यह घटना पिछले साल दिसंबर में गुजरात के वडोदरा के फतेहगंज थाने में हुई थी. मृतक 62 वर्षीय बाबू शेख़ तेलंगाना के मूल निवासी थे. आरोपियों के ख़िलाफ़ मृतक को यातना देने, उसकी हत्या करने और सबूत मिटाने का केस दर्ज किया गया है.
अहमदाबाद: गुजरात के वडोदरा के एक थाने में चोरी के मामले में संदिग्ध 62 वर्षीय व्यक्ति को कथित रूप से यातना देने, उसकी हत्या करने और सबूत मिटाने के लिए निरीक्षक समेत छह पुलिसकर्मियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है. एक वरिष्ठ अधिकारी ने मंगलवार को यह जानकारी दी.
अधिकारी ने बताया कि पिछले साल दिसंबर में वडोदरा के फतेहगंज थाने में हुई थी और सहायक उपायुक्त (एसीपी) एसजी पाटिल द्वारा जांच किए जाने के बाद छह जुलाई की रात पुलिसकर्मियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई.
फतेहगंज थाने में दर्ज प्राथमिकी में कहा गया है कि आरोपी पुलिसकर्मी तेलंगाना के निवासी बाबू शेख को चोरी के एक मामले में शामिल होने के संदेह में उठाकर ले आए थे और थाने के कंप्यूटर कक्ष में उसे यातनाएं दीं, जिससे उनकी मौत हो गई थी.
Vadodara: Case registered against 6 police personnel for allegedly killing a theft case suspect while in custody at Fatehgunj police station.Police says,"Incident took place in December 2019. Victim died during interogation&his body was disposed off by the accused" #Gujarat (7.7) pic.twitter.com/uEblu07kHr
— ANI (@ANI) July 8, 2020
प्राथमिकी के अनुसार, इसके बाद आरोपियों ने किसी अंजान जगह पर उनका शव ठिकाने लगा दिया. उसके बाद आरोपियों ने थाने की डायरी में लिखा कि बाबू शेख को प्रारंभिक पूछताछ के बाद छोड़ दिया गया था और वह खुद ही थाने से चला गया था.
आरोपियों में पुलिस इंस्पेक्टर डीबी गोहिल, सब इंस्पेक्टर डीएम रबाड़ी, एलआरडी जवान पंकज मवजीभाई, योगेंद्र जिलनसिंह, राजीव सावजीभाई और हितेश शंभुभाई शामिल हैं.
पाटिल ने कहा कि चूंकि जांच चल रही थी इसलिए एक कॉन्स्टेबल को छोड़कर सभी आरोपी पुलिसकर्मियों का फतेहगंज थाने से तबादला कर दिया गया था.
उन्होंने कहा कि अभी इस मामले में किसी को गिरफ्तार नहीं किया गया है.
एसीपी ने कहा, ‘शेख (मृतक) पहले चोरी की कई वारदातों में शामिल था. वह केवल इसी मकसद से अपने दामाद के साथ वडोदरा आया था. उसे संदेह में उठाया गया था. फतेहगंज पुलिस की हिरासत में उसकी मौत हो गई.’
प्राथमिकी में कहा गया है कि 10 दिसंबर को शेख के लापता होने के बाद उसके संबंधियों ने एक जनवरी को सयाजीगंज थाने में गुमशुदगी की रिपोर्ट लिखवाई थी.
इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक मृतक बाबू शेख तेलंगाना के कामारेड्डी जिले के मूल निवासी थे और अहमदाबाद में रहते थे और एक लॉरी पर बेडशीट और कपड़े बेचते थे. वह अपने दामाद इब्राहिम के साथ अहमदाबाद से वडोदरा आए हुए थे.
एसजी पाटिल ने बताया कि गुमशुदगी की शिकायत दर्ज होने के बाद पुलिस टीमों ने गुजरात, महाराष्ट्र, तेलंगाना, और राजस्थान में उसकी तलाश की, जहां उसके खिलाफ घर तोड़ने के मामले सामने आए थे, लेकिन वह कहीं नहीं मिला.
इस बीच उनके बेटे ने भी वडोदरा शहर के पुलिस आयुक्त को एक आवेदन सौंपा, जिसमें उनके पिता के लापता होने में गुंडागर्दी का आरोप लगाया गया था.
इसके बाद सहायक पुलिस आयुक्त ए डिवीजन के तहत एक गोपनीय जांच शुरू की गई, जिसमें कोई निष्कर्ष नहीं निकला. उसके बाद 20 जून को उनके परिवार ने हाईकोर्ट में हैबियस कॉर्पस याचिका दायर की.
उसके बाद 25 जून को दोनों जांच का विलय कर दिया गया और आगे की जांच के लिए पाटिल को सौंप दिया गया.
आरोपी पुलिसकर्मियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 304 (हत्या), धारा 201 (अपराध के साक्ष्यों को मिटाना), 203 (अपराध को छुपाने के लिए झूठी जानकारी देना), 204 (सबूतों को मिटाने के लिए दस्तावेज़ या इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड का नुकसान करना) के तहत मामला दर्ज किया गया है.
जांच अधिकारी बीए चौधरी ने कहा, ‘हम सभी आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद पता करेंगे कि शव का निस्तारण कहां हुआ है. फिलहाल पुलिस स्टेशन में मौजूद सभी आरोपियों की व्यक्तिगत भूमिका की भी जांच चल रही है.’
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)