विशाखापट्टनम गैस लीकः लापरवाही के आरोप में एलजी पॉलीमर्स के अधिकारियों समेत 12 लोग गिरफ़्तार

यह गिरफ्तारियां आंध्र प्रदेश के विशाखापट्टनम स्थित एलजी पॉलीमर्स के रासायनिक संयंत्र में गैस रिसाव मामले की जांच कर रही एक उच्चस्तरीय समिति की रिपोर्ट आने के एक दिन बाद की गई है. मई महीने में संयंत्र में गैस रिसाव होने से 11 लोगों की जान चली गई थी.

(फोटो साभार: ट्विटर/@IamKalyanRaksha)

यह गिरफ्तारियां आंध्र प्रदेश के विशाखापट्टनम स्थित एलजी पॉलीमर्स के रासायनिक संयंत्र में गैस रिसाव मामले की जांच कर रही एक उच्चस्तरीय समिति की रिपोर्ट आने के एक दिन बाद की गई है. मई महीने में संयंत्र में गैस रिसाव होने से 11 लोगों की जान चली गई थी.

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(फोटो साभार: ट्विटर/@IamKalyanRaksha)

हैदराबादः आंध्र प्रदेश की विशाखापट्टनम पुलिस ने सात मई को एलजी पॉलीमर्स के आरआर वेंकटपुरम गांव स्थित रासायनिक संयंत्र से गैस रिसाव मामले में मंगलवार को 12 लोगों को गिरफ्तार किया. इनमें कंपनी के चार निदेशक भी शामिल हैं.

सात मई को इस संयत्र में स्टाइरीन गैस के रिसाव से 11 लोगों की मौत हो गई थी और 1000 से अधिक लोग प्रभावित हुए थे. गैस रिसाव के बाद आसपास के तीन गांवों को खाली करा दिया गया था.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, यह गिरफ्तारियां गैस रिसाव मामले की जांच कर रही एक उच्चस्तरीय समिति की रिपोर्ट आने के बाद की गई है.

इस जांच रिपोर्ट में समिति ने लापरवाही बरतने के लिए कंपनी के सभी शीर्ष प्रबंधन अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की सिफारिश की थी.

विशाखापट्टनम पुलिस आयुक्त आरे मीणा ने कहा कि जिन लोगों को गिरफ्तार किया गया, उनमें सीईओ और प्रबंध निदेशक संकी जियोंग, तकनीकी निदेशक डीएस किम, अतिरिक्त निदेशक (ऑपरेशंस) पीपीसी मोहन राव, स्टाइरीन मॉनिटरिंग प्रभाग के प्रभारी के श्रीनिवास किरण कुमार, प्रोडक्शन टीम लीडर राजू सत्यनारायण, इंजीनियर सी. चंद्रा शेखर, के. गौरीशंकर रामू और के. चक्रपाणि, ऑपरेटर एम. राजेश, नाइट ड्यूटी ऑफिसर (ऑपरेशंस) पी. बालाजी, सिक्योरिटी प्रभारी एस. अच्युत और सुरक्षा प्रभारी (नाइट शिफ्ट) के वेंकट नरसिम्हा पटनायक हैं.

राज्य सरकार द्वारा नियुक्त उच्चस्तरीय समिति ने सोमवार को 400 पेज की अपनी रिपोर्ट मुख्यमंत्री को सौंप दी थी और सिफारिश की थी कि कंपनी के सभी निदेशकों और प्रबंधकों के खिलाफ मामला दर्ज होना चाहिए. इसके साथ ही संयंत्र को या तो बंद करने या आर वेंकटपुरम से हटाकर कहीं ओर ले जाने की भी सिफारिश की गई थी.

पर्यावरण, वन, विज्ञान और प्रौद्योगिकी के विशेष मुख्य सचिव और उच्चस्तरीय समिति के चेयरमैन नीरभ कुमार प्रसाद ने कहा था, हमने स्टाइरीन गैस रिसाव के लिए जिम्मेदार हर व्यक्ति की लापरवाही को चिह्नित किया. इसमें कोरिया के निदेशक और प्रबंधक भी हैं. हमने यह भी सिफारिश की है कि या तो कंपनी को गैर प्रदूषक इकाई में तब्दील किया जाए या फिर इसे यहां से स्थानांतरित किया जाए. कंपनी का उसके मौजूदा स्वरूप में संचालन नहीं हो सकता.’

बता दें कि रिपोर्ट में कहा गया था कि यह दुर्घटना एम-6 टैंक से स्टाइरीन गैस को अनियंत्रित तरीके से छोड़ने की वजह से हुई थी.

रिपोर्ट में कहा गया, ‘इस हादसे का मूल कारण टैंक की खराब डिजाइन, अपर्याप्त रेफ्रिजरेशन और खराब कूलिंग सिस्टम, सर्कुलेशन और मिक्सिंग सिस्टम की कमी, अपर्याप्त मानक, खराब सुरक्षा प्रोटोकॉल, सुरक्षा जागरूकता की कमी, खराब सुरक्षा प्रबंधन प्रणाली, प्रबंधन में कमी, स्टाइरीन के बारे में जानकारी का अभाव विशेष रूप से भंडारण स्थिति में, आपातकालीन रिस्पॉन्स प्रक्रिया का बंद होना और सुरक्षा प्रोटोकॉल का पालन नहीं करना है.’