kanpur encounter case, being demolished by district administration. More details awaited.
8 policemen were killed in the encounter which broke out when police went to arrest him in Bikaru, Kanpur yesterday. pic.twitter.com/gukyZZwfl9
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) July 4, 2020
उन्होंने बताया कि दुबे के परिवारवालों पर गांव के नाराज लोगों ने हमला भी किया था, लेकिन पुलिस की मौजूदगी के कारण कोई हादसा नहीं हुआ.
इससे पहले अग्रवाल ने बताया, ‘विकास दुबे और उसके सहयोगियों को पकड़ने के लिए पुलिस की 25 टीमें लगाई गई हैं, जो प्रदेश के विभिन्न जिलों के अलावा दूसरे प्रदेशों में भी छापेमारी कर रही हैं.’
हालांकि, उन्होंने कहा कि यह नहीं बताया जा सकता कि पुलिस की टीमें किन-किन जनपदों में और किन प्रदेशों में तलाशी अभियान चला रही है.
पुलिस सूत्रों ने बताया कि सर्विलांस टीम लगभग 500 मोबाइल फोन की छानबीन कर रही है और उससे विकास दुबे के बारे में सुराग लगाने का प्रयास कर रही है. इसके अलावा यूपी एसटीएफ की टीमें भी अपने काम में लगी हैं.
आईजी ने विकास दुबे के बारे में सही जानकारी देने वाले को 50 हजार रुपये का इनाम भी देने की घोषणा की है और जानकारी देने वाले की पहचान गुप्त रखने की बात कही है.
पुलिस के अनुसार, मुठभेड़ में घायल सात पुलिसकर्मियों का कानपुर के एक निजी अस्पताल में इलाज चल रहा है जहां सभी की हालत स्थिर बनी हुई है.
लखनऊ पुलिस ने शुक्रवार शाम को विकास दुबे के कृष्णानगर स्थित मकान पर भी छापा मारा था लेकिन वहां दुबे नही मिला.
गौरतलब है कि दो जुलाई की देर रात हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे को को पकड़ने के लिए कानपुर पुलिस की टीम जब चौबेपुर थाना क्षेत्र स्थित उसके गांव बिकरु पहुंची तो बदमाशों ने उन पर हमला कर दिया था.
इस मुठभेड़ में डिप्टी एसपी, एक थानाध्यक्ष समेत आठ पुलिसकर्मी मौत हो गई थी, जबकि मुठभेड़ में पांच पुलिसकर्मी, एक होमगार्ड और एक आम नागरिक घायल हैं.
मुठभेड़ में जिन पुलिसकर्मियों की मौत हुई उनमें बिल्हौर के क्षेत्राधिकारी डिप्टी एसपी देवेंद्र मिश्रा (54), थानाध्यक्ष, शिवराजपुर महेश कुमार यादव (42), सब इंस्पेक्टर अनूप कुमार सिंह (32), सब इंस्पेक्टर नेबू लाल (48), कॉन्स्टेबल जितेंद्र पाल (26), सुल्तान सिंह (34), बबलू कुमार (23) और राहुल कुमार (24) शामिल हैं.
पहली मुठभेड़ में अपराधी पुलिसकर्मियों के हथियार भी छीन ले गए, जिनमें एके-47 रायफल, एक इंसास रायफल, एक ग्लॉक पिस्टल तथा दो नाइन एमएम पिस्टल शामिल हैं.
इस मुठभेड़ के कुछ घंटे बाद हुई दूसरी पुलिस मुठभेड़ में पुलिस ने दो अपराधियों को मार गिराया था और उनके पास से लूटी गई एक पिस्टल भी बरामद की थी.
घटना के बाद शुक्रवार शाम कानपुर पहुंचे प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने चौबेपुर थानाक्षेत्र में अपराधियों के साथ मुठभेड़ में मारे गए पुलिसकर्मियों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि जवानों की शहादत व्यर्थ नहीं जाएगी और घटना के लिए जिम्मेदार किसी अपराधी को बख्शा नहीं जाएगा.
योगी ने पुलिसकर्मियों के परिवारों को एक-एक करोड़ रुपये की आर्थिक सहायता उपलब्ध कराने का भी ऐलान किया था.
राजकीय सम्मान के साथ हुआ मुठभेड़ में मारे गए पुलिसकर्मियों का अंतिम संस्कार
मुठभेड़ में मारे गए कानपुर के पुलिस उपाधीक्षक देवेंद्र कुमार मिश्रा और झांसी के सिपाही सुल्तान सिंह का पूरे राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया.
पुलिस उपाधीक्षक (डीएसपी) देवेंद्र कुमार मिश्रा का अंतिम संस्कार शनिवार दोपहर कानपुर के भैरोघाट पर किया गया. मिश्रा का अंतिम संस्कार उनकी बेटी वैष्णवी मिश्रा ने किया.
Kanpur: Last rites of Deputy Superitendent of Police Devendra Mishra being performed at his residence.
The DSP along with 7 others lost his life in the encounter which broke out when police went to arrest Vikas Dubey, a history-sheeter in Bikaru village yesterday. pic.twitter.com/VEwPmQglM3
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) July 4, 2020
मौके पर एडीजी जेएन सिंह, पुलिस महानिरीक्षक मोहित अग्रवाल और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक दिनेश प्रभु के अलावा प्रशासनिक अधिकारी भी मौजूद थे.
एसएसपी दिनेश प्रभु ने कहा कि मिश्रा का बलिदान व्यर्थ नही जाएगा. डीएसपी मिश्रा बिल्हौर में क्षेत्राधिकारी के पद पर तैनात थे.
उधर, झांसी में कॉन्स्टेबल सुल्तान सिंह का उनके गृह निवास ग्राम बूड़ा भोजला में अंतिम संस्कार कर दिया गया.
शुक्रवार मध्य रात्रि सुल्तान सिंह (34) का पार्थिव शरीर पुलिस लाइन, झांसी लाया गया जहां पुलिस प्रशासन एवं पुलिस अधिकारियों ने उन्हें श्रद्धांजलि दी. इस दौरान सुल्तान के परिजन एवं बड़ी संख्या में पुलिसकर्मी उपस्थित रहे.
इस मौके पर आईजी सुभाष बघेल सहित जिलाधिकारी ए. वामसी, एसएसपी डी. प्रदीप कुमार सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे.
जिला अधिकारी वामसी ने कहा कि सुल्तान सिंह के परिजन को शासन द्वारा घोषित आर्थिक मदद एवं परिजन को सरकारी नौकरी अविलंब दी जाएगी. साथ ही उनके परिजन को हरसंभव मदद दी जाएगी और कहा कि शासन-प्रशासन उनके परिवार के साथ खड़ा है.
गुरुवार देर रात को कानपुर में हुई एक मुठभेड़ के दौरान अपराधियों की गोलियों का शिकार हुए पुलिसकर्मियों में से एक कॉन्स्टेबल सुल्तान सिंह झांसी के सीपरी बाजार क्षेत्र में बूढ़ा भोजला गांव के रहने वाले थे.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)