विशाखापत्तनम गैस लीक: जांच रिपोर्ट में एलजी पॉलीमर्स को बंद करने, केस दर्ज करने की सिफ़ारिश

यह हादसा सात मई को विशाखापत्तनम के नज़दीक आरआर वेंकटपुरम गांव स्थित एलजी पॉलीमर्स के रासायनिक संयंत्र में हुआ था. स्टाइरीन गैस के रिसाव से 11 लोगों की मौत हो गई थी, जबकि 1,000 से अधिक लोग प्रभावित हो गए थे.

(फोटो साभार: ट्विटर/@IamKalyanRaksha)

यह हादसा सात मई को विशाखापत्तनम के नज़दीक आरआर वेंकटपुरम गांव स्थित एलजी पॉलीमर्स के रासायनिक संयंत्र में हुआ था. स्टाइरीन गैस के रिसाव से 11 लोगों की मौत हो गई थी, जबकि 1,000 से अधिक लोग प्रभावित हो गए थे.

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हैदराबादः आंध्र प्रदेश के विशाखापट्टनम के नजदीक स्थित आरआर वेंकटपुरम गांव स्थित एलजी पॉलीमर्स के रासायनिक संयंत्र से स्टाइरीन गैस के रिसाव मामले की जांच कर रही उच्चस्तरीय समिति ने अपनी रिपोर्ट सोमवार को मुख्यमंत्री को सौंप दी.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, इस जांच रिपोर्ट में कंपनी के सभी निदेशकों और प्रबंधकों के खिलाफ मामला दर्ज करने, संयंत्र को बंद करने या कहीं और स्थानांतरित करने या फि इसे गैर प्रदूषक इकाई के रूप में तब्दील करने की सिफारिश की गई है.

इस मामले में मुख्यमंत्री वाईएस जगनमोहन रेड्डी को सोमवार को सौंपी गई 4,000 पेजों की जांच रिपोर्ट में कहा गया, ‘कंपनी को आरआर वेंकटपुरम में अपने मौजूदा प्रारूप में काम करने की मंजूरी नहीं दी जा सकती. इसे या तो यहां से शिफ्ट किया जाए या इसे गैर प्रदूषक इकाई के रूप में तब्दील किया जाए.’

मुख्यमंत्री ने विभिन्न विभागों के अधिकारियों को जिम्मेदार लोगों के लिए कानूनी प्रक्रिया शुरू करने का निर्देश दिया है.

सात मई को इस संयत्र में स्टाइरीन गैस के रिसाव से 11 लोगों की मौत हो गई थी और 1000 से अधिक लोग प्रभावित हुए थे. गैस रिसाव के बाद आसपास के तीन गांवों को खाली करा दिया गया था.

समिति में शामिल पर्यावरण, जंगल, और प्रोद्योगिकी के विशेष मुख्य सचिव नीरभ कुमार प्रसाद ने कहा, ‘हमने स्टाइरीन गैस रिसाव के लिए जिम्मेदार हर व्यक्ति की लापरवाही को चिह्नित किया है. इसमें कोरिया के निदेशक और प्रबंधक भी हैं. हमने यह भी सिफारिश की है कि या तो कंपनी को गैर प्रदूषक इकाई में तब्दील किया जाए या फिर इसे यहां से स्थानांतरित किया जाए.’

लॉकडाउन के दौरान जरूरी सावधानी नहीं बरतने के लिए कंपनी के शीर्ष प्रबंधन की ओर इशारा करते हुए समिति की जांच रिपोर्ट में कहा गया है कि एलजी पॉलीमर्स में इनहिबिटर्स और टर्मिनेटर्स का कोई स्टॉक मौजूद नहीं था. इनका इस्तेमाल दुर्घटना के प्रभाव को कम करने में किया जा सकता था.

रिपोर्ट में कहा गया कि एलजी पॉलीमर्स के सभी शीर्ष अधिकारियों पर लापरवाही और स्थिति के कुप्रबंधन के लिए मामला दर्ज किया जाएगा.

समिति का कहना है कि यह दुर्घटना एम-6 टैंक से स्टाइरीन गैस को अनियंत्रित तरीके से छोड़ने की वजह से हुई.

रिपोर्ट में कहा गया, ‘इस हादसे का मूल कारण टैंक की खराब डिजाइन, अपर्याप्त रेफ्रिजरेशन और खराब कूलिंग सिस्टम, सर्कुलेशन और मिक्सिंग सिस्टम की कमी, अपर्याप्त मानक, खराब सुरक्षा प्रोटोकॉल, सुरक्षा जागरूकता की कमी, खराब सुरक्षा प्रबंधन प्रणाली, प्रबंधन में कमी, स्टाइरीन के बारे में जानकारी का अभाव विशेष रूप से भंडारण स्थिति में, आपातकालीन रिस्पॉन्स प्रक्रिया का बंद होना और सुरक्षा प्रोटोकॉल का पालन नहीं करना है.’

इस उच्चस्तरीय समिति में पर्यावरण एवं वन विभाग के विशेष मुख्य सचिव नीरभ कुमार प्रसाद, उद्योग एवं वाणिज्य के विशेष मुख्य सचिव करिकल वालवेन, विशाखापट्टनम के कलक्टर वी विनय चंद, विशाखापट्टनम के पुलिस आयुक्त आरके मीणा आदि शामिल थे.