यूपी: मेरठ के अस्पताल पर 2,500 रुपये में कोरोना निगेटिव रिपोर्ट बनाने का आरोप, जांच के आदेश

मामला न्यू मेरठ हॉस्पिटल का है, जहां का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है. इसमें पैसे लेकर कोरोना की निगेटिव रिपोर्ट तैयार करने की बात कही जा रही है. मामला सामने आने के बाद प्रबंधन के ख़िलाफ़ एफआईआर दर्ज कर अस्पताल को सील कर दिया गया है.

(फोटो: पीटीआई)

मामला न्यू मेरठ हॉस्पिटल का है, जहां का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है. इसमें पैसे लेकर कोरोना की निगेटिव रिपोर्ट तैयार करने की बात कही जा रही है. मामला सामने आने के बाद प्रबंधन के ख़िलाफ़ एफआईआर दर्ज कर अस्पताल को सील कर दिया गया है.

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(फोटो: पीटीआई)

मेरठः उत्तर प्रदेश के मेरठ के एक निजी अस्पताल का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें अस्पताल पैसे लेकर कोरोना की निगेटिव रिपोर्ट तैयार करने की बात कह रहा है.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, इस वीडियो में कथित तौर पर अस्पताल से जुड़ा अधिकारी कह रहा है, ‘2,500 रुपये में आपको कोरोना की निगेटिव रिपोर्ट मिल जाएगी. इस पर मेरठ के एक सरकारी अस्पताल की सील भी होगी और यह रिपोर्ट 14 दिनों तक मान्य होगी.’

मामला सामने आने के बाद अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है. अस्पताल को सील कर दिया गया है और इसका लाइसेंस रद्द करने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है.

मेरठ के चीफ मेडिकल ऑफिसर (सीएमओ) राजकुमार सैनी को उनके ऑफिस में एक शख्स ने कोरोना की यह फर्जी जांच रिपोर्ट और दो मिनट एवं 38 सेकेंड का यह वीडियो दिखाया, जिसके बाद शनिवार को मामले की जांच के आदेश दिए गए.

सीएमओ ने इस मामले में लिसाड़ी गेट पुलिस थाने में एफआईआर दर्ज करने के भी निर्देश दिए.

सीएमओ को कोरोना की जो फर्जी रिपोर्ट दिखाई गई, उस पर मेरठ के एक सरकारी अस्पताल प्यारेलाल जिला अस्पताल की मुहर लगी हुई थी.

प्यारेलाल जिला अस्पताल के अधीक्षक डॉ. पीके बंसल ने कहा, ‘मैं मेरठ में ऐसी किसी भी तरह की रिपोर्ट के बारे में नहीं जानता. हम सिर्फ वास्तविक आईडी के ही कोरोना सैंपल इकट्ठा करते हैं और उन्हें मेरठ मेडिकल कॉलेज भेजते हैं क्योंकि हमारे पास हमारे अस्पताल में टेस्ट करने के लिए उपकरण और विशेषज्ञता नहीं है.’

मेरठ जिला मजिस्ट्रेट अनिल ढींगरा ने कहा, ‘यह गंभीर मामला है और हमने शनिवार शाम को अस्पताल को सील कर त्वरित कदम उठाया है और अस्पताल मालिक के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के अलावा अस्पताल का लाइसेंस रद्द करने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी है.’

मेरठ के हापुड़ रोड पर स्थित न्यू मेरठ हॉस्पिटल के मालिक शाह आलम के खिलाफ शनिवार को लिसाड़ी गेट पुलिस थाने में एफआईआर दर्ज की गई.

शाह आलम ने कहा, ‘यह वीडियो फर्जी है और मेरी प्रतिष्ठा धूमिल करने और अस्पताल को बदनाम करने के लिए इसे जारी किया गया है. मैं निर्दोष हूं और जांच में यह साबित हो जाएगा.’

सीएमओ राजकुमार सैनी ने कहा, ‘मेरठ में कोरोना की स्थित पहले से ही गंभीर है. अब तक 1,116 मरीज कोरोना पॉजिटिव आए हैं जिनमें से 275 केस सक्रिय हैं और 772 लोग ठीक हो चुके हैं. अब तक यहां कोरोना से कुल 69 मौतें हुई हैं, जो उत्तर प्रदेश में सबसे अधिक हैं.’

उन्होंने आगे कहा, ‘इस परिदृश्य में कोरोना की निगेटिव टेस्ट रिपोर्ट का मामला सामने आता है, जिस पर सरकारी अस्पताल की सील भी है, यह कोरोना के मामलों को कम से कम बनाए रखने के हमारे प्रयासों के लिए झटका है. इस तरह की फर्जी रिपोर्ट के जरिए कोई भी किसी भी अस्पताल में ऑपरेशन करा सकता है और अगर वह असल में कोरोना पॉजिटिव हुआ तो नतीजें बहुत भयावह होंगे.’

इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) की मेरठ इकाई के सचिव अनिल नौसरान ने कहा, ‘सरकार को राज्य में चलाए जा रहे उन अस्पतालों और नर्सिंग होम को बंद करने के लिए व्यापक पैमाने पर अभियान चलाना चाहिए, जिनके पास कोई मेडिकल डिग्री नहीं है, जैसा कि न्यू मेरठ हॉस्पिटल के मामले में हुआ.’

मेरठ सिटी के एसपी अखिलेश नारायण सिंह ने कहा, ‘हम आरोपों की सत्यता की जांच कर रहे हैं लेकिन अभी तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है. हम हमारी जांच पूरी करने के बाद गिरफ्तारी करेंगे.’