कानपुर पुलिस की टीम पर हमला करने वाले कुख्यात हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे के एक साथी दयाशंकर अग्निहोत्री को रविवार को गिरफ़्तार किया गया. अग्निहोत्री ने बताया है कि थाने से फोन आने के बाद दुबे ने पच्चीस से तीस लोगों को हथियारों सहित इकट्ठा किया था.
लखनऊः उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले के बिकरु गांव में शुक्रवार को पुलिस की हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे और उसके सहयोगियों के साथ मुठभेड़ में नया खुलासा हुआ है.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, विकास दुबे के एक सहयोगी दयाशंकर अग्निहोत्री का कहना है कि दुबे को पुलिस की दबिश से पहले पुलिस थाने से किसी का फोन आया था, जिसने पुलिस की छापेमारी की सूचना दी थी.
दयाशंकर अग्निहोत्री (42) को रविवार को पुलिस ने एक मुठभेड़ के बाद गिरफ्तार किया था.
पुलिस का कहना है कि मुठभेड़ के दौरान अपनी मोटरसाइकिल से भागने की कोशिश के दौरान पुलिस ने उसके पैर में गोली मार दी थी.
पुलिस जब अग्निहोत्री को अस्पताल लेकर आई, वहां उसने संवाददातओं से बात की. बाद में एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ. गया.
वीडियो क्लिप में अग्निहोत्री कह रहा है कि पुलिस की छापेमारी की सूचना मिलने के बाद दुबे ने 25 से 30 लोगों को इकट्ठा किया और उन्हें इस हमले के लिए तैयार किया.
उसने यह भी कहा कि दुबे ने ही सबसे पहले पुलिस की टीम पर गोलियां चलाई थी. हालांकि अग्निहोत्री का यह भी कहना है कि छापेमारी के दौरान वह घर के भीतर था और हमलावरों में शामिल नहीं था.
कानपुर रेंज के इंस्पेक्टर जनरल मोहित अग्रवाल ने कहा, ‘दयाशंकर अग्निहोत्री का नाम एफआईआर में है और पुलिस ने उसके सिर पर 25,000 का इनाम रखा हुआ था. वह विकास दुबे का करीबी है और उसने भी पुलिस की टीम पर गोलियां चलाई थीं.’
पुलिस ने कहा कि अग्निहोत्री और उसका परिवार दुबे के घर में ही रहता है, जहां अग्निहोत्री की पत्नी बतौर घरेलू सहायिका के तौर पर काम करती है. हालांकि पुलिस को अभी तक उसका किसी तरह का आपराधिक रिकॉर्ड नहीं मिला है.
अग्निहोत्री के बयान पर कानपुर के पुलिस अधीक्षक दिनेश कुमार पी. ने कहा, ‘हमने आरोपों की जांच शुरू कर दी है कि दुबे को छापेमारी की खबर पहले ही मिल गई थी.’
इससे पहले चौबेपुर पुलिस थाने के थानाध्यक्ष विनय तिवारी को दुबे के साथ उसके कथित संबंधों को लेकर शनिवार को सस्पेंड कर दिया था. इस मामले की जांच जारी है.
उन्होंने कहा, ‘उन्हें हिरासत में नहीं लिया गया है. जांच जारी है. अगर ऐसे कोई साक्ष्य मिलते हैं, जिनसे पता चले कि तिवारी इस षडयंत्र का हिस्सा था तो उसे हिरासत में लिया जाएगा.’
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, ‘हम चौबेपुर पुलिस थाने में तैनात कुछ और पुलिसकर्मियों के कॉल डिटेल भी खंगाल रहे हैं. जांच रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई की जाएगी.’
समाचार एजेंसी पीटीआई ने बताया था कि पुलिस ने स्थानीय पावर सब स्टेशन के सब डिविजनल अधिकारी और एक अन्य कर्मचारी को हिरासत में लिया था क्योंकि शुक्रवार को छापेमारी के दौरान बिजली सप्लाई काट दी गई थी.
पुलिस का कहना है कि सस्पेंड किए गए एसओ विनय तिवारी ने बिजली विभाग से छापेमारी के दिन बिकरु गांव में बिजली सप्लाई बाधित करने को कहा था ताकि बचाव टीम को अंधेरे का फायदा मिल सके.
कानपुर के एसएसपी दिनेश कुमार पी ने कहा, ‘जब पुलिस की टीम गांव पहुंची, तो रोशनी की वजह से आसानी से उनका पता लगा लिया गया इसलिए विनय तिवारी ने शुक्रवार रात लगभग दो बजे बिजली विभाग को फोन कर उन्हें बिजली सप्लाई बाधित करने को कहा था.’
पुलिस ने रविवार को कहा कि उन्हें दुबे के घर से हथियार और गोला-बारूद भी मिले हैं.
पुलिस अधिकारी ने कहा, ‘तलाशी के दौरान पुलिस को घर के अलग-अलग हिस्सों से दो किलोग्राम विस्फोटक, छह देशी पिस्तौल और 15 क्रूड बम मिले.’
राज्य सरकार ने दुबे की गिरफ्तारी के लिए सूचना देने वाले के लिए रविवार को एक लाख रुपये की इनामी राशि की घोषणा की है.
इस बीच कानपुर पुलिस ने कथित तौर पर दुबे की प्रशंसा करने और एक विशेष समुदाय के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी करने के लिए एक कोचिंग संस्थान के मालिक को गिरफ्तार कर लिया.
मालूम हो कि दो जुलाई की देर रात हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे को को पकड़ने के लिए कानपुर पुलिस की टीम जब चौबेपुर थाना क्षेत्र स्थित उसके गांव बिकरु पहुंची तो बदमाशों ने उन पर हमला कर दिया था.
इस मुठभेड़ में डिप्टी एसपी, एक थानाध्यक्ष समेत आठ पुलिसकर्मी मौत हो गई थी, जबकि मुठभेड़ में पांच पुलिसकर्मी, एक होमगार्ड और एक आम नागरिक घायल हो गए थे.
मुठभेड़ में जिन पुलिसकर्मियों की मौत हुई उनमें बिल्हौर के क्षेत्राधिकारी डिप्टी एसपी देवेंद्र मिश्रा (54), थानाध्यक्ष, शिवराजपुर महेश कुमार यादव (42), सब इंस्पेक्टर अनूप कुमार सिंह (32), सब इंस्पेक्टर नेबू लाल (48), कॉन्स्टेबल जितेंद्र पाल (26), सुल्तान सिंह (34), बबलू कुमार (23) और राहुल कुमार (24) शामिल हैं.
पहली मुठभेड़ में अपराधी पुलिसकर्मियों के हथियार भी छीन ले गए थे, जिनमें एके-47 रायफल, एक इंसास रायफल, एक ग्लॉक पिस्टल तथा दो नाइन एमएम पिस्टल शामिल थे.
इस मुठभेड़ के कुछ घंटे बाद हुई दूसरी पुलिस मुठभेड़ में पुलिस ने दो अपराधियों को मार गिराया था और उनके पास से लूटी गई एक पिस्टल भी बरामद की थी.